Tuesday, June 3, 2025
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कौन बनेगा मुख्यमंत्री : राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्रियों के चयन के लिए भाजपा 8 दिसंबर को केंद्रीय पर्यवेक्षकों की घोषणा कर सकती है

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने विधायक दल के नेताओं के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शुक्रवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा कर सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा शुक्रवार को होने की उम्मीद है। इसके बाद वे नवनिर्वाचित विधायकों की बैठकों के लिए संबंधित राज्यों की यात्रा करेंगे, जहां भविष्य के मुख्यमंत्रियों के नाम घोषित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पसंद पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है और पार्टी तीनों मुख्यमंत्रियों को चुनने में सामाजिक, क्षेत्रीय, शासन और संगठनात्मक हितों को ध्यान में रखेगी।

तीन राज्यों के नेता गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इस तरह की बैठकें नियमित होती हैं।

उन्होंने कहा, ‘राज्य के कई नेता हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व से मिल रहे हैं। केवल तीन मुख्यमंत्री हो सकते हैं। किसी को भी इसे ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि संभावितों में वे सांसद भी शामिल हैं जिन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया है और शिष्टाचार के तौर पर राष्ट्रीय नेताओं से मिल रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राजस्थान के बाबा बालकनाथ ने बृहस्पतिवार को शाह से मुलाकात की। दोनों ने अपने-अपने राज्यों की विधानसभा का सदस्य चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी दिल्ली में हैं। पिछले दिनों उन्होंने कई नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की है।

सूत्रों ने बताया कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं।

तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के संभावित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। चौहान की तरह पटेल भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं।

पटेल और तोमर भाजपा के उन 12 सांसदों में शामिल हैं जो विधानसभा सदस्य चुने गए हैं और उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, संसद की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा देने वाली गोमती साय और प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री लता उसेंडी भी शामिल हैं। साव ओबीसी समुदाय से हैं वहीं साय और उसेंडी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं।

सामाजिक पृष्ठभूमि, छवि और अपेक्षाकृत युवा प्रोफ़ाइल के कारण राज्य के शीर्ष पद के लिए इन नेताओं को मजबूत दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है।

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