Monday, June 23, 2025
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रेसलर रानी राणा को दहेज के लिए घर से निकाला, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेस्डर है रानी राणा, FIR दर्ज़…

ग्वालियर। अंतरराष्ट्रीय पहलवान रानी राणा  के साथ दहेज के लिए मारपीट का मामला सामने आया है, पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पहलवान रानी राणा के पति, सास और ससुर ने दहेज के लिए मारपीट की. और घर से निकाल दिया. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

रानी राणा पहलवान होने के साथ-साथ बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेस्डर भी है. पहलवान रानी राणा ने घर से बेदखल होने के बाद मुरार थाने पहुंचकर अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस लगाया है. पुलिस को दी शिकायत में पहलवान रानी राणा ने पति प्रिंस राणा और सास ससुर के खिलाफ मारपीट, दहेज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया. फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.

पहलवान रानी राणा ग्वालियर (Gwalior) के जखौरा गांव की रहने वाली है. रानी का ससुराल सुरैया पूरा में स्थित है रानी ने बताया कि उनके पति प्रिंस राणा, सास सुमन राणा और ससुर अनिरुद्ध राणा उसे दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे. उसका घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था. दहेज में रानी से 5 लाख रुपये की मांग की जा रही थी. जब रानी ने अपने मायके से रुपये लाने में असमर्थता जताई तो फिर पति और सास-ससुर ने उनके साथ मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया. महिला पहलवान रानी की शादी 16 फरवरी 2020 को सुरैया पूरा निवासी प्रिंस राणा के साथ हुई थी. शादी के समय उसके माता-पिता ने दहेज में 10 लाख रुपये और घर गृहस्ती का सामान दिया था. शादी के शुरुआती 6 महीनों तक ससुराल वालों का व्यवहार रानी के साथ अच्छा रहा. पति प्रिंस राणा ने जिम खोलने के लिए रानी से 5 लाख रूपये का दवाब डाल रहा था.

इस दिन होगी RAS-2023 की परीक्षा, जान लीजिए तारीख

अजमेर। RPSC ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए होने वाली 905 पदों पर भर्ती के लिए एग्जाम डेट फाइनल कर दी है. विभाग ने प्रारंभिक परीक्षा कि लिए तारीखों की घोषणा का नोटिस जारी कर दिया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा रविवार, 1 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी. इस अधिसूचना को देखने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर जाएं.

इस भर्ती में कुल 905 पदों पर आवेदन लिए जाएंगे. 905 पदों में से 424 पद राज्य सेवाओं के लिए और 481 पद अधीनस्थ सेवाओं के लिए हैं. RPSC आरएएस 2023 पंजीकरण प्रक्रिया 1 जुलाई को शुरू हुई और 31 जुलाई को समाप्त हुई. RPSC द्वारा होने वाली इस प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन दो चरणों में होगा. प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा 200 अंकों की होगी और इसमें सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान के प्रश्न शामिल होंगे.।प्रीलिम्स परीक्षा तीन घंटे तक चलती है. प्रीलिम्स परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए आमंत्रित किया जाएगा. जो उम्मीदवार मुख्य परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे उन्हें साक्षात्कार के लिए उपस्थित होना होगा.

हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत, अब 24 घंटे फहरा सकते है राष्ट्रीय ध्वज

दिल्ली-  केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरूआत कर दी है.  केंद्र की भाजपा सरकार ने ध्वज संहिता के नियमों में भी बदलाव किया. जानकारी के अनुसार, ध्वज संहिता के नियमों में बदलाव के बाद अब आम जनता भी अपने घरों पर ध्वज फहरा सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ध्वज संहिता के नियमों में बदलाव की वजह ‘हर घर तिरंगा’ अभियान है. केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से  हर घर तिरंगा अभियान को मजबूती मिलेगी. देश अपने अमृत काल में  जी रहा है.  इस अभियान के लिए देश के सभी 1.6 लाख डाकघरों में बिक्री के लिए झंडे उपलब्ध होंगे. 13 अगस्त से 15 अगस्त तक तीन दिनों के लिए नागरिकों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करने के लिए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया गया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तीन दिनों के लिए घरों के ऊपर 20 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाएंगे.

जान लीजिए नियम

अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा, ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’ इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी. इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, ‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा. यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा।’ इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी.

