जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से रविवार को आयोजित हुई सहायक आचार्य, पुस्तकालय अध्यक्ष एवं शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक परीक्षा के दौरान प्रदेश के 7 बड़े शहरों में 4 से 5 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। पेपरलीक और परीक्षा में फर्जीवाड़े से बचने के लिए राज्य सरकार ने ये निर्णय किया। लेकिन नेटबन्दी का यह निर्णय आमजन को रास नहीं आया।
लोगों ने यही कहा कि प्रदेश में भले सरकार बदल गई पर हालात नहीं बदले। पिछली कांग्रेस सरकार में ऐसा कई बार हुआ, इसके बावजूद पेपरलीक की घटनाएं नहीं थम पाईं। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ गहलोत सरकार भारी पड़ा। युवाओं ने सरकार के विरोध में मतदान किया और कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी।
परीक्षा के मद्देनजर जयपुर, बीकानेर, भरतपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा जिले में मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई। सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक इंटरनेट सेवाएं अस्थाई रूप से निलंबित करने के आदेश जारी हुए।
राजस्थान लोक सेवा आयोग परीक्षा के लिए जारी किए गए आदेश के अनुसार इंटरनेट सर्विस प्रदाताओं द्वारा 2G, 3G, 4G और 5G डेटा इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस, एमएमएस, व्हाटसएप, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के लिए इंटरनेट सेवाएं (सभी प्रकार की लैंडलाइन वॉइस कॉल, मोबाइल फोन, सभी लीज लाइन, ब्रॉड बैंड यथा संभव हॉस्पिटल, बैंक और इंडस्ट्रीज को छोड़कर बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।
कड़ी सुरक्षा के प्रबंधन किए गए, कोई गड़बड़ी नहीं हो
पेपर लीक के संबंध में गठित एसआईटी के प्रमुख एवं एटीएस व एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि रविवार को आयोजित की जाने वाली परीक्षा में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की संभावना को रोकने के साथ ही परीक्षा निर्विघ्न व निर्विवाद तरीके से पूर्ण करने के लिए अपेक्षित तैयारियां की गई। प्रश्न पत्र स्टोर एवं वितरण, परीक्षा केंद्र पर नियोजित पुलिस कार्मिकों एवं फ्लाइंग स्क्वॉड के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। इन परीक्षाओं के प्रश्न पत्र नियत स्थान तक पहुंचाने के दौरान समुचित पुलिस व्यवस्था की गई। इस दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई गई। स्ट्रांग रूम की प्रश्न प्राप्ति से लेकर परीक्षा समाप्ति के बाद सील्ड पैकेट को आयोग भेजे जाने तक की अवधि तक सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की गई। इसके लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया।