Rohini Acharya News: बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को मिली करारी हार के एक दिन बाद, पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा की. रोहिणी ने संजय यादव और रमीज पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं. उन्होंने रविवार को भी सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है, जिसने हलचल मचा दी है.
रोहिणी आचार्य ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-कल एक बेटी, एक बहन, एक शादीशुदा महिला, एक मां को जलील किया गया, गंदी गालियां दी गई, मारने के लिए चप्पल उठाया गया, मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया, सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पड़ी, कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए मां- बाप बहनों को छोड़ आई , मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया. मुझे अनाथ बना दिया गया. आप सब मेरे रास्ते पर कभी ना चलें, किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी-बहन पैदा ना हो.
कल एक बेटी, एक बहन , एक शादीशुदा महिला , एक माँ को जलील किया गया , गंदी गालियाँ दी गयीं , मारने के लिए चप्पल उठाया गया , मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया , सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पडी ..
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 16, 2025
कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए…
संजय यादव और रमीज पर लगाए गंभीर आरोप
एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुकीं रोहिणी लंबे समय से सिंगापुर में अपने पति के साथ रह रही हैं. उन्होंने राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में की. उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे यही करने को कहा था. और मैं पूरा दोष अपने ऊपर ले रही हूं.’ बता दें कि
संजय यादव, राजद के राज्यसभा सदस्य हैं और तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक माने जाते हैं. रमीज को तेजस्वी का पुराना मित्र बताया जाता है, जो उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से संबंधित हैं.
रोहिणी ने पिछले साल सारण से लड़ा था चुनाव
कुछ वर्ष पहले पिता लालू प्रसाद को अपनी किडनी डोनेट करने के कारण चर्चा में आई रोहिणी ने पिछले वर्ष सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. यह भी अटकलें थीं कि वह तेज प्रताप यादव के पार्टी से निष्कासन से ‘‘नाखुश’’ थीं, हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान वह तेजस्वी यादव के लिए प्रचार करती दिखीं. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की सीट घटकर 75 से 24 रह गईं.
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