Congress On CDS Anil Chauhan statement: कांग्रेस ने शनिवार को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) अनिल चौहान के एक बयान का हवाला देते हुए केंद्र पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि कई अहम सवालों का जवाब देने के लिए सरकार को तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा देश की मौजूदा रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा कराई जाए.
CDS ने ऑपरेशन सिंदूर में विमान के नुकसान की बात स्वीकारी
जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हालिया सैन्य संघर्ष में विमान के नुकसान की बात स्वीकार की है, लेकिन 6 भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने के इस्लामाबाद के दावे को बिल्कुल गलत बताया. चौहान ने ‘ब्लूमबर्ग टीवी’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि यह पता लगाना अधिक महत्वपूर्ण है कि विमान का नुकसान क्यों हुआ, ताकि भारतीय सेना रणनीति में सुधार कर सके.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘सिंगापुर में एक साक्षात्कार में सीडीएस द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर, कुछ बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न हैं जिन्हें पूछे जाने की आवश्यकता है. ये तभी पूछे जा सकते हैं जब संसद का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाए.’ उन्होंने केंद्र की (नरेन्द्र) मोदी सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया.
In the wake of the remarks made by the Chief of Defence Staff (CDS) in Singapore in an interview, there are some very important questions which need to be asked.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 31, 2025
These can only be asked if a Special Session of the Parliament is immediately convened.
The Modi Govt has misled the…
कारगिल की तर्ज पर हो जांच
खरगे ने कहा, ‘हमारी वायुसेना के पायलट दुश्मन से लड़ते हुए अपनी जान जोखिम में डाल रहे थे. हमें कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन हमारे पायलट सुरक्षित हैं. हम उनके दृढ़ साहस और बहादुरी को सलाम करते हैं. हालांकि, एक व्यापक रणनीतिक समीक्षा समय की मांग है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कारगिल समीक्षा समिति की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति द्वारा हमारी रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की मांग करती है।
जयराम रमेश ने कही ये बात
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘29 जुलाई 1999 को, (तत्कालीन) वाजपेयी सरकार ने भारत के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रमण्यम, जिनके पुत्र अब हमारे विदेश मंत्री हैं, की अध्यक्षता में कारगिल समीक्षा समिति का गठन किया था. यह कारगिल युद्ध समाप्त होने के ठीक 3 दिन बाद की बात है।’
29 जुलाई 1999 को, करगिल युद्ध समाप्त होने के महज तीन दिन बाद, वाजपेयी सरकार ने देश के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में करगिल समीक्षा समिति गठित की थी -जिनके पुत्र आज भारत के विदेश मंत्री हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 31, 2025
इस समिति ने पाँच महीने बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। यह… pic.twitter.com/f8pjn2qbDu
उन्होंने कहा कि इस समिति ने 5 महीने बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी और ‘फ़्रॉम सरप्राइज़ टू रेकनिंग’ शीर्षक वाली रिपोर्ट को आवश्यक संशोधनों के बाद 23 फरवरी 2000 को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा गया.
‘क्या मोदी सरकार कारगिल समिति जैसा कदम उठाएगी?’
रमेश ने सवाल किया कि क्या अब सीडीएस ने सिंगापुर में जो खुलासा किया है, उसके आलोक में मोदी सरकार भी वैसा ही कदम उठाएगी? कांग्रेस नेता ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया, ’11वर्षों से जारी अघोषित आपातकाल पर यह एक असाधारण स्थिति है कि प्रधानमंत्री न तो सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हैं, न ही संसद को भरोसे में लेते हैं – लेकिन देश को ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण की जानकारी सिंगापुर में दिए गए सीडीएस के साक्षात्कार के जरिए मिलती है.’ उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री विपक्षी नेताओं को पहले ही विश्वास में नहीं ले सकते थे?
11वर्षों से जारी अघोषित आपातकाल पर यह एक असाधारण स्थिति है कि प्रधानमंत्री न तो सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हैं, न ही संसद को भरोसे में लेते हैं- लेकिन देश को ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण की जानकारी सिंगापुर में दिए गए CDS के इंटरव्यू के जरिए मिलती है। क्या प्रधानमंत्री विपक्षी…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 31, 2025