Bihar Election 2025 : नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिहार की राजधानी पटना का दौरा कर सकता है। इस दौरे का उद्देश्य राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लेना है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है और इस महत्वपूर्ण राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की संभावना है।

चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले चुनाव प्राधिकरण द्वारा राज्यों का दौरा करना एक सामान्य प्रक्रिया है। बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अपने अंतिम चरण में है और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। चुनाव तैयारियों की समीक्षा करते समय आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, शीर्ष पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों और राज्य के चुनाव अधिकारियों से मुलाकात करता है।
दो दशक से अधिक के अंतराल के बाद हो रहे इस विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने दावा किया है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों वास्तविक नागरिकों के मतदान अधिकार छिन जाएंगे। आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि वह किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं होने देगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैयारी
वहीं, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य राज्य पुलिस की लगभग 350-400 कंपनी को तैनात किए जाने की उम्मीद है। एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 70-80 कर्मी होते हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार विधानसभा (243 सदस्यीय) चुनाव की तारीखों की घोषणा अक्टूबर के प्रारंभ में किए जाने की उम्मीद है। तैनात की जाने वाली कंपनी को बिहार आने के लिए प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन कंपनी में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने वाले बलों की इकाइयां शामिल हैं।