मनचलों को मिलेगी अपने कर्मो की सजा, कैरेक्टर सर्टिफिकेट में लिखा जाएगा ये छेड़छाड़ में शामिल

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार देर रात तक कानून व्यवस्था की बैठक  ली. इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने अफसरों को मनचलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए. बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि महिलाओं और कमजोर वर्ग के खिलाफ अपराधों को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. छेड़छाड़ करने वाले मनचलों का रिकॉर्ड रखा जाए.

सीएम गहलोत ने कहा कि जिन लोगों के नाम बहन बेटियों से छेड़छाड़ करने वालों में शामिल होंगे. उन मनचलों को सरकारी नौकरी से वचिंत रखा जाएगा. सीएम अशोक गहलोत ने छेड़छाड़ करने वाले मनचलों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन चलाने के आदेश दिए. स्कूल, कॉलेजों और बाजारों में मनचलों पर निगरानी के लिए सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मियों को लगाया जाएगा. जिन जगहों पर मनचलों की शिकायतें ज्यादा हैं. वहां पर खास निगरानी रखी जाएगी. स्कूल, कॉलेजों और बाजारों में पॉइंट तय करके वहां निगरानी बढ़ाई जाएगी. जल्द ही प्रदेश भर में मनचलों के खिलाफ बड़ा अभियान चलेगा. सीएम ने सरकारी नौकरी ने वचिंत रखने के लिए आदतन मनचलों का अलग से रिकॉर्ड ​रखा जाएगा. ऐसे लोगों के नाम RPSC, कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजे जाएंगे. डेटाबेस में ऐसे लोगों के नाम मिलान करके वे अगर नौकरी के लिए अप्लाई करेंगे तो उनके आवेदन ही रिजेक्ट हो जाएंगे. इसको लेकर सीएम ने सिर्फ मौखिक आदेश दिए हैं. इसके लिए भर्ती प्रक्रियाओं और सरकारी नौकरी के पात्रता नियमों में बदलाव करना होगा.

राजस्थान 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में दूसरे स्थान पर रहा. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में पिछले साल लगातार तीसरे वर्ष सबसे अधिक बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे. इसके अलावा, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में कुल आरोपपत्र दर केवल 54 प्रति लाख है, जो कई राज्यों में 90 से अधिक है. आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ 56,083 अपराधों के साथ उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, इसके बाद राजस्थान में 40,738, महाराष्ट्र (39,526), पश्चिम बंगाल (35,884) और मध्य प्रदेश (30,673) 5 वां स्थान हैं.

फिलहाल अभी तक इन तरह के केस मे धारा भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है. जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो. भारतीय दंड संहिता के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा को भंग करने के लिए उस पर हमला या जोर जबरदस्ती करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 354 लगाई जाती है. जिसके तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.

पेपरफ्राई के को- फाउंडर अंबरीश मूर्ति का निधन

दिल्ली। पेपरफ्राई के सह-संस्थापक और सीईओ अंबरीश मूर्ति का दिल का दौरा पड़ने से लेह में निधन हो गया. कंपनी के सह-संस्थापक और CEO  आशीष शाह ने मंगलवार को जानकारी दी. अंबरीश  मूर्ति का निधन 51 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से हुआ. अंबरीश मूर्ति ने हाल ही में अपनी लिंक्डइन पोस्ट पर पेपरफ्राई में 12 साल पूरे करने की घोषणा की. अंबरीश के साथी और पेपरफ्राई के सह-संस्थापक और सीओओ आशीष शाह ने एक ट्वीट में कहा, ”यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि मेरे दोस्त, गुरु, भाई, आत्मीय अंबरीश मूर्ति अब नहीं रहे। कल रात लेह में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।”

मूर्ति का जीवन काल

10 सितंबर 1971 को जन्म लेने वाले अंबरीश मूर्ति ट्रैकिंग के बड़े शौकीन थे. छुट्टियों के लिए उनकी पसंदीदा जगह लेह लद्दाख थी. एक इंटरव्यू के दौरान मूर्ति ने बताया था कि जंस्कार वैली के चादर ट्रैक में उनका ट्रैकिंग अनुभव उनके सबसे अच्छे अनुभवों में से एक था.

