छात्रा स्कूटी योजना की पात्रता में ढील दी
जयपुर। राजस्थान सरकार ने विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू वर्ग की छात्राओं को स्कूटी पाने की पात्रता में राहत दी है। ये छात्राएं अब उच्च माध्यमिक या समकक्ष परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के लिए पात्र होंगी। एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने योजना के अंतर्गत ऐसी छात्राओं के प्राप्तांक सीमा में शिथिलता प्रदान कर प्राप्तांक में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
बयान में कहा गया है कि अभी तक इन वर्गों की छात्राओं के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उच्च माध्यमिक अथवा समकक्ष परीक्षा में 60 प्रतिशत एवं केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की उच्च माध्यमिक अथवा समकक्ष परीक्षा में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता थी।
इसके अनुसार अब देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना की तर्ज पर इन वर्गों की छात्राओं के लिए 50 प्रतिशत अंक की पात्रता निर्धारित की गई है। योजना के अंतर्गत विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू वर्ग की विशेष योग्यजन छात्राओं के लिए छह स्कूटी आरक्षित भी रखी जाएगी। पात्र छात्राओं की अनुपलब्धता की स्थिति में इन वर्ग की ही सामान्य छात्राओं को स्कूटियां मिलेंगी। एक अन्य फैसले के तहत राज्य सरकार बारां जिले की अंता तहसील के मोहम्मदपुर, कैथूड़ी एवं अन्य गांवों में सिंचाई व्यवस्था को और मजबूत करेगी तथा वहां सूक्ष्म सिंचाई लिफ्ट परियोजना के तहत 33.95 करोड़ रुपए की लागत से कार्य होंगे।