राजस्थान प्रदेश कांग्रेस को एक और झटका लगने वाला है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के मौजूदा विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के पार्टी छोड़ने की चर्चाएं चल रही है। कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा ने जाने की खबरें सियासी गलियारों में आग की तरह फैली हुई है। यह खबर चौंकाने वाली तो है ही, साथ ही कांग्रेस के लिए हैरान करने वाली है। जिस नेता का नाम पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष के तौर पर चला था, वही नेता पार्टी छोड़कर जा रहा है। यह जानकर पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हैरान हैं.
बीजेपी ज्वॉईन करने से पहले महेंद्र जीत मालवीय का बड़ा बयान
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने की चर्चा के बीच महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने दिया बयान, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मालवीय ने कहा- कांग्रेस कुछ लोगों के बीच में घिर गई है, कांग्रेस के पास पहले जो विजन था वो आज नहीं है.महेंद्रजीत सिंह मालवीय के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की बड़ी वजहें.
कांग्रेस के बैनर तले छात्र संघ अध्यक्ष से लेकर 4 बार विधायक, दो बार जिला प्रमुख, एक बार सांसद और दो बार प्रधान रहने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया के एकाएक भाजपा का दामन थामने का निर्णय करने के पीछे कई बड़ी वजह सामने आ रही हैं.इसमें सबसे बड़ा कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा उनको नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाना माना जा रहा है. जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मालवीय को नेता प्रतिपक्ष बनाने की पैरवी की थी और मालवीय पूरी तरह से आश्वस्त थे कि उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उनको मौका मिलेगा।
दूसरा कारण यह है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के कद्दावर नेता और मालवीय के काफी नजदीकी दिनेश खोड़निया पर पेपर लीक मामले में ईडी की कार्रवाई हुई थी. उस दौरान भी मालवीय का नाम भी काफी सुर्खियों में था और आशंका जताई जा रही थी कि मालवीय पर भी ईडी कार्रवाई कर सकती है.
इसका तीसरा संभावित कारण यह भी नजर आ रहा है कि कांग्रेस महेंद्रजीत सिंह मालवीय को कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं लेकिन मालवीय संभावित हार की आशंका को देखते हुए इससे इनकार कर चुके हैं. अब चर्चा हैं कि महेंद्रजीत मालवीय को भाजपा बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है.
महेंद्रजीत मालवीय के कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाईन करने की एक वजह पारिवारिक भी हैं. महेंद्रजीत सिंह मालवीय भाजपा के नेता और पूर्व मंत्री धनसिंह रावत के समधी हैं. मालवीय के बेटे की शादी रावत की बेटी से तीन साल पहले ही शादी हुई है. इसके चलते भी लोग कयास लगा रहे हैं कि भाजपा ने आदिवासी अंचल में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए मालवीय को भाजपा के पाले में लाना चाहते हैं.
इन सीनियर नेताओं के नाम भी चर्चा में
महेंद्र जीत सिंह मालवीया के अलावा जिन अन्य सीनियर कांग्रेसी नेताओं के भाजपा में शामिल होने की अटकलें ज़बरदस्त तरीके से लग रहीं हैं, उनमें पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, उदयलाल आंजना और वरिष्ठ नेता रिछपाल मिर्धा के नाम शामिल हैं.
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