Iran Israel War: ईरान इजरायल जंग में अमेरिका की एंट्री के बाद से मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है. ईरान ने UNSC की बैठक में अमेरिका को चेतावनी देते हुए जवाबी कार्रवाई की बात कही है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोर्थी शी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि ‘ अमेरिकियों या अमेरिकी सैन्य अड्डों के खिलाफ ईरान के किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हमले का जवाब सख्ती से दिया जाएगा.’
ईरान पर हमले को बताया नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम
अमेरिकी राजदूत ने बैठक में कहा कि अमेरिका ने इजराइल और अमेरिकी नागरिकों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है ताकि ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोका जा सके क्योंकि ईरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के बारे में भ्रामक बातें फैलाईं और हालिया वार्ताओं में सद्भावनापूर्ण प्रयासों को सफल नहीं होने दिया.’ शी ने सुरक्षा परिषद से आग्रह किया कि वह ईरान से इजराइल को खत्म करने के मकसद से 47 साल से जारी उसके प्रयास को बंद करने, अपने परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने, अमेरिकियों और अमेरिकी हितों को निशाना बनाना बंद करने और सद्भावनापूर्वक शांति वार्ता करने का आह्वान करे.
ईरान फिर कभी परमाणु खतरा न बने : इजरायल
वहीं इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने ईरान द्वारा बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में कहा कि ईरान के 3 परमाणु केन्द्रों पर अमेरिका के हमलों ने विश्व के समक्ष मौजूद अस्तित्व के खतरे को समाप्त कर दिया है. कूटनीति का मार्ग अपनाने की कोशिश की गई लेकिन ईरान ने बातचीत की मेज का इस्तेमाल देर करने की रणनीति अपनाने, मिसाइलों का निर्माण करने और यूरेनियम संवर्धन करने में किया. इजराइल ने ईरान को कई साल दिए लेकिन वह नहीं माना इसलिए इजरायल ने कदम उठाया और जब दुनिया परमाणु आपदा के मुहाने पर खड़ी थी तब अमेरिका आगे आया. अब दुनिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ईरान फिर कभी परमाणु खतरा न बने’
UNSC में ईरान की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावनी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में कहा कि ईरान ने अपने 3 परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद कहा कि ईरान ने युद्धोन्मादी अमेरिकी शासन को बार-बार चेतावनी दी थी कि वह इस दलदल में न फंसे.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले करके ‘कूटनीति के रास्ते बंद करने का निर्णय लिया’ तथा अब ईरान की सेना यह निर्णय करेगी कि जवाबी कार्रवाई कब की जाएगी और इसकी प्रकृति कैसी होगी तथा इसे कैसे अंजाम दिया जाएगा. हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे.’
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