Saturday, July 5, 2025
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राजस्थान में सरकार ने छात्रसंघ चुनावों पर लगाई रोक, छात्रों के आक्रोश से मचा बवाल

जयपुर। राजस्थान विवि सहित प्रदेश के राजकीय विवि एवं कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव पर शनिवार को राज्य सरकार ने रोक लगा दी। आदेश के तहत प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे।
उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से देर रात जारी आदेशों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत 180 दिनों के कार्य दिवस का हवाला दिया गया। इधर, निर्णय के बाद समूचे प्रदेश के विवि एवं महाविद्यालयों में छात्रों के बीच आक्रोश फूट पड़ा और राज्य सरकार के इस फैसले को दमनकारी बताया गया। मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों के लिए दावेदारी जता रहे विद्यार्थियों ने फैसले की कड़ी निंदा की और इसे लोकतंत्र में छात्रहितों पर कुठाराघात बताया।

उल्लेखनीय है कि विश्व युवा दिवस पर आयोजित ‘युवा महापंचायत’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में शांति व्यवस्था का हवाला देते हुए छात्रसंघ चुनाव न करवाने के संकेत दिए थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में बंद पड़े छात्रसंघ चुनाव मैंने सरकार में आने के बाद ही शुरू करवाए थे, लेकिन आज इन चुनावों में प्रचार की क्या हालत हो गई है। छात्र नेताओं को देखकर लगता है कि विधायक-सांसद के चुनाव की तरह प्रचार किया जा रहा और पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है।

गहलोत का कहना, माहौल रखेंगे शांत
उन्होंने मौजूद युवाओं से कहा कि आखिर इतना पैसा इन लोगों के पास कहां से आता है? गहलोत ने कहा कि चुनावों के लिए लिंगदोह कमेटी बनाई गई थी, लेकिन कहीं भी उसकी पालना नहीं हो रही है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी आ रहे हैं और बीते दिनों जोधुपर में एबीवीपी के 2 छात्र नेताओं ने कॉलेज कैंपस में ही नाबालिग का रेप कर दिया और वो चुनाव प्रचार में ही आए हुए थे। गहलोत ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि प्रदेश में माहौल शांत रखा जाए।

सीएमओ में दो महीने से फाइल अटकी
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो छात्रसंघ चुनावों की फाइल जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी गई थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने समय रहते इस पर निर्णय नहीं लिया। इधर, इसकी दूसरी वजह भी चर्चा में है। इसके तहत आतंरिक रिपोर्ट में अधिकांश विवि एवं कॉलेजों में युवा शक्ति के बीच सचिन पायलट का दबदबा सामने आया है, ऐसे में आगामी चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार के इस फैसले को चुनावी बताया जा रहा है।

वर्ष 2004 से 2009 तक नहीं हुए थे छात्रसंघ चुनाव
वर्ष 2004 से 2009 तक छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाये गए थे। वर्ष 2010 से छात्रसंघ चुनाव सुचारू हुए, लेकिन कोविड काल के दौरान भी वर्ष 2020 एवं 2021 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाये गए थे। इसी को दृष्टिगत मानते हुए राज्य सरकार ने मौजूदा वर्ष 2023-24 में भी छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का फैसला लिया।

देश कोई केक नहीं जो जोमैटो पर ऑर्डर कर लेंगे – कन्हैया कुमार

जयपुर। कांग्रेस नेता और JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने युवाओं से आलोचनात्मक नजरिया अपनाने का आह्वान करते हुए शनिवार को कहा कि इस देश की आजादी को बचाए रखना उनकी (युवाओं की) जिम्मेदारी है। युवा नेता ने कहा कि देश को बनाने में दशकों लगते हैं और बड़ी कुर्बानियां देनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि देश कोई केक नहीं है जिसे जोमैटो पर ऑर्डर कर लेंगे। वह यहां राज्य स्तरीय युवा महापंचायत के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा युवा होने का मतलब यह है कि हम हर चीज ज्यादा महसूस करते हैं। अगर हमारे आसपास किसी इंसान के साथ उसके कपड़े के चलते, उसके प्रेम करने के चलते, उसके खाने के चलते उसके साथ कोई अत्याचार हो रहा है अगर हम चुप हो गए तो मान लीजिए आप नौजवान नहीं है चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो। अगर हमने आवाज उठाई तो हम नौजवान हैं चाहे हमारी उम्र कुछ भी हो।

