Sunday, November 10, 2024
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Cauvery Big Update : 140 साल पुराने मामले को लेकर राज्य बंद, यातायात से लेकर शिक्षा पर असर

बेंगलुरु। तमिलनाडु को जल देने के विरोध में ‘कन्नड़ ओक्कूटा’ की ओर से शुक्रवार को राज्य बंद का आहवान किया गया.  कन्नड़ ओक्कूटा की ओर से किए गए बंद को बेंगलुरु और राज्य के दक्षिणी इलाकों के लोगों का पूरा समर्थन मिला. राज्य मे बंद से आम जन-जीवन प्रभावित रहा. अधिकारियों ने बेंगलुरु शहर, मांड्या, मैसुरु, चामराजनगर, रामनगर और हसन जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है. साथ ही वहां के स्कूल और कॉलेज के लिए छुट्टी घोषित की गई है.

किसान समूह के संगठन ने किया राज्य बंद

‘कन्नड़ ओक्कूटा’ कन्नड़ और किसान समूहों का एक मूल संगठन है। नदी जल विवाद को लेकर मंगलवार को बेंगलुरु में भी बंद का आहवान किया गया.  मांड्या जैसे कावेरी बेसिन जिलों में अधिकतर दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और भोजनालय आदि बंद रहे। उन इलाकों में निजी वाहन भी सड़कों से नदारद रहे.  बहुत कम संख्या में सरकारी बसें चलीं. राज्य के अन्य हिस्सों में बंद का मिला-जुला असर रहा. प्रदर्शनकारियों ने चित्रदुर्ग में राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का पुतला भी जलाया. कन्नड़ फिल्म जगत ने भी बंद को समर्थन दिया है.

अधिकतर कर्मचारियों को घर के काम करने की सलाह

बंद के दौरान ‘कर्नाटक फिल्म एक्जीबीटर्स एसोसिएशन’ ने राज्य भर में सिनेमाघरों में शाम तक के शो को रद्द कर दिया है. बेंगलुरु की अधिकतर सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों और अन्य कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा है. बेंगलुरु में प्रमुख बजार मसलन चिकपेट, बालेपेट और आसपास के व्यापारिक इलाकों में सन्नाटा पसरा रहा. ‘ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स यूनियन’ और ‘ओला ऊबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन’ ने भी बंद को समर्थन दिया है.

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