Saturday, July 6, 2024
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Sam Pitroda Fear : …तो 2024 में भाजपा जीत जाएगी 400 सीटें, सैम पित्रोदा को क्यों सता रहा ये डर?

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर चिंता जताते हुए कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने गुरुवार को कहा कि अगर ईवीएम से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीत सकती हैं। पित्रोदा ने एक साक्षात्कार में कहा कि चुनाव भारत के भाग्य का फैसला करेंगे। निर्वाचन आयोग ईवीएम को लेकर आशंकाओं को हमेशा खारिज करता रहा है, लेकिन कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस में कई लोगों ने यह दावा भी किया है वे इन मशीनों पर भरोसा करते हैं। जिसमें कुछ पार्टी नेताओं ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद यह बात कही।

हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल शत प्रतिशत ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) की मांग करते रहे हैं और यह भी सुझाते रहे हैं कि पर्चियां डिब्बे में रखने के बजाय मतदाताओं को दी जानी चाहिए। कांग्रेस नेता पित्रोदा ने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और उनका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है जिसे राजनीति के साथ नहीं मिलाया जाना चाहिए। खबरों में पित्रोदा के हवाले से कहा गया कि पूरा देश राम मंदिर पर अटका हुआ है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आगामी ‘भारत न्याय यात्रा’ पर उन्होंने कहा, ‘‘अगले चुनाव भारत के भविष्य के बारे में हैं। हम किस तरह का राष्ट्र बनाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या आप ऐसा देश बनाना चाहते हैं जैसा संविधान में उल्लेख है जहां सभी धर्मों का सम्मान हो, सभी संस्थान स्वायत्त हों, जो हमारे सभ्य समाज को काम करने दे, या आप एक धर्म के प्रभुत्व के आधार पर राष्ट्र का निर्माण करना चाहते हैं।’’

पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले एनजीओ का दिया हवाला

ईवीएम को लेकर चिंता जताते हुए पित्रोदा ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाले एनजीओ ‘द सिटिजन्स कमीशन ऑन इलेक्शन्स’ की एक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि रिपोर्ट में मुख्य सिफारिश यह है कि वीवीपीएटी प्रणाली की मौजूदा डिजाइन को बदला जाए और इसे सही मायने में ‘मतदाता-सत्यापित’ बनाया जाए।

पूरा खेल एक आदमी का हो गया है

पित्रोदा ने कहा, ‘‘मैंने इस बात का इंतजार किया कि निर्वाचन आयोग जवाब दे लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो मैंने बोलने का फैसला किया। इसका इस बात से कोई लेनादेना नहीं है कि पांच राज्यों में चुनाव हो गए हैं और 2024 के चुनाव नजदीक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस रिपोर्ट में विश्वास की कमी झलकती है और निर्वाचन आयोग को विश्वास बहाल करने के लिए जवाब देना चाहिए।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका मानना है कि लोकतंत्र पटरी से उतर गया है और हम बहुत अधिक अधिपत्यवादी होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा खेल एक आदमी का हो गया है।’’

विपक्षी गठबंधन इंडिया की प्राथमिकता 60 प्रतिशत लोगों को एकजुट करना

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना चेहरा नहीं बनाने के सवाल पर पित्रोदा ने कहा, ‘‘ ‘इंडिया’ किसी को भी प्रधानमंत्री पद के लिए अपने दावेदार के रूप में पेश नहीं कर रहा।’’ उन्होंने कहा कि गठबंधन ने सामूहिक रूप से फैसला किया है, ‘‘चुनाव के बाद हम इस निर्णय पर पहुंचेंगे क्योंकि अभी प्राथमिकता उन 60 प्रतिशत लोगों को एकजुट करना है जो भाजपा को वोट नहीं देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि गठबंधन के सदस्य एक समूह के रूप में तय करेंगे कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में किसे चुना जाना चाहिए।

मोदी के सामने कौन, इस पर कुछ नहीं कहा

पित्रोदा ने कहा, ‘‘गठबंधन ने सामूहिक रूप से फैसला किया है कि वह किसी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करेगा। केवल दो लोगों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम को आगे बढ़ाया। इस तरह के गठबंधन में कुछ मतभेद होते ही हैं। यही गठबंधन की खूबसूरती है।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 19 दिसंबर की बैठक में गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के लिए खरगे के नाम की वकालत की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने विपक्ष के चेहरे के सवाल पर पित्रोदा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह सही सवाल है। यह राष्ट्रपति का चुनाव नहीं है, यह संसदीय चुनाव है।’’

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