Saturday, October 5, 2024
Homeतकनीक-शिक्षाIIT Delhi : विद्यार्थियों में तनाव कम करने को लेकर उठाया बड़ा...

IIT Delhi : विद्यार्थियों में तनाव कम करने को लेकर उठाया बड़ा कदम…

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Delhi) के निदेशक रंगन बनर्जी ने कहा कि संस्थान ने अपनी मूल्यांकन प्रणाली में सुधार किया है और विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए मध्य सेमेस्टर परीक्षाओं का एक सेट हटा दिया है।
यह निर्णय कई IIT में विद्यार्थियों की आत्महत्या के कई मामलों की पृष्ठभूमि में आया है, जिसने इस बात को लेकर बहस छेड़ दी है कि क्या पाठ्यक्रम और कठिन अध्ययन कार्यक्रम विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। बनर्जी ने कहा पहले हम एक सेमेस्टर की परीक्षाओं में 2 सेट का इस्तेमाल करते रहे हैं, हर सेमेस्टर के अंत में अंतिम परीक्षा और कई सतत मूल्यांकन प्रणालियां। हमने एक आंतरिक सर्वेक्षण किया और सभी विद्यार्थियों तथा संकाय से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, हमने परीक्षाओं के एक सेट को छोड़ने का फैसला किया है। इसलिए, अब नियमित मूल्यांकन के अलावा परीक्षाओं के 2 सेट होंगे।
उन्होंने कहा हमने महसूस किया कि परीक्षा कार्यक्रम बहुत अधिक बोझिल था, इसलिए विद्यार्थियों का बोझ और तनाव कम करने का फैसला किया। इस फैसले को सीनेट की मंजूरी मिल गई है और इसे चालू सेमेस्टर में लागू किया जाएगा। दोनों परीक्षाओं के लिए अधिकतम 80 फीसदी अधिभार (वेटेज) की सीमा निर्धारित की गई है। IIT परिषद ने अप्रैल में अपनी बैठक में यह निर्णय लिया कि एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली, अधिक मनोवैज्ञानिक काउंसिलिंग सेवा और विद्यार्थियों में तनाव और अनुत्तीर्ण होने और दरकिनार किए जाने के डर को कम करने की जरूरत है।

बैठक में विद्यार्थियों के खुदकुशी करने, कथित भेदभाव और विद्यार्थियों का मानसिक आरोग्य सुनिश्चित करने के लिए गहन चर्चा की गई। पिछले महीने संसद में साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक सभी आईआईटी में पिछले 5 साल के दौरान विद्यार्थियों की आत्महत्या के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2018 से 2023 के बीच भारत के उच्च शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों की आत्महत्या के 98 मामलों में से 39 मामले IIT के हैं। बनर्जी ने कहा कि IIT -दिल्ली कुछ मेंटरशिप और मेलजोल के उपायों को मजबूत करने पर जोर दे रहा है, विशेष रूप से कक्षाओं के बाहर विद्यार्थियों के साथ बातचीत को प्रोत्साहित करने पर।
उन्होंने कहा कि मौजूदा विद्यार्थी-शिक्षक संपर्क परिषद के माध्यम से छोटे-छोटे समूहों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच समय-समय पर अनौपचारिक रात्रिभोज की आवृत्ति को बढ़ाने के अलावा विद्यार्थियों के साथ ओपन हाउस बातचीत की आवृत्ति भी बढ़ाई जा रही है। विद्यार्थियों की खुदकुशी के बारे में बनर्जी ने कहा सभी IIT में विद्यार्थी एक बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये पहुंचते हैं, वे एक ऐसी कक्षा में पहुंचते हैं जहां बहुत से बहुत अधिक बुद्धिमान विद्यार्थी होते हैं… हमें लोगों को यह बताने में समर्थ होना चाहिए कि नाकामी का सामना कैसे करते हैं…यह कुछ ऐसा है जिस पर हम ध्यान दे रहे हैं।

Mamta Berwa
Mamta Berwa
JOURNALIST
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments