Chhangur Baba : उत्तर प्रदेश आंतकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की एक टीम धर्मांतरण के आरोपों से घिरे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर शुक्रवार को बलरामपुर के उतरौला पहुंची। पुलिस ने यह जानकारी दी। एटीएस की टीम ने मधुपुर स्थित कोठी में महत्वपूर्ण साक्ष्य एकट्ठा किये। पुलिस ने बताया कि एटीएस की टीम छांगुर बाबा को लेकर शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे उतरौला के मध्यपुर गांव पहुंची, जहां उसकी कोठी से अहम सुराग इकट्ठा किए गिए।
पुलिस के मुताबित, एटीएस की टीम करीब एक घंटे तक छांगुर बाबा से पूछताछ करती रही और लखनऊ के लिए वापस निकल गई। एटीएस की टीम ने पिछले सप्ताह छांगुर बाबा और उसके एक सहयोगी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने छांगुर बाबा पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। पुलिस के मुताबिक, एटीएस इससे पहले छांगुर बाबा के बेटे और नवीन रोहर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
एटीएस ने बुधवार को छांगुर बाबा और उसके सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को एक सप्ताह के लिए रिमांड पर लिया था। पुलिस के मुताबिक, बाबा और उसके सहयोगियों पर 100 करोड़ के विदेशी फंडिग का भी आरोप है, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।

3 साल में हुई 500 करोड़ की फंडिंग हुई
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को बीते तीन वर्षों के दौरान लगभग 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग प्राप्त हुई है। जांच एजेंसियों ने अब तक 200 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन की पुष्टि की है, जबकि शेष 300 करोड़ रुपये नेपाल के माध्यम से भेजे जाने की बात सामने आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, काठमांडू सहित नेपाल के सीमावर्ती जिलों नवलपरासी, रुपनदेही और बांके में 100 से अधिक बैंक खाते खोले गए। इन खातों के माध्यम से पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्किए से फंड ट्रांसफर किए गए, जिनका इस्तेमाल धर्म परिवर्तन जैसे गतिविधियों में किया गया। फंडिंग की यह प्रक्रिया एक संगठित नेटवर्क के जरिए संचालित हो रही थी, जिसमें स्थानीय एजेंट 4–5% कमीशन पर नेपाल के खातों से नकदी निकालते और सीधे छांगुर बाबा तक पहुंचाते थे। इसमें कैश डिपॉजिट मशीन (CDM) का भी इस्तेमाल किया गया।
रायबरेली में पकड़े गए साइबर अपराधी भी इसी नेटवर्क का हिस्सा बताए जा रहे हैं, जिनके तार पाकिस्तान और दुबई से जुड़े पाए गए हैं। इस साइबर गिरोह ने करीब 700 करोड़ रुपये का लेनदेन किया है और इनकी गतिविधियां अयोध्या, लखनऊ, बलरामपुर और गोंडा तक फैली हुई हैं।