मूर्ति ने 1990-1994 में दिल्ली टेक्नॉलॉजिकल यूनिवर्सिटी से सिवल इंजीनियरिंग की. 1994-1996 में IIM कलकत्ता से MBA पूरा किया. इसके बाद कैडबरी में मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर शामिल हो गए. कंपनी ने उन्हें एरिया सेल्स मैनेजर बनाकर केरल भेज दिया. करीब 5 साल बाद 2001 में उन्होंने कैडबरी छोड़ दी. अंबरीश ने 2011 में शाह के साथ मिलकर पेपर फ्राई कंपनी की शुरुआत की इस कंपनी का काम घर के फर्नीचर और घर की सजावट करना था.

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित नही करेगी सरकार, गाय के नाम पर चल रहा इस तरह राजनीतिक खेल

दिल्ली। गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का फिलहाल केंद्र सरकार का कोई इरादा नही है. सोमवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है और सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु के तौर पर मान्यता देने का इरादा नहीं रखती है. राजस्थान के अजमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में सवाल उठाए थे. चौधरी ने पूछा था कि क्या सरकार भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग ‘गौमाता’ को राष्ट्रीय पशु के रूप में मान्यता देने वाली है ? इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने साफ इंकार कर दिया. किशन रेड्डी ने जवाब  देते हुए कहा कि, ‘भारत सरकार ने बाघ और मोर को राष्ट्रीय पशु व राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर मान्यता दी है. इन दोनों जीवों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल किया गया है।’ उन्होंने कहा कि भारत सरकार MoEF&CC के आधिकारिक रिकॉर्ड में दखल नहीं दे रही है. मंत्रालय ने 30 मई 2011 को बाघ और मोर को राष्ट्रीय पशु व राष्ट्रीय पक्षी के तौर पर फिर से अधिसूचित किया था. फिलहाल सरकार इस अधिनियम में कोई बदलाव नहीं करेगी.

गाय के नाम पर राजनीति बवाल

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है लेकिन चुनाव आते-आते गाय के नाम पर राजनीति चरम पर आ जाती हैं. गौरक्षा के नाम पर कई जगह हिसां भी होती है सालों पहले गौ-रक्षकों की एक भीड़ ने संसद पर लगभग हमला बोल दिया था; इस कारण एक गृह-मंत्री को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था, पिछले कई सालों में गौ-रक्षा के नाम पर पूरे देश में काफी हमलें हुए हैं. जिनमें से कई में लोगों को पीट-पीटकर मारा डाला गया. गौरक्षा के एक मामले में तो एक 12 साल के बच्चे इम्तियाज़ ख़ान को मारकर पेड़ से लटका दिया गया था. राजस्थान भी गौ-रक्षा की राजनीति से अछूता नही रहा. 1 अप्रैल 2017 को, पहलू खान पर गौरक्षकों ने हमला किया था इस हमले में पहलू खान की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पहलू खान गायों और बछड़ों को लेकर जयपुर से हरियाणा के नूंह स्थित अपने गांव लौट रहे थे. उन्हें कथित तौर पर 200 गौरक्षकों द्वारा जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बहरोड़ के पास जगुवास क्रॉसिंग के पास रोककर हमला किया. इस हमलें में पहलू खान की मौत हो गई थी.  

गाय को भारत की संस्कृति में माता का दर्जा दिया गया है. पूरे विश्र्व में अगर गाय को कही पूजा जाता है तो वह हमारा देश भारत है. भारत में गाय, गांव के प्रधान से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनाने मे अहम योगदान रखती है. ये भारत की सिय़ासत है जहा पर गाय को लेकर अलग-अलग तस्वीर सामने आती है. दोनो तस्वीरों में गाय को वोट बैंक की पूजा से लेकर 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा माना जाता हैं. गाय को हमारे देश में सास्कृंतिक प्राणी माना जाता है लेकिन अब गाय को राजनीतिक प्राणी बना दिया गया हैं.

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 10×10 की जमीन के टुकड़े के लिए कुछ लोगों ने एक युवक की हत्या कर दी. दरअसल, आरोपी पक्ष ने उस जमीन पर गाय बांधी थी, जिसका युवक के परिवार ने विरोध किया था. बात इतनी बढ़ी कि कुल्हाड़ी से हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया गया.

