हैदराबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को यहां हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह में शामिल होंगे। तत्कालीन हैदराबाद रियासत का 17 सितंबर 1948 को भारतीय संघ में विलय हो गया था। हैदराबाद मुक्ति दिवस समारोह का आयोजन शहर के परेड मैदान में किया जाएगा। केंद्र सरकार इसका आयोजन कर रही है। शाह पिछले साल भी इस समारोह में शामिल हुए थे। उस समय केंद्र ने आधिकारिक रूप से पहली बार इसका आयोजन किया था।
तेलंगाना में रविवार को कई राजनीतिक गतिविधियां होंगी। तेलंगाना सरकार 17 सितंबर को राष्ट्रीय एकीकरण दिवस के रूप में मनाएगी और आधिकारिक समारोह आयोजित करेगी, जिसमें मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के शामिल होने का कार्यक्रम है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) राष्ट्रीय एकीकरण दिवस मनाने के लिए रविवार शाम एक तिरंगा बाइक रैली और उसके बाद एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करेगी। कांग्रेस शनिवार को शहर में अपनी कार्य समिति (CWC) की बैठक कर रही है और वह रविवार को विस्तारिक कार्य समिति की बैठक करेगी।
पार्टी रविवार शाम को शहर के बाहरी इलाके तुक्कुगुड़ा में एक जनसभा आयोजित करेगी, जिसमें पार्टी तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी विभिन्न गारंटी के संबंध में घोषणा करेगी। तेलंगाना में विभिन्न दल 17 सितंबर की अलग-अलग व्याख्या करते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्ववर्ती निजाम शासन से इस क्षेत्र की आजादी की याद में इस दिन को तेलंगाना मुक्ति दिवस के रूप में मनाती है।
भाजपा 2 दशक से अधिक समय से सरकार से इसे आधिकारिक रूप से मनाने की मांग कर रही है। पार्टी तेलंगाना राज्य आंदोलन के दौरान इस आयोजन के पक्ष में होने के बावजूद आधिकारिक समारोह आयोजित नहीं करने के लिए बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) की मौजूदा सरकार की आलोचना करती रही है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तेलंगाना सशस्त्र संघर्ष की याद में सप्ताह भर समारोह आयोजित करेगी। उसका दावा है कि कम्युनिस्ट नेताओं के नेतृत्व में हुए संघर्ष के कारण हैदराबाद का भारतीय संघ में विलय हुआ।