Donald Trump News : मिडिल ईस्ट में ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद दोनों देशों में तनाव कम हो गया है। 12 दिनों के भयानक जंग के बाद सीजफायर पर सहमति जताई। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकबार फिर से दोहराया है कि हवाई हमलों के जरिए ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह कर दिया है।
अमेरिकी सीनेट ने ई ट्रंप को रोकने के प्रयास को खारिज किया
ईरान के खिलाफ आगे और कोई कार्रवाई करने से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रोकने के डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों का प्रयास शुक्रवार को संसद के उच्च सदन सीनेट में खारिज हो गया। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने संसद में प्रस्ताव पेश किए जाने का विरोध किया। सीनेट सदस्य टिम केन के इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ट्रंप को ईरान के खिलाफ आगे कभी सैन्य कार्रवाई शुरू करने से पहले संसद की मंजूरी लेनी होगी।

जरूरत पड़ी तो ईरान पर फिर हमला करेंगे : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो ईरान पर हमला करने से हिचकिचाएंगे नहीं। यदि ईरान भविष्य में संवेदनशील गतिविधियों को फिर से शुरू करता है तो अमेरिका फिर से हमला कर सकता है। डोनाल्ड ट्रंप बोले – ईरान यूरेनियम को उस स्तर तक समृद्ध करेगा तो अमेरिका के लिए यह चिंता का विषय होगा।

प्रस्ताव के पारित होने को दूर की कौड़ी माना जा रहा था। रिपब्लिकन पार्टी को सीनेट में बहुमत प्राप्त है और 100 सदस्य सीनेट में उसके 53 सदस्य हैं। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ईरान पर हमला करने के फैसले के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साथ खड़े हैं। रिपब्लिकन पार्टी के अधिकतर सांसदों का कहना है कि ईरान एक आसन्न खतरा बन गया है, जिसके लिए ट्रंप की ओर से निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने संसद की मंजूरी लिये बिना पिछले सप्ताह के अंत में ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी करने के ट्रंप के निर्णय का समर्थन किया।
सत्ता में किनारे लगा दिए गए खामेनेई?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के बाहर स्थित फारसी भाषा का एक टेलीविजन चैनल है और जो ईरानी सत्ता की आलोचना करता है, खामेनेई युद्ध के दौरान बंकर में रहे। उन्होंने डिजिटल कम्युनिकेशन पूरी तरह से छोड़ दिया था। क्योंकि इसके ट्रैक होने का खतरा था और उन्होंने पता लगा लिया गया था और उनकी हत्या की जा सकती है। ईरान इंटरनेशनल ने बताया कि खामेनेई उन वार्ताओं में भी शामिल नहीं थे जिसके कारण युद्धविराम हुआ था। ये वार्ताएं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने संभाला था, हालांकि इस दावे की कोई पुष्टि नहीं हुई है।