श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (peoples democratic party) (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि 1931 में आज के ही दिन डोगरा शासक की सेना के हाथों मारे गए 22 कश्मीरी लोगों को श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा (Mehbooba Mufti) ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हमारे इतिहास को विकृत करने या हमारे नायकों को भूला देने नहीं देंगी। उन्होंने Twitter पर लिखा आज शहीदों की कब्र पर जाने से रोकने के लिए मुझे घर में नजरबंद कर दिया गया है। यह ऐसे समय किया गया है जब भारत सरकार ने SC (उच्चतम न्यायालय) में विश्वासघात-अनुच्छेद 370 के अवैध निरसन- को सही ठहराने के लिए स्थिति सामान्य हो जाने के अपने ऊंचे दावों का इस्तेमाल किया है।
महबूबा (Mehbooba Mufti) ने तस्वीरें और वीडियो भी पोस्ट किए जिसमें शहर के बाहरी इलाके खिंबर में उनके आवास का मुख्य द्वार बाहर से बंद दिख रहा है। उन्होंने कहा भाजपा घृणा फैलाने एवं समाज में विभाजन पैदा करने वाले अपने नायकों वीर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, गोलवलकर और गोडसे को हम पर नहीं थोप सकती है। हमारे लिए जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की जड़ें जमाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, उनके साहसपूर्ण कार्य की हमेशा सराहना की जाएगी।
महबूबा (Mehbooba Mufti) ने कहा हम आपको हमारे इतिहास को विकृत करने या हमारे नायकों को भूला देने की अनुमति नहीं देंगे। शहीद दिवस के मौके पर, मैं तानाशाहों के खिलाफ बहादुरी से लड़ने के लिए उनके साहस को सलाम करती हूं।