Saturday, May 10, 2025
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बारिश से आसमान पर सब्जियों और मसालों के भाव, नहीं बढ़ेगी महंगाई

मुंबई। ब्रिटेन की ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज का दावा है कि भारत में सब्जियों के दाम में तेजी और ईंधन की कीमतें स्थिर रहने के बावजूद खुदरा महंगाई दर जून में 4.26 प्रतिशत पर स्थिर रह सकती है। मई में यह 4.25 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य और ईंधन की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। बार्कलेज इंडिया के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि टमाटर, आलू और प्याज के दाम में तेजी के साथ सब्जियों की कीमत हाल के सप्ताह में ऊंची बनी हुई है। बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में टमाटर की कीमत 140 रुपये किलो से भी ऊपर चली गयी है। बार्कलेज इंडिया के प्रमुख राहुल बजोरिया की अध्यक्षता में तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा अनुमान है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में स्थिर रहेगी। मई में 4.25 प्रतिशत के मुकाबले जून में इसके 4.26 प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में मासिक आधार पर 0.53 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जो मई में 0.51 प्रतिशत था।

ये सामान हो सकता है महंगा

बार्कलेज के अनुसार, मुख्य मुद्रास्फीति (खाद्य और ईंधन को छोड़कर) जून में 5.17 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है जो मई में 5.15 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, कपड़ा और जूता-चप्पल, स्वास्थ्य तथा शिक्षा, घरेलू सामान आदि के मामले में कीमत में वृद्धि जारी रह सकती है। लेकिन इसमें जो वृद्धि होगी, उसका कारण मौसमी, गर्मियों में टिकाऊ उपभोक्ता उपकरणों और मनोरंजन तथा आराम से जुड़े क्षेत्रों में मांग है।

कुछ राज्यों में बिजली दर बढ़ने की आशंका

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मासिक आधार पर गर्मी बढ़ने से टमाटर जैसे जल्दी खराब होने वाले जिंस के दाम बढ़े हैं। इसके अलावा टिकाऊ उपभोक्ता सामान और बिजली दरों में भी वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सबके बावजूद खाद्य मुद्रास्फीति जून में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो मई में 3.3 प्रतिशत थी। ईंधन मुद्रास्फीति के बारे में बार्कलेज ने कहा कि उसे कर्नाटक जैसे राज्यों में बिजली दरों में कुछ कमी की उम्मीद है, लेकिन तमिलनाडु तथा दिल्ली में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बावजूद ईंधन मुद्रास्फीति के जून में घटकर 3.4 प्रतिशत रहने की संभावना है जो मई में 4.6 प्रतिशत थी।

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