कोटा । शहर में चम्बल नदी की गोद में बने प्रदेश के पहले हेरिटेज रिवर फ्रंट का मंगलवार को लोकार्पण हो गया. कोटा के लोगों को बरसों से इस सौगात का इंतजार था, लेकिन समारोह के मुख्य अतिथि सीएम अशोक गहलोत का नहीं आना सबको खटका. शाम को कैबिनेट बैठक के स्थगन की सूचना ने भी कई तरह की आशंकाओं को जन्म दिया कि जिस आयोजन को भव्य बनाने में सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन ने कसर नहीं छोड़ी, ऐन मौके पर ऐसा क्या हुआ कि मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्रियों और हाड़ौती के बड़े कांग्रेस नेताओं ने आयोजन से दूरी बनाकर रखी।
सार्वजनिक निर्माण मंत्री प्रमोद जैन भाया, नईमुद्दीन गुड्डू, राखी गौतम समेत कई पार्टी के कई शीर्ष नेता नदारद रहे। हालांकि लोकार्पण समारोह तय कार्यक्रम के मुताबिक हुआ। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, सीएम पुत्र वैभव गहलोत सहित कई मंत्रियों और विधायक उद्घाटन समारोह में उपस्थित रहे। कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक तक 2.75 किमी में विकसित चंबल रिवर फ्रंट का अवलोकन कर सभी गणमान्य अभिभूत नजर आए। देर शाम को चंबल माता की प्रतिमा का लोकार्पण हुआ और 125 पंडितों ने आरती की। इसके बाद फाउंटेन शो ने सबका मन मोह लिया।
पूर्व विधायक ने उठाए थे गंभीर सवाल
कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने लोकार्पण से एक दिन पहले प्रोजेक्ट पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने रिवर फ्रंट के निर्माण को अवैध बताया और कहा कि इसे बनाने के दौरान सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों की अवहेलना की गई। करोड़ों रुपए का दुरुपयोग किया गया। विधायक शांति धारीवाल ने वाहवाही लूटने के लिए घड़ियाल सेंचुरी के बफर जोन में निर्माण करवा दिया। निर्माण की स्वीकृति नहीं ली। गुंजल पर भी सवाल उठे कि निर्माण के दौरान उन्होंने कदम क्यों नहीं उठाया? क्यों लोकार्पण का इंतजार करते रहे ?
नहीं पहुंचे रणवीर और दीपिका भी
लोकार्पण समारोह में रिवर फ्रंट के लिए ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को भी आना था, लेकिन वे भी नहीं आए। यूआईटी ने एक साल का करार किया है। हालांकि बुधवार को वे आ सकते हैं। इसके बाद वे कोटा शहर का प्रमोशन करेंगे। इसकी थीम रखी गई है, कोटा नहीं देखा तो क्या देखा।
15 हजार लोग एक बार में देख सकेंगे, तीन एंट्री पॉइंट
दुबई की तर्ज पर यहां फाउंटेन लगे हैं, जहां हर शाम म्यूजिकल शो होगा। एक बार में करीब 15 हजार लोग यहां घूमने आ सकते हैं। तीन एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। जिस समय चंबल माता की प्रतिमा से पानी गिर रहा था उस समय बादल और मानसून भी मेहरबान हुए। कोटा चंबल माता के कलश से पानी गिर रहा था तो इंद्रदेव ने भी स्वागत किया।
ये रिकॉर्ड बनाने के किए गए दावे
नेहरू का सबसे बड़ा फेस मास्क: पं. जवाहरलाल नेहरू का देश का सबसे बड़ा फेस मास्क बनाया है। ऊंचाई 264.50 मीटर है। 5.50 करोड़ से गन मेटल से बना मुखौटा 25 टन वजनी है। पर्यटक मुखौटे की आंख में से रिवर फ्रंट देख सकेंगे।
दुनिया का सबसे बड़ा नंदी: पश्चिमी जोन में नंदी की प्रतिमा है, जो दुनियाभर में सबसे बड़ी है। ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 मीटर और चौड़ाई 4.5 मीटर है। जोधपुर स्टोन से ओडिशा के 200 कारीगरों ने इसे 6 महीने में तराशा है।
सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा: बैराज गार्डन में देश की सबसे ऊंची चंबल माता की मूर्ति लगाई गई है। ऊंचाई 42 मीटर है। इसे 20 मीटर पेडस्टल पर लगाया है। वियतनाम मार्बल से जयपुर में बनी इस प्रतिमा का वजन 20,800 क्विंटल है। इसे 1500 पीस में यहां लाया गया। इसके कलश मसे एक घंटे में 7 लाख लीटर पानी गिरेगा।
क्रूज के लिए चुकानी पड़ेगी यह राशि
हैरिटेज चंबल रिवर फ्रंट पर प्रवेश के लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपए एंट्री फीस लगेगी। स्टूडेंट्स से 100 रुपए लिए जाएंगे। इसके अलावा रिवर फ्रंट पर अलग-अलग सुविधाओं के लिए अलग शुल्क लगेगा। चंबल रिवर फ्रंट पर पर्यटक तीनों द्वारों से प्रवेश कर सकेंगे। एंट्री के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों सुविधा रहेगी। पर्यटक पार्किंग तक ही वाहन ले जा सकेंगे। रिवर फ्रंट पर ई-व्हीकल से जाना होगा। ई-व्हीकल या पैदल घूमने का विकल्प रहेगा। रिवर फ्रंट पर ई-व्हीकल से जाना होगा। दोनों किनारों पर ई-व्हीकल या पैदल घूमने का विकल्प रहेगा।