America Strikes Iran: ईरान-इजरायल की जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। इजरायल का साथ देते हुए अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर मिसाइल अटैक किए है। इसके बाद ईरान ने अमेरिका को सख्त धमकी दी है। हमारे निशाने पर अमेरिका का हर सैनिक और ठिकाने है। इजराइल के हवाईअड्डा प्राधिकरण ने रविवार को कहा कि वह ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हमलों के मद्देनजर देश का हवाई क्षेत्र बंद कर रहा है।
इजरायल ने बंद किया अपना हवाई क्षेत्र
इजराइल के हवाईअड्डा प्राधिकरण ने कहा, वह अमेरिका के हमलों के बाद अपनी हवाई यातायात बंद कर रहा है। हालांकि प्राधिकरण ने यह नहीं बताया कि यह कितने समय तक रहेगा। अमेरिका ने रविवार तड़के ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमले किए और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों में शामिल हो गया।

इस बीच ईरान ने कहा कि इस्फहान, फोर्दो, नतांज और अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका के हमले के बाद विकिरण के कोई संकेत नहीं मिले हैं। ईरान की सरकारी मीडिया ने देश के राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रणाली केंद्र के बयान का हवाला देते हुए खबर दी है कि ‘विकिरण डिटेक्टर’ ने हमलों के बाद कोई रेडियोधर्मी उत्सर्जन नहीं पाया।
संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केन्द्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। गुतारेस ने एक बयान में कहा, इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘इस जोखिम भरे वक्त में यह अहम है कि हम अराजकता के चक्र से बचें। संयुक्त राष्ट्र महासचिव मुद्दे के कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया।

ईरान का दावा- हमारी न्यूक्लियर साइट्स सुरक्षित
अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ईरान ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारी किसी भी न्यूक्लियर साइट को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। साथ ही सरकार ने आश्वासन दिया है कि आम नागरिकों को रेडिएशन से जुड़े किसी भी प्रकार के खतरे की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को सफल बताया है। अपने आधिकारिक संबोधन में ट्रंप ने ईरान को शांति की दिशा में कदम बढ़ाने की नसीहत दी है और कहा है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा की भावना से प्रेरित थी। इस घटनाक्रम ने वैश्विक स्तर पर चिंता तो जरूर बढ़ा दी है, लेकिन ईरान की ओर से आई यह स्पष्टता फिलहाल तनाव को कुछ हद तक कम कर सकती है। इससे पहले ईरान ने धमकी देते हुए कहा था कि ‘अमेरिका का हर नागरिक और सैनिक हमारे निशाने पर है।

अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंखघन किया : ईरान
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने पुष्टि की है कि देश के प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर दुश्मन ने हवाई हमले किए हैं। संगठन ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
AEOI ने IAEA पर निष्क्रियता और मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि ये हमले उस संस्था की सीधी निगरानी में हुए हैं, जिसे दुनिया भर में परमाणु गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन हमलों की कड़ी निंदा करने की अपील की है और स्पष्ट किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम किसी भी दबाव या हमले के आगे नहीं झुकेगा। तेहरान ने दोहराया है कि उसका परमाणु विकास कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और उसे रोका नहीं जाएगा।