नई दिल्ली। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का बनना नियति ने तय किया था और इस महान कार्य के लिए उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुना। आडवाणी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए लिखा कि वे अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के भव्य कार्यक्रम से पहले उनकी कमी महसूस कर रहे हैं। राम मंदिर निर्माण, एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति शीर्षक से लिखे गए एक लेख में 96 वर्षीय आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए 33 वर्ष पहले निकाली गई रथ यात्रा का जिक्र किया और कहा कि उनका मानना है कि उनकी राजनीतिक यात्रा में अयोध्या आंदोलन सबसे निर्णायक एवं परिवर्तनकारी घटना थी, जिसने उन्हें भारत को फिर से खोजने और इस प्रक्रिया में खुद को फिर से समझने का मौका दिया। लाल कृष्ण आडवाणी ने लिखा कि 25 सितंबर, 1990 की सुबह जब हमने रथ यात्रा शुरू की थी, तब हमें नहीं पता था कि भगवान राम के प्रति जिस आस्था के साथ हम यह यात्रा शुरू कर रहे हैं, वह देश में एक आंदोलन का रूप ले लेगी।
76 वर्ष पुरानी हिंदी पत्रिका ‘राष्ट्र धर्म’ के 16 जनवरी को विशेष संस्करण में प्रकाशित होने वाले लेख में आडवाणी ने उल्लेख किया है कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरी रथ यात्रा के दौरान उनके साथ थे। तब वह बहुत प्रसिद्ध नहीं थे, लेकिन उसी समय भगवान राम ने अपने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए अपने भक्त (मोदी) को चुन लिया था। उस समय मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर जरूर बनेगा।उन्होंने आगे कहा, ‘खैर, अब यह केवल कुछ समय की बात है। आडवाणी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिर में (भगवान राम की मूर्ति का) अभिषेक करेंगे तो वह भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे। मैं प्रार्थना करता हूं कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्रीराम के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करे।
उन्होंने कहा कि रथ यात्रा के दौरान कई अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया। दूर-दराज के गांवों से लोग रथ को देखने के बाद भावना से अभिभूत होकर मेरे पास आते थे। वे प्रणाम करते थे और भगवान राम का उद्घोष कर चले जाते थे। यह एक संदेश था कि कई लोगों ने राम मंदिर का सपना देखा था.. 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ उन ग्रामीणों की दबी हुई इच्छाएं भी पूरी हो जाएंगी। विश्व हिंदू परिषद के मुताबिक, आडवाणी अयोध्या में प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे। सूत्रों ने बताया कि पत्रिका के इस विशेष संस्करण की एक प्रति कार्यक्रम में सभी लोगों के साथ साझा की जाएगी।
जानें क्या लिखा आडवाणी ने
आडवाणी ने कहा, ‘‘उस समय मुझे लगा कि नियति ने तय कर लिया है कि एक दिन अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर जरूर बनेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘खैर, अब यह केवल समय की बात है.’’ अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को आयोजित होने वाला है. समारोह के लिए प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, देश भर के हजारों संतों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर अयोध्या में एक लाख से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद है. आडवाणी ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री मोदी मंदिर में (भगवान राम की मूर्ति की) प्राण प्रतिष्ठा करेंगे, तो वह हमारे भारत के प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करेंगे. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्री राम के गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘रथ यात्रा के दौरान, कई अनुभव हुए जिन्होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया. दूर-दराज के गांवों से अज्ञात लोग रथ को देखने के बाद भावना से अभिभूत होकर मेरे पास आते थे. वे प्रणाम करते थे, भगवान राम के नाम का जप करते थे और चले जाते थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक संदेश था कि ऐसे कई लोग थे जिन्होंने राम मंदिर का सपना देखा था… 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के साथ, उन ग्रामीणों की दबी हुई इच्छाएं भी पूरी हो जाएंगी.’’ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के मुताबिक आडवाणी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे.