कोच्चि। केरल में पांच साल की एक बच्ची से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या करने के आरोपी को पांच साल पहले भी दिल्ली में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। केरल पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अलुवा (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार ने बताया कि अशफाक आलम अपराध के सिलसिले में दिल्ली में एक महीने तक जेल में रहा था और बाद में जमानत पर बाहर आ गया था। पुलिस अधीक्षक ने कहा, उसे 2018 में गाजीपुर पुलिस ने 10 वर्षीय बच्ची के यौन उत्पीड़न के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस को पृष्ठभूमि की जांच करते समय उसके आपराधिक रिकॉर्ड का पता चला।
गवाह बोला, आरोपी को सजा दिलाने के लिए कहीं भी दूंगा बयान
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बिहार का मूल निवासी आलम प्रवासी श्रमिक के रूप में केरल पहुंचने से पहले क्या किसी अन्य अपराध में शामिल था।
इस बीच, आरोपी की पहचान के लिए अलुवा उप-जेल में शिनाख्त परेड कराई गई। अपराध के तुरंत बाद शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी को रविवार को उप-जेल लाया गया था। बताया जाता है कि शिनाख्त परेड में कम से कम तीन गवाह शामिल हुए। हालांकि, पुलिस ने ज्यादा जानकारी नहीं दी। अपराध से पहले आलम को बच्ची के साथ बाजार में जाते देखने वाले एक स्थानीय मजदूर ताजुद्दीन ने बताया कि अधिकतम सजा सुनिश्चित करने के लिए वह आरोपी के खिलाफ कहीं भी बयान देने के लिए तैयार है।
पांच साल की मासूम पर नहीं आई दया
उसने इस बात की भी पुष्टि की कि शिनाख्त परेड के दौरान उसने आरोपी को पहचान लिया था। उसने कहा, उसे अधिकतम सजा मिलनी चाहिए। मैंने उसे उस दिन देखा था। मैं यह बात कहीं भी कह सकता हूं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने पहले ही आरोपी की हिरासत की अर्जी दाखिल कर दी है। पहचान परेड प्रक्रिया के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे। शेष चीजों पर निर्णय अदालत को लेना है। पीड़ित बच्ची उसी इमारत में रहती थी जिसमें आलम रहता था। आरोपी आलम ने पांच वर्षीय बच्ची की 28 जुलाई को कथित तौर पर अपहरण के बाद दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी। बच्ची का शव अलुवा इलाके में एक बाजार के पीछे दलदल वाले इलाके में बोरे में मिला था। पुलिस ने कहा था कि आरोपी को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन नशे की हालत में होने के कारण उससे पूछताछ नहीं की जा सकी।