Iran Israel Ceasefire: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को एक बार फिर से धमकी दी है. उन्होंने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमलों के प्रभाव को “बढ़ा-चढ़ाकर” बताया है और अमेरिकी सैन्य ठिकानों को फिर से निशाना बनाने की धमकी दी है.
खामेनेई ने अपने भाषण में कही ये बात
एक टेलीविज़न पर गुरुवार को दिए भाषण में खामेनेई ने दावा किया कि इज़राइल द्वारा शुरू किए गए 12-दिवसीय हवाई युद्ध में ईरान की जीत हुई है और इसने अमेरिका को एक बड़ा झटका लगा है. ईरान और इज़राइल के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद खामेनेई का यह पहला भाषण था. जिसमें उन्होंने ये बातें कही. उन्होंने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति ने असामान्य तरीकों से घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, और यह पता चला कि उन्हें इस अतिशयोक्ति की ज़रूरत थी. अमेरिका को इस युद्ध से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है, अमेरिकी हमलों ने ईरानी परमाणु ठिकानों को “कुछ खास नुकसान नहीं पहुंचाया”
अमेरिकी सैन्य अड्डों पर दोबारा हमले की धमकी
एक रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने संघर्ष में जीत का दावा करते हुए कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ने जीत हासिल की, और बदले में अमेरिका के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा,” कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे को निशाना बनाकर ईरान द्वारा मिसाइल लॉन्च करने का जिक्र करते हुए उन्होंने धमकी दी, “भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई दोहराई जा सकती है” और उल्लेख किया कि ईरान के पास “क्षेत्र में प्रमुख अमेरिकी केंद्रों तक पहुंच है और जब भी वह आवश्यक लगेगा, कार्रवाई कर सकता है।”
खामेनेई ने बताया अमेरिका ने युद्ध में क्यों किया हस्तक्षेप
गौरतलब है कि पश्चिम एशिया में तनाव तब बढ़ गया जब अमेरिका ने रविवार सुबह-सुबह “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के तहत ईरान की 3 प्रमुख परमाणु ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों पर कई मिसाइलों को दागकर कार्रवाई की, जिसमें कतर में अल उदीद एयर बेस भी शामिल है, खामेनेई की यह टिप्पणी ईरान और इजरायल के बीच युद्ध समाप्त होने के दो दिन बाद आई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान “कभी” आत्मसमर्पण नहीं करेगा और अगर “कोई आक्रमण होता है तो दुश्मन को निश्चित रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. सरेंडर कभी नहीं होगा। हमारा राष्ट्र शक्तिशाली है।” ईरान के सर्वोच्च नेता ने कहा कि अमेरिका ने युद्ध में केवल इसलिए हस्तक्षेप किया था क्योंकि “उसे लगा कि अगर उसने हस्तक्षेप नहीं किया, तो ज़ायोनी शासन पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. “
ईरान को जीत के लिए दी बधाई
ईरान के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए ईरान को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, “मैं महान ईरानी राष्ट्र को बधाई देना चाहता हूं… भ्रामक ज़ायोनी शासन पर इसकी जीत के लिए, 13 जून को संघर्ष शुरू होने के बाद एक गुप्त स्थान पर शरण लेने के बाद से खामेनेई को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है, 13 जून को संघर्ष शुरू होने के बाद इज़राइल ने ईरानी परमाणु ठिकानोंपर हमला किया और शीर्ष सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया था. रिपोर्टों से इस बात की तस्दीक होती है कि खामेनेई को अपने स्थान का खुलासा करने के डर से बाहरी दुनिया के साथ संवाद करने से रोक दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, संघर्ष में मारे गए शीर्ष कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों के लिए शनिवार को तेहरान में एक राजकीय अंतिम संस्कार किया जाएगा.
The Zionist regime must know that attacking the Islamic Republic of Iran will result in a heavy cost for them.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) June 26, 2025
खामेनेई ने इजरायल को सोशल मीडिया के प्लेफॉर्म एक्स पर धमकी दी है. और कहा है कि ज़ायोनी शासन को यह पता होना चाहिए कि इस्लामी गणतंत्र ईरान पर हमला करने से उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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