कर्नाटक के पशुपालन मंत्री टी. वेंकटेश (T. Venkatesh) ने गाय को लेकर एक बयान दिया जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया. मंत्री ने कहा कि अगर भैंस और बैल काटे जा सकते हैं तो गाय (Cow) का वध क्यों नहीं किया जा सकता. मैसुरु में पत्रकारों से बात करते हुए वेंकटेश ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद कर्नाटक पशुवध रोकथाम और पशु संरक्षण अधिनियम को वापस लेने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. 

ईसी तरह यूपी के अमरोहा की तरौली निवासी गाय मालिक अपने कुछ साथियों के साथ आए तथा किसान से पूछे बगैर खूंटे से खोल कर अपने घर ले जा रहे थे. पता लगने पर किसान पीछे से पहुंचकर रास्ते में हसनपुर रहरा मार्ग आदर्श इंटर कालेज कुटी दौलतपुर के नजदीक गाय को ले जाते हुए पकड़ लिया। यहां गाय को लेकर विवाद हो गया। आरोपितों ने किसान को पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में ले लिया है। उप निरीक्षक सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या के मामले में जांच चल रही है. इसी तरह हाल में राजस्थान के भरतपुर में दो युवकों को जिंदा जला दिया गया था. इनका इल्जाम मोनू मानेसर के नाम लगा था. इस को लेकर भी खूब राजनीती हुई. फिलहाल आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

Kejriwal Defamation Case : प्रधानमंत्री की डिग्री मामले में केजरीवाल को राहत देने से अदालत का इनकार

अहमदाबाद। गुजरात में अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया था।

सत्र न्यायाधीश एजे कनानी की अदालत ने मेट्रोपोलिटन अदालत में चल रहे आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह करने वाली आप नेताओं की याचिकाएं खारिज कर दी हैं। यह मामला गुजरात विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के सिलसिले में केजरीवाल और सिंह के व्यंगात्मक और अपमानजनक बयानों को लेकर दायर किया था। आप नेताओं के वकील पुनित जुनेजा ने कहा कि अदालत ने शनिवार को अपना आदेश जारी किया और गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा समय मांगे जाने के बाद मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त के लिए मुकर्रर कर दी।

जुनेजा ने कहा कि केजरीवाल और सिंह ने मानहानि मामले में मेट्रोपोलिटन अदालत के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी और अपनी मुख्य याचिका के लंबित रहने के दौरान सत्र अदालत से अंतरिम राहत मांगी थी और उनकी मुख्य याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था। मेट्रोपोलिटन अदालत ने दोनों नेताओं को इस संबंध में जारी समन को लेकर 11 अगस्त को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। जुनेजा ने कहा हमने यहां मेट्रोपोलिटन अदालत में चल रहे आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाने के लिए सत्र अदालत में एक याचिका दायर की थी। अदालत ने शनिवार को हमारी याचिका खारिज कर दी और मामले को 21 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

अदालत ने उन्हें इस आधार पर मामले में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया कि दोनों नेताओं ने मेट्रोपोलिटन अदालत से कहा है कि वे 11 अगस्त को उसके समक्ष उपस्थित रहेंगे। जुनेजा ने कहा कि वे गुजरात उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। गुजरात विश्वविद्यालय के कुलसचिव पीयूष पटेल की ओर से दायर मानहानि याचिका में कहा गया है कि विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली इन दोनों नेताओं की टिप्पणियां अपमानजनक थीं और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती हैं।

कई राज्यों ने मनाया राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों ने नीरज चोपड़ा की तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए सोमवार को राष्ट्रीय भाला दिवस मनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रतियोगिता ने भाग लिया। अधिकारियों के अनुसार, भाला प्रतियोगिताएं गुजरात, असम, हरियाणा और दिल्ली सहित अन्य राज्यों में आयोजित की गई।

नीरज ने 7 अगस्त 2021 को तोक्यो ओलंपिक के फाइनल में 87.58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था। नीरज ने ओलंपिक में शीर्ष स्थान हासिल करने वाला भारत का पहले ट्रैक एवं फील्ड एथलीट बनकर इतिहास रचा था। स्पर्धा के दूसरे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। वह 2008 में बीजिंग में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के दूसरे खिलाड़ी बने थे। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने देश के युवाओं से बड़ी संख्या में राष्ट्रीय भाला दिवस पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने का आग्रह किया था।

