कर्नाटक। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि ऐसी बैठकों का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है और आने वाले दिनों में ऐसी कई बैठकें हो सकती हैं, लेकिन उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि विपक्षी दलों के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराने के अलावा एकजुट होने का कोई विशेष उद्देश्य नहीं है।
सत्रह और 18 जुलाई को कांग्रेस द्वारा आहूत विपक्षी दलों की बैठक के लिए 24 गैर-भाजपा दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करना है। बोम्मई ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय स्तर पर कोई मजबूत विपक्षी दल नहीं है, क्षेत्रीय दल अधिक हैं, इसलिए विपक्षी दलों का एकजुट होना और उनकी बैठकें आयोजित करने का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है, न ही इससे (उन्हें) कोई राजनीतिक लाभ होगा।’’
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा को हराने के एकमात्र इरादे से वे एकजुट हो रहे हैं, जिससे पता चलता है कि उनके पास अपनी ताकत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उनके पास एकजुट होने का कोई विशेष उद्देश्य नहीं है, उनका एकमात्र इरादा मोदी को हराना है।’ उन्होंने कहा कि देश आज आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रगति कर चुका है तथा कोविड-19 के बाद देश ने तेजी से आर्थिक सुधार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड पर नियंत्रण के बाद देश में जो विकास हुआ है, उससे मोदी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। लोग अच्छी तरह जानते हैं कि देश की सुरक्षा, प्रगति, आर्थिक विकास, शिक्षा और सामाजिक विकास केवल मोदी द्वारा ही संभव है।’’
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में विपक्ष की ऐसी कई बैठकें हो सकती हैं, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। कांग्रेस द्वारा बुलाई गई यह बैठक विपक्षी दलों की दूसरी ऐसी बैठक है। पहली बैठक 23 जून को बिहार के पटना में हुई थी जिसमें 15 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी 17 जुलाई को रात्रिभोज बैठक में शामिल होने की उम्मीद है जहां इन दलों के नेता मौजूद रहेंगे।