कन्हैया कुमार ने कहा अपने आसपास होने वाले अत्याचारों को महसूस करना.. ।आलोचनात्मक दृष्टि से देखने का मतलब केवल नकारात्मक देखना नहीं होता है आलोचनात्मक होने का मतलब होता है कि तब नकारात्मकता भी देखेंगे जब खाली सकारात्मकता की बात हो रही होगी और तब सकारात्मकता भी देखेंगे जब सिर्फ नकारात्मकता की बात हो रही हो। आलोचना का मतलब होता है कि चीज को पूरी तरह देखना। उन्होंने कहा कि नौजवान होने का मतलब है कि पुरानी पीढ़ी की जो अच्छी चीजें हैं, गौरवशाली परंपरा के तौर पर उन्हें आगे बढ़ाएंगे और जो चीजें अप्रासंगिक हो गई हैं नौजवान होने के दम पर उसे चुनौती देंगे।

उन्होंने कहा देश कोई केक नहीं है कि हम जामैटो पर इसको आर्डर कर लेंगे। देश को बनाने में दशकों लगे हैं और लोगों ने अपनी जिंदगी की कुर्बानियां दी हैं। युवाओं से आजादी की कीमत समझते हुए इसे बचाए रखने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि आजाद देश में, आजाद नागरिक की तरह, आजादी से जिंदगी जीने का हमारा अधिकार है लेकिन इस आजादी को बचाना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस आजादी को बचाना और उस आजादी पर जब भी कोई आंच आए तो खुल कर डटकर उसके सामने खड़ा हो जाना भी नौजवान होना होता है। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे।

PM ने किया संत रविदास के मंदिर सह स्मारक का शिलान्यास

मध्य प्रदेश। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले में कवि और समाज सुधारक संत रविदास को समर्पित 100 करोड़ रुपये के मंदिर-सह-स्मारक की आधारशिला रखी। मोदी ने राज्य के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की मौजूदगी में बडतूमा गांव में भूमि पूजन किया और आधारशिला रखी। उन्होंने संत रविदास की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर माथा टेका।

प्रधानमंत्री ने इस समारोह में आगामी स्मारक-सह-मंदिर के लघु मॉडल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने मध्यप्रदेश के दौरे की शुरुआत खजुराहो हवाईअड्डे पर पहुंचने के साथ की जिसके बाद वह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हेलीकॉप्टर से बडतूमा गए। दिन में बाद में उनका सागर जिले के ढाना में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करने और विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा बीना-कोटा रेलवे लाइन के दोहरीकरण परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करने का कार्यक्रम है।

इस कार्यक्रम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की चल रही समरसता (सद्भाव) यात्राओं के समापन भी होगा जो 25 जुलाई को राज्य के 5 स्थानों से शुरू की गई थीं। अधिकारियों के मुताबिक समाज सुधारक को समर्पित यह मंदिर-सह-स्मारक 11 एकड़ भूमि में फैला होगा। यह संरचना संत रविदास की शिक्षाओं को प्रदर्शित करेगी और इसमें एक संग्रहालय, आर्ट गैलरी और अन्य सुविधाओं के अलावा भक्तों के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी। भाजपा शासित इस राज्य में प्रधानमंत्री की एक महीने से अधिक समय के भीतर यह दूसरी यात्रा है। मध्य प्रदेश में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। एक जुलाई को मोदी ने शहडोल जिले के पकरिया गांव में आदिवासी नेताओं, स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं और युवा फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ बातचीत की थी।

डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक बना अधिनियम…

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में इसी सप्ताह पारित डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यह जानकारी दी। डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) कानून के तहत भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डिजिटल डेटा का दुरपयोग या उसकी रक्षा नहीं कर पाने पर जिम्मेदार इकाई पर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है।