नीरज ने तोक्यो ओलंपिक के ऐतिहासिक दिन को याद करते हुए हाल ही में ओलंपिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो में कहा था कि उन्हें वह क्षण हमेशा याद रहेगा जब पदक समारोह में भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराया था और राष्ट्रगान बज रहा था। उन्होंने कहा पोडियम पर जब स्वर्ण पदक मेरे गले में था और मेरे सामने राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा था और राष्ट्रगान बजाया जा रहा था, वह एक रोंगटे खड़े कर देने वाला क्षण था। वह स्मृति मेरे पूरे जीवन तक रहेगी।

उन्होंने कहा जब मैंने स्वर्ण हासिल किया, तो मैं बता नहीं सकता कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा था क्योंकि उस समय मेरे मन में कई तरह की भावनाएं आ रही थी। इस खिलाड़ी ने कहा आप उस दिन (सफलता के) लिए आप प्रशिक्षण लेते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं। मैंने हाथ में तिरंगा लेकर स्टेडियम का एक चक्कर लगाया। वह मेरे लिए गर्व का क्षण था। ओलंपिक चैम्पियन बनने के बाद नीरज डायमंड लीग चैंपियन और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता भी बने।

मानहानि मामले में CM गहलोत VC के जरिये हुए पेश

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दिल्ली की एक अदालत के समक्ष सोमवार को पेश हुए।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने गहलोत की उपस्थिति यह देखते हुए दर्ज की कि सत्र अदालत ने उन्हें (गहलोत को) वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश होने की अनुमति दी है। मजिस्ट्रेट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट को सुनवाई की पहली तारीख पर जमानती बॉण्ड दाखिल करने पर जोर न देने का निर्देश दिया है।

शेखावत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा के यह बताए जाने के बाद कि सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है, एसीएमएम ने मामले को 21 अगस्त के लिए मुल्तवी कर दी। सत्र अदालत ने 1 अगस्त को शिकायत से संबंधित कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन कांग्रेस नेता को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की अनुमति दी थी।

गहलोत ने शेखावत पर संजीवनी घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया था, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने शिकायत दर्ज करायी थी और मजिस्ट्रेट अदालत ने 7 अगस्त को कांग्रेस नेता को तलब किया था। यह घोटाला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा कथित तौर पर हजारों निवेशकों के साथ लगभग 900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने से संबंधित है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जयपुर के बिड़ला सभागार में नवगठित जिलों के उद्घाटन के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उनका नवगठित जिले (फलोदी) के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए फलोदी जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वह नहीं जा सके, क्योंकि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के सामने पेश होना था।

उन्होंने कहा मुझे आज फलोदी जाना था, लेकिन सुनवाई थी। मेरे खिलाफ गजेंद्र शेखावत ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से (अदालती कार्यवाही में) शामिल हुआ हूं। इसके साथ ही गहलोत ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों पर संजीवनी क्रेडिट सहकारी सोसायटी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि शेखावत ने उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है और अगर इससे पीड़ितों का कोई भला होता है तो वह जेल जाने को भी तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि कई पीड़ितों ने उनसे मुलाकात की है और उन्हें बताया है कि कैसे उनकी मेहनत की कमाई सोसायटी के लोगों द्वारा ठग ली गयी है। उन्होंने दावा किया कि जोधपुर से सांसद शेखावत के पास इथियोपिया में फार्म हाउस और संपत्तियां हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसमें किसका पैसा लगा है। इससे पहले, एमपी/एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने कहा कि 7 अगस्त को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष एक आरोपी के रूप में गहलोत की शारीरिक और व्यक्तिगत उपस्थिति व्यावहारिक रूप से सुविधाजनक और आवश्यक नहीं हो सकती है, लेकिन कार्यवाही पर रोक लगाने का कोई कारण नहीं दिखता। सत्र न्यायाधीश ने कार्यवाही के खिलाफ गहलोत की अर्जी पर मामले को 19 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

आपके जिले का कौन है SP और कलेक्टर जानें…

जयपुर। राजस्‍थान सरकार ने राज्‍य के 17 नवगठित जिलों में पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। इसके साथ ही नवगठित संभागों में भी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। राज्‍य के कार्मिक विभाग ने सोमवