Asaram Bail: गुजरात हाईकोर्ट ने 2013 के दुष्कर्म के एक मामले में आसाराम को दी गई अस्थायी जमानत की अवधि शुक्रवार को 7 जुलाई तक बढ़ा दी. आसाराम इस मामले में उमक्रैद की सजा काट रहा है. न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान आसाराम की अस्थायी जमानत को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया. पहले 28 मार्च को उसे 3 महीने के लिए जमानत दी गई थी. आसाराम स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर है.
कोर्ट ने इस वजह से बढ़ाई जमानत अवधि
जमानत अवधि इसलिए बढ़ाई गई है ताकि उसका वकील याचिका में आवश्यक दस्तावेज जमा कर सके. मामले पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी. गुजरात हाईकोर्ट द्वारा 28 मार्च को दी गई अस्थायी जमानत की अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है. आसाराम के वकील ने दस्तावेज जमा करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगते हुए दावा किया कि अदालत के 28 मार्च को अस्थायी जमानत दिए जाने के बाद जोधपुर हाईकोर्ट से आदेश मिलने की प्रक्रिया के कारण 10 दिन बर्बाद हो गए थे और आसाराम को 7 अप्रैल को रिहा किया गया था. उन्होंने कहा, ‘इसलिए मैं 2 दिन का समय देने का अनुरोध करता हूं ताकि अगर सोमवार को मामले पर सुनवाई होती है, तो मैं दस्तावेज रिकॉर्ड पर रख सकूं और वे (प्रतिवादी) भी इसे सत्यापित कर सकें.’
कोर्ट ने आदेश में कही ये बात
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ‘वर्तमान मामले के विशिष्ट तथ्यों, विशेषकर नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, हम अस्थायी जमानत को 7 जुलाई तक बढ़ा रहे हैं.’
28 मार्च को दी गई थी 3 महीने की अस्थायी जमानत
हाईकोर्ट ने 28 मार्च को आसाराम को 3 महीने के लिए अस्थायी जमानत दी थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई अंतरिम जमानत 31 मार्च को समाप्त हो रही थी. उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने विभाजित फैसला सुनाया था जिसके बाद इस मामले को तीसरे न्यायाधीश के पास भेजा गया था, जिन्होंने आसाराम को 3 महीने की अस्थायी जमानत देने के पक्ष में फैसला सुनाया.
आसाराम दुष्कर्म के मामलों में काट रहा उम्र कैद की सजा
गौरतलब है कि गांधीनगर में एक अदालत ने जनवरी 2023 में आसाराम को दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. आसाराम 2013 में राजस्थान में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण के एक अन्य मामले में भी उम्रकैद की सजा काट रहा है. मौजूदा मामले में उसे सूरत की रहने वाली एक महिला अनुयायी के साथ 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था.