दिल्ली। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का फिलहाल केंद्र सरकार का कोई इरादा नही है. सोमवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है और सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु के तौर पर मान्यता देने का इरादा नहीं रखती है. राजस्थान के अजमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में सवाल उठाए थे. चौधरी ने पूछा था कि क्या सरकार भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग ‘गौमाता’ को राष्ट्रीय पशु के रूप में मान्यता देने वाली है ? इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने साफ इंकार कर दिया. किशन रेड्डी ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘भारत सरकार ने बाघ और मोर को राष्ट्रीय पशु व राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर मान्यता दी है. इन दोनों जीवों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल किया गया है।’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार MoEF&CC के आधिकारिक रिकॉर्ड में दखल नहीं दे रही है. मंत्रालय ने 30 मई 2011 को बाघ और मोर को राष्ट्रीय पशु व राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर फिर से अधिसूचित किया था. फिलहाल सरकार इस अधिनियम में कोई बदलाव नहीं करेगी.
गाय के नाम पर राजनीति बवाल
भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है लेकिन चुनाव आते-आते गाय के नाम पर राजनीति चरम पर आ जाती हैं. गौरक्षा के नाम पर कई जगह हिसां भी होती है सालों पहले गौ-रक्षकों की एक भीड़ ने संसद पर लगभग हमला बोल दिया था; इस कारण एक गृह-मंत्री को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था, पिछले कई सालों में गौ-रक्षा के नाम पर पूरे देश में काफी हमलें हुए हैं. जिनमें से कई में लोगों को पीट-पीटकर मारा डाला गया. गौरक्षा के एक मामले में तो एक 12 साल के बच्चे इम्तियाज़ ख़ान को मारकर पेड़ से लटका दिया गया था. राजस्थान भी गौ-रक्षा की राजनीति से अछूता नही रहा. 1 अप्रैल 2017 को, पहलू खान पर गौरक्षकों ने हमला किया था इस हमले में पहलू खान की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पहलू खान गायों और बछड़ों को लेकर जयपुर से हरियाणा के नूंह स्थित अपने गांव लौट रहे थे. उन्हें कथित तौर पर 200 गौरक्षकों द्वारा जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहरोड़ के पास जगुवास क्रॉसिंग के पास रोककर हमला किया. इस हमलें में पहलू खान की मौत हो गई थी.
गाय को भारत की संस्कृति में माता का दर्जा दिया गया है. पूरे विश्र्व में अगर गाय को कही पूजा जाता है तो वह हमारा देश भारत है. भारत में गाय, गांव के प्रधान से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनाने मे अहम योगदान रखती है. ये भारत की सिय़ासत है जहा पर गाय को लेकर अलग-अलग तस्वीर सामने आती है. दोनो तस्वीरों में गाय को वोट बैंक की पूजा से लेकर 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा माना जाता हैं. गाय को हमारे देश में सास्कृंतिक प्राणी माना जाता है लेकिन अब गाय को राजनीतिक प्राणी बना दिया गया हैं.
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 10×10 की जमीन के टुकड़े के लिए कुछ लोगों ने एक युवक की हत्या कर दी. दरअसल, आरोपी पक्ष ने उस जमीन पर गाय बांधी थी, जिसका युवक के परिवार ने विरोध किया था. बात इतनी बढ़ी कि कुल्हाड़ी से हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया गया.
कर्नाटक के पशुपालन मंत्री टी. वेंकटेश (T. Venkatesh) ने गाय को लेकर एक बयान दिया जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया. मंत्री ने कहा कि अगर भैंस और बैल काटे जा सकते हैं तो गाय (Cow) का वध क्यों नहीं किया जा सकता. मैसुरु में पत्रकारों से बात करते हुए वेंकटेश ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद कर्नाटक पशुवध रोकथाम और पशु संरक्षण अधिनियम को वापस लेने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
ईसी तरह यूपी के अमरोहा की तरौली निवासी गाय मालिक अपने कुछ साथियों के साथ आए तथा किसान से पूछे बगैर खूंटे से खोल कर अपने घर ले जा रहे थे. पता लगने पर किसान पीछे से पहुंचकर रास्ते में हसनपुर रहरा मार्ग आदर्श इंटर कालेज कुटी दौलतपुर के नजदीक गाय को ले जाते हुए पकड़ लिया। यहां गाय को लेकर विवाद हो गया। आरोपितों ने किसान को पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में ले लिया है। उप निरीक्षक सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या के मामले में जांच चल रही है. इसी तरह हाल में राजस्थान के भरतपुर में दो युवकों को जिंदा जला दिया गया था. इनका इल्जाम मोनू मानेसर के नाम लगा था. इस को लेकर भी खूब राजनीती हुई. फिलहाल आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.