नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी किए जाने को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लगातार हमले के बावजूद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि NMML का नाम बदलना इस सरकार के ओछेपन और द्धेष को दिखाता है। NMML का नाम 14 अगस्त से आधिकारिक तौर पर बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी कर दिया गया। इसी साल जून में नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया था। अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसको अमली जामा पहना दिया गया है।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (NMML) अब प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) बन गया है।
उन्होंने आरोप लगाया PM मोदी भय, हीन भावना और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं, विशेष रूप से तब, जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले PM की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को ग़लत ठहराना, बदनाम करना, तोड़ मरोड़कर पेश करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P लगा दिया है। यह P वास्तव में ‘पीटीनेस’ (ओछापन) और ‘पीवी’ ( द्धेष) को दर्शाता है।
नई दिल्ली स्थिति तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था। बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई। PM नरेंद्र मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया।
साल 2022 में प्रधानमंत्रियों को समर्पित ये संग्रहालय बनकर तैयार हुआ, जिसके बाद अप्रैल 2022 में इसे जनता के लिए खोला गया। सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय होने की वजह से कार्यकारी परिषद ने महसूस किया था कि इसके नाम में वर्तमान स्वरूप की झलक दिखनी चाहिए। इसी वजह से बीते जून की बैठक में नाम बदलने का फैसला हुआ। PM मोदी के मुख्य सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्र PM म्यूजियम की कार्यकारी परिषद अध्यक्ष हैं।
रमेश ने कहा स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के व्यापक योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव डालने में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी कम नहीं किया जा सकता। चाहे इन उपलब्धियों पर PM मोदी और उनके लिए ढोल पीटने वाले जितना हमला करते रहें। उन्होंने यह भी कहा लगातार हो रहे हमलों के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नेहरू की विरासत को धूमिल करने का प्रयास सूरज को दीया दिखाने की तरह है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा यह सरकार मानसिक और सैद्धांतिक विरोधाभास से घिरी हुई है। इतिहास रचा जाता है, इतिहास बदला नहीं जाता। इमारतें बना देने और किसी जगह का नाम बदल देने से प्रधानमंत्री की संकीर्ण सोच दिखाई देती है। श्रीनेत ने जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लिए बिना उनके कार्यकाल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा जिनके अंदर जज्बा होता है वे पाकिस्तान के 2 टुकड़े करके दुनिया का भूगोल बदल देते हैं। जिनके अंदर जज्बा होता है वो आजादी के समय IIT, IAIM और ISRO बनाते हैं। सुप्रिया ने दावा किया कि PM मोदी ने एक भी ऐसा काम नहीं किया जिससे देश उन्हें अच्छी तरह से याद करेगा।