नई दिल्ली। कांग्रेस ने भूपेश बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं उनकी सरकार की छवि धूमिल करने की भारतीय जनता पार्टी की साजिश करार देते हुए शनिवार को कहा कि राज्य की जनता इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारा जवाब देगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भाजपा की हार निश्चित देखकर ईडी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस विषय पर निर्वाचन आयोग का रुख करेगी, क्योंकि ईडी का बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को दावा किया था कि उसने पैसे का लेन-देन करने वाले एक व्यक्ति का बयान दर्ज किया है, जिसने आरोप लगाया है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल पर निशाना साधते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राज्य में अपने चुनाव प्रचार अभियान के वित्तपोषण के लिए अवैध सट्टेबाजी में शामिल लोगों द्वारा लाये गए हवाला धन का उपयोग किया। भाजपा के इस आरोप के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘भाजपा की हार निश्चित है और इसीलिए सीबीआई एवं ईडी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग शुरू कर दिया गया है। यह प्रतिशोध की राजनीति है।’ उन्होंने कहा, ‘‘हम डरने वाले नहीं हैं। सत्य हमारे साथ है। तीन दिसंबर (चुनाव परिणाम वाले दिन) जनता भाजपा को स्पष्ट जवाब देगी।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा, ‘पांचों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। जब भाजपा देखती है कि उसके हाथ से चीजें निकल गई हैं तो अपने आखिरी हथियार ईडी का इस्तेमाल करती है।’ छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में सात से 30 नवंबर के बीच चुनाव होंगे। मतगणना तीन दिसंबर को होगी। वेणुगोपाल ने कहा, ‘इस पूरी कार्रवाई का मकसद भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ सरकार की छवि को धूमिल करना है। यह साजिश प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा रची गई है।’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा को इसका करारा जवाब देगी। वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने आरोप लगाया कि ईडी का कार्यालय झूठ का कार्यालय है और असल में यह एजेंसी ‘तोता’ है।
सिंघवी का कहना था, ‘‘छत्तीसगढ़ पुलिस महादेव ऐप मामले में जांच शुरू कर देती है, बहुत सारी चीजें जब्त कर लेती है। लेकिन उसके डेढ़ साल बाद ठीक चुनाव के समय, मोदी सरकार के निर्देश पर ईडी इस मामले के बीच कूद जाती है और फिर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों पर प्रताड़ना का दौर शुरू होता है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा है। इन कर्मचारियों के बारे में आरोपत्र में कोई भी तथ्य नहीं दिया गया है। इनको बताया नहीं जाता कि ये अभियुक्त हैं या साक्ष्य हैं। आज ईडी का मतलब भाजपा का ‘इलेक्शन डिपार्टमेंट’ हो गया है।’’ छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीट के लिए दो चरणों में सात नवंबर और 17 नवंबर को मतदान होना है। तीन दिसंबर को मतगणना होगी।