उपयोगकर्ताओं के डेटा का इस्तेमाल कर रहीं कंपनियों को उसके व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा करनी होगी और व्यक्तिगत डेटा के उल्लंघन के मामले की सूचना डेटा संरक्षण बोर्ड (DPB) और उपयोगकर्ता को देनी होगी। वैष्णव ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) और स्वदेशी ऐप कू पर लिखा DPDP विधेयक अब अधिनियम बन गया है। माननीय राष्ट्रपति की मंजूरी मिली।

राज्यसभा ने 9 अगस्त को DPDP विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसमें व्यक्तिगत डेटा के संग्रह और उपयोग को लेकर कई प्रावधान पेश किए गए थे। DPDP कानून के अनुसार, बच्चों के डेटा का उपयोग उसके संरक्षक की मंजूरी के बाद ही किया जा सकेगा। इस विधेयक को लोकसभा में 7 अगस्त को मंजूरी मिली थी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री वैष्णव ने इसी सप्ताह कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि इस अधिनियम को 10 महीने के भीतर लागू कर दिया जाएगा।

अब कोई नही कहेगा आपको 420, IPC की धारा 420 में किया गया बदलाव

जिंदगी बड़ी 420 है इतनी आसानी से पिछा नही छोड़ती… ये डॉयलाग राजकपूर की मशूहर फिल्म श्री 420 का है… जिसे आपने कई बार सुना होगा… आज हम इसकी बात इसलिए कर रहे है क्योकि 11 अगस्त 2023 को भारत की संसद में केंद्र सरकार ने इस कानून से जुड़ी धारा 420 में बदलाव किया है…

420 शब्दो का उपयोग तंज करने के लिए किया जाता है …सिनेमा समाज का आईना होता है समाज की हर बुराई और अच्छाई को कलाकारों ने अपने अभिनय से पर्दे पर उतारा है….. समाज की खामियों को पहचान कर सिनेमा उस पर उंगली रखता है, और समाज उसे स्वीकार कर, ठीक कर आगे बढ़ता है. समाज में डाकू से लेकर डॉन तक आए. समाज की एक बुराई चोरी और ठगी की वारदातों को भी सिनेमा से दिखाया. इन बुराईयों को लेकर पहले राजकपूर और नरगिस की मूवी श्री 420 आई. इसके बाद 1997 में कमल हसन की मूवी चाची 420 आई. फिर 2005 में अभिषेक बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म बंटी और बबली में समाज की इस बुराई को दर्शाया गया.

अक्सर जब भी आपको कोई धोखा देता है या आपके साथ ठगी करता है तो आप उसको फर्जी या 420 कहकर बुलाते है कई बार तो हम 420 शब्द का उपयोग तंज कसने के लिए भी करते है 420 शब्द को मुहावरो में यूज किया जाता है किसी को 420 कह दो, तो वो बेहद नाराज हो जाता है.

फिलहाल भारत में इस कानून की धारा में बदलाव कर दिया है गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को संसद में कानून बदलने से जुड़े तीन बिल पेश किए. जिसमें IPC की धारा 420 भी शामिल है. 163 साल पुराने इस कानून को अब 2023 की धारा 316 के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा.

अमेरिका से 420 की शुरुआत

420 नंबर के बदनाम होने की कहानी 1970 के दशक से शुरू होती है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में कुछ छात्रों का समूह सैन राफैल में रहता था. इन छात्रों का समूह नशाखोरी में लिप्त होने के साथ अन्य गतिविधियों में शामिल रहता था. छात्रों को यह समूह हर दिन शाम 4.20 बजे एक स्थान पर मिलता थे. छात्रों की ये मुलाकातें लुईस पास्चर की बड़ी सी प्रतिमा के नीचे होती थी, जहां ये छात्र सामूहिक रूप से फ्री में गांजे और चरस का सेवन करते थे. यहीं से छात्रों का ये गैंग लुईस 420 नाम के कोड नाम से मशहूर हुआ. और फिर धीरे धीरे इस ग्रुप के सभी लोगों को 420 कहा जाने लगा. इसमें से कुछ लड़के तमाम ठगी के आरोपों में पकड़े गए और फिर धीरे धीरे 420 नंबर ठगों की पहचान बन गया. साथ ही नशेखोरी खासकर गांजे और चरस का सेवन करने वालों के लिए भी. मौजूदा समय में किसी भी फ्रॉड को बुलाना है, तो 420 कहना ही काफी हो चला है. कॉन ऑर्टिस्ट भी खुद को 420 ही समझते हैं

अधीर रंजन चौधरी कर सकते है SC का रुख

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि जरूरत हुई तो वह लोकसभा से अपने निलंबन के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकते हैं और इस संदर्भ में विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने उपमा के रूप में कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या किसी भी व्यक्ति का अपमान करना उनका मकसद नहीं था।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि उन्हें पहले फांसी पर चढ़ा दिया गया और फिर कहा जा रहा है कि मुकदमा चलाएंगे। संसद के निचले सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण को लेकर बृहस्पतिवार को उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया।

चौधरी ने एक सवाल के जवाब में शनिवार को कहा जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय जा सकते हैं…विचार विमर्श कर रहे हैं। उनका यह भी कहना था मुझे जब भी संसद की विशेषाधिकार समिति के पास बुलाया जाएगा, तो मैं जरूर जाऊंगा। हम लोग सभी नियमों और परंपराओं को मानकर चलते हैं। चौधरी ने कहा पहले फांसी दे दी गई और फिर मुकदमे का सामना करना है। अजीबोगरीब स्थिति है। उनके मुताबिक, उन्होंने उपमा के तौर पर कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जिनका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था।

कांग्रेस नेता ने कहा मैंने सदन में जो बात कही उसमें मुझे गलती नहीं लगती। हो सकता है कि यह सरकार आगे भगवा शब्दकोश बना दे और तय करे कि विपक्ष के लोग कौन-कौन से शब्द का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा मैं पूछना चाहता हूं कि नीरव का मतलब क्या होता है। मैंने किसी को आहत करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था। क्या अपने मन की बात करना गलत है, नाजायज है?

कांग्रेस नेता ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने जब दो घंटे तक मणिपुर का उल्लेख नहीं किया तो विपक्ष को सदन से बहिर्गमन करना पड़ा। चौधरी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ तीन मिनट तक मणिपुर को लेकर बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस सत्र में नियमों और संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाईं और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने के बाद भी कई विधेयक पारित करवा लिए गए।

PM पर हरीश रावत ने साधा निशाना, कहा अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते प्रधानमंत्री   

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ कांग्रेस पर आरोप मढ़कर मणिपुर की विस्फोटक स्थिति पर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्होंने कहा कि मणिपुर के संदर्भ में राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक बात की जिससे सरकार बेनकाब होती है, इसलिए लोकसभा में दिए उनके भाषण के कुछ अंशों को कार्यवाही से हटा दिया गया।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा मणिपुर को लेकर राहुल गांधी ने जो बातें कही हैं, उससे वहां की स्थिति की गंभीरता परिलक्षित होती है। मणिपुर में जो लोग प्रभावित हैं, इन बातों से उनको यह महसूस हो रहा है कि कोई उनके दिल की बात कर रहा है। उन्होंने कहा राहुल गांधी के जो शब्द हैं वो पूरी तरह लोकतांत्रिक शब्द हैं और वो स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकते हैं। उनकी बातों से सत्ता बेनकाब होती है, इसलिए उनकी बातों को कार्यवाही से हटा दिया गया और इसके खिलाफ अभियान भी चलाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस पर किए गए प्रहार के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कटाक्ष करते हुए कहा अगर सब अच्छा होता तो आप (प्रधानमंत्री मोदी) जैसे लोगों का अवतार नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा आप 9 साल से सत्ता में हैं और आज मणिपुर में जो विस्फोटक स्थिति पैदा हुई है उसके लिए आप वर्षों पहले एक स्थिति विशेष में उठाए गए कदमों को लेकर बातें नहीं कर सकते। पहले पूर्वोत्तर में उग्रवाद एक आम बात था, स्थिति को संभालने के लिए हमने अपनी कई सरकारें तक गवां दीं। रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को मणिपुर शांत और सामान्य स्थिति में मिला था। उन्होंने कहा अगर आज मणिपुर जल रहा है तो प्रधानमंत्री कांग्रेस पर आरोप मढ़कर अपनी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। आप स्थिति सुधारिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में मणिपुर समेत उत्तर-पूर्व के राज्यों में वर्षों से व्याप्त विभिन्न समस्याओं के लिए कांग्रेस और इसके शासन वाली पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि पूर्वोत्तर में समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। उन्होंने कहा था कि वहां के लोग इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं, कांग्रेस की राजनीति इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने उत्तर-पूर्व में वहां के लोगों के विश्वास की हत्या की है।

Raghav Chadha : राघव चड्ढा ने Social Media पर बदला Bio

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपना परिचय (बायो) शनिवार को बदलकर निलंबित संसद सदस्य कर दिया। इससे एक दिन पहले चड्ढा को नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए राज्यसभा से विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया।

सदन के नेता पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने और सदन की एक समिति के लिए 4 सदस्यों का नाम उनकी सहमति लिए बिना प्रस्तावित करने का मुद्दा उठाया। चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान प्रवर समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था और इस समिति के लिए 4 सांसदों.. सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल), एस फान्गनॉन कोन्याक (भारतीय जनता पार्टी), एम थंबीदुरई (ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम) और नरहरि अमीन (भाजपा) के नाम उनकी अनुमति के बिना शामिल किए थे।

चड्ढा ने शुक्रवार रात जारी एक बयान में कहा मेरा निलंबन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से आज के युवाओं के लिए एक कड़ा संदेश है, यदि आप सवाल पूछने की हिम्मत करेंगे, तो हम आपकी आवाज को कुचल देंगे। मुझे दिल्ली सेवा विधेयक पर संसद में अपने भाषण के जरिए वे कठिन सवाल पूछने के कारण निलंबित किया गया जिनका दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कोई जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने कहा मेरा अपराध यह है कि मैंने दिल्ली के मुद्दे पर भाजपा के दोहरे मानदंडों का उजागर किया और उन्हें आडवाणी-वाद एवं वाजपेयी-वाद का पालन करने के लिए कहा। तथ्य यह है कि 34 वर्षीय सांसद ने उन्हें आईना दिखाया और उनसे जवाब मांगा, जिससे वे घबरा गए।’

आप नेता ने कहा भाजपा ने जिस तरह राहुल गांधी को संसद से बाहर करने की योजना बनाई, उससे पता चलता है कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के आम आदमी पार्टी के किसी भी सांसद को निलंबित करने और बाद में निष्कासित करने के लिए इसी तरह की रणनीति बनाने की इच्छा रखते हैं। चड्ढा, संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा से निलंबित होने वाले आम आदमी पार्टी के दूसरे सांसद हैं। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को 24 जुलाई को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।

Haryana Violence :  इंटरनेट और sms सेवा पर बढ़ी रोक

गुरुग्राम। हरियाणा सरकार ने शांति भंग और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगड़ने से रोकने के लिए शुक्रवार शाम को नूंह जिले में मोबाइल इंटरनेट और sms सेवाओं के निलंबन को 13 अगस्त रात 11.59 बजे तक बढ़ा दिया। नूंह जिले में पहले शुक्रवार रात 11.59 तक इंटरनेट और sms सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था।

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टी.वी. एस. एन. प्रसाद द्वारा शुक्रवार को जारी एक आदेश में बताया गया नूंह उपायुक्त द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया है कि जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई है और हालात अभी भी गंभीर और तनावपूर्ण बने हुए हैं। हरियाणा में इस महीने की शुरुआत में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में कुल 393 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 118 अन्य को हिरासत में लिया गया है।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हरियाणा के नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, पानीपत, भिवानी और हिसार में 160 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। नूंह के पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र बिजारणिया ने बताया कि ब्रज मंडल हिंसा मामले के संबंध में जिले में 59 प्राथमिकियां दर्ज कर 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, नूंह में पिछले महीने सांप्रदायिक हिंसा की वजह से अवरुद्ध हुई यात्रा को पूरा करने के लिए कुछ हिंदू समूहों के आह्वान के मद्देनजर गुरुग्राम पुलिस ने शुक्रवार को लोगों से बिना मंजूरी के जुलूस या फिर कोई रैली नहीं निकालने की अपील की।

गौरतलब है कि नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ब्रज मंडल यात्रा पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई थी। VHP के मंडल मंत्री देवेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को  बताया सभी हिंदू समूहों ने 28 अगस्त को उस यात्रा को पूरा करने का फैसला किया है, जिसपर 31 जुलाई को नूंह में हमला हुआ था। उम्मीद है कि यात्रा श्रद्धा और उत्साह के साथ पूरी होगी। इसके अलावा सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है, जिसमें यह कहा जा रहा है कि मेवात धर्म यात्रा 28 अगस्त 2023 को पूरी होगी।

गुरुग्राम पुलिस ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में आम जनता से अनुरोध किया कि वे उत्तेजक नारे लगाने, भाषण देने, बैनर ले जाने या ऐसे किसी कृत्य में शामिल न हों, जो किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाता हो या फिर शांति भंग कर सकता हो। सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) अपराध वरुण दहिया ने बताया हम किसी विशिष्ट जुलूस के लिए यह अपील नहीं कर रहे हैं। जिले में हालात सामान्य हैं और हमने जिले में शांति, कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

Haryana Nuh Violence : टीवी चैनल का संपादक गिरफ्तार

गुरुग्राम। हरियाणा के नूंह और आसपास के जिलों में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ पोस्ट करने पर सुदर्शन न्यूज के एक संपादक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि टीवी चैनल के स्थानीय संपादक मुकेश कुमार को गुरुग्राम साइबर थाना पूर्वी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। टीवी चैनल ने अपने स्थानीय संपादक मुकेश कुमार की गिरफ्तारी को मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया और शुरू में आरोप लगाया था कि कुछ गुंडों द्वारा उनका अपहरण किया गया था।

गत 31 जुलाई को नूंह में विश्व हिंदू परिषद की जलाभिषेक यात्रा पर हमले और इसके बाद भड़की सांप्रदायिक हिंसा में 6 लोग मारे गए थे। पुलिस ने कहा कि कुमार ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि एक विदेशी मीडिया हाउस गुरुग्राम पुलिस आयुक्त को फोन कर सांप्रदायिक दंगों को लेकर हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहा है। शुक्रवार को एक बयान जारी कर गुरुग्राम पुलिस ने कुमार की पोस्ट को आधारहीन, झूठा और भ्रामक  बताया।

इसने कहा कि साइबर अपराध थाने में पत्रकार के खिलाफ IT अधिनियम की संबंधित धारा और अन्य धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 8 अगस्त को कुमार ने ट्वीट किया अल जजीरा समाचार चैनल गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त को कॉल कर उन पर हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहा है। इस दबाव के बाद कहीं से भी हिंदू कार्यकर्ताओं को उठाया जा रहा है। सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) वरुण दहिया ने शुक्रवार को कहा कि कुमार को गिरफ्तार कर उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया।

सुदर्शन न्यूज ने पहले ट्वीट कर दावा किया था कि उसके स्थानीय संपादक कुमार का गुरुग्राम से अपहरण कर लिया गया है। चैनल ने दावा किया कि वह संघर्षरत हिंदू कार्यकर्ताओं की मदद के लिए मेवात गए थे। इसमें कहा गया कि गुरुग्राम के सेक्टर-17 में गुंडों ने उनका अपहरण कर लिया। बाद में उसने एक और बयान जारी कर कहा कि गिरफ्तारी की सूचना देने के लिये बयान जारी करने में गुरुग्राम पुलिस को 7 घंटे लग गए। चैनल ने गिरफ्तारी को पूरी तरह गलत करार दिया।

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