जयपुर। राजस्थान में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 26 लाख हो गई जिनमें 2.51 करोड महिला मतदाता हैं। निर्वाचन विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य में मतदाता सूचियों के इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान 6 लाख 96 हजार 424 मतदाताओं की वृद्धि हुई है। अन्तिम प्रकाशन की तिथि तक राज्य में कुल 5 करोड़ 26 लाख 80 हजार 545 मतदाता पंजीकृत हैं और उनमें से 2 करोड़ 73 लाख 58 हजार 627 पुरूष और 2 करोड़ 51 लाख 79 हजार 422 महिला हैं।
गुप्ता ने बताया कि पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान निर्धारित अवधि में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रारूप-6 में कुल 10 लाख 92 हजार 358 आवेदन पत्र और प्रारूप-7 में विलोपन के लिए 3 लाख 95 हजार 934 आवेदन पत्र स्वीकार हुए। इस क्रम में राज्य की सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुल 6 लाख 96 हजार 424 मतदाताओं की वृद्धि हुई है जो 1.27 प्रतिशत है। इस पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत अन्तिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची में 80 वर्ष से अधिक आयु के कुल 11.78 लाख मतदाता, 100 वर्ष से अधिक आयु के कुल 17241 मतदाता हैं। इसी प्रकार से कुल 5.61 लाख विशेष योग्यजन मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में पंजीकृत इन मतदाताओं को निर्वाचन के समय होम वोटिंग के रूप में पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा का विकल्प प्रदान किया गया है। गुप्ता ने बताया कि पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान महिलाओं, ट्रांसजेंडरों, पीवीटीजी (विषेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों) आदि वर्गों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिये विशेष शिविरों का आयोजन कर उन्हें मतदाता सूची में जोड़ा गया। विशेष शिविरों में कुल 32 हजार 247 नवविवाहित महिलाओं का पंजीकरण किया गया। अंतिम प्रकाशन की तिथि को राज्य में कुल 606 ट्रांसजेंडर मतदाता और 77 हजार 343 पीवीटीजी मतदाता पंजीकृत है। मतदान केन्द्रों के पुनर्गठन और सुव्यवस्थीकरण प्रक्रिया में भारत निर्वाचन आयोग से अनुमोदन प्राप्त होने के बाद राज्य में 601 मतदान केन्द्रों का नवसृजन और 32 मतदान केन्द्रों का समायोजन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 569 मतदान केन्द्रों की शुद्ध वृद्धि हुई है। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में 4 करोड़ 77 लाख 89 हजार मतदाता थे।