जोधपुर। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को कायर करार देते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि यदि वह कथित संजीवनी घोटाले में निर्दोष होने का दावा करते हैं, तो उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अदालत का दरवाजा क्यों खटखटाया और पुलिस को मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका गया।
केंद्रीय मंत्री के लोकसभा क्षेत्र जोधपुर में चुनावी अभियान शुरू करने से पहले गहलोत ने संवाददातओं से बातचीत के दौरान पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में विफल रहने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत की आलोचना की। गहलोत ने दावा किया कि अगर वह आरोपी नहीं हैं, तो वह जमानत के लिए अदालत क्यों जा रहे हैं? अब आप एसओजी (राजस्थान पुलिस का विशेष अभियान समूह) को आरोपपत्र दाखिल करने से रोकने की प्रार्थना कर रहे हैं। अगर आप मानते हैं कि आपने कोई गलती नहीं की है, तो केंद्रीय मंत्री कायर क्यों बने हुए हैं?
शेखावत ने खुद पर और अपने परिवार पर संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाने के लिए गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। कथित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में हजारों निवेशकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने शेखावत पर इतना महत्वपूर्ण मंत्रालय होने के बावजूद राज्य के लिए पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया। गहलोत ने इसे पूर्वी राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना बताते हुए कहा वह ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना भी घोषित नहीं करवा सके। उन्होंने पश्चिमी राजस्थान के लोगों से अपील की कि वे भी इसे मुद्दा बनाएं क्योंकि रेगिस्तानी क्षेत्र का हिस्सा होने के कारण वे पानी की कीमत समझते हैं।
गहलोत ने आरोप लगाया कि ईआरसीपी को क्रियान्वित करने के बजाय, केंद्र अब राज्य की कांग्रेस सरकार को परियोजना निलंबित करने के लिए मजबूर कर रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और उन पर मणिपुर में हिंसा पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा मणिपुर हमारे देश का अभिन्न अंग है। लेकिन राज्य में गृह युद्ध के कारण यह जल रहा है। वहां 100 से ज्यादा बलात्कार हुए हैं और 200 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के पास वहां एक भी दौरा करने का समय नहीं है। प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरों पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री राजस्थान का 10 बार दौरा कर सकते हैं लेकिन एक बार भी मणिपुर नहीं जा सकते। उन्होंने दावा किया हमने यह मुद्दा संसद में उठाया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने (मोदी) एक भी शब्द नहीं बोला और हमारे सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। लोकतंत्र में जवाब देना महत्वपूर्ण है।
पिछले महीने जोधपुर में कुछ परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास समारोह में गहलोत की अनुपस्थिति पर मोदी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए, मुख्यमंत्री ने इसे अनुचित करार दिया और प्रधानमंत्री पर राज्य सरकारों को परेशान करने का आरोप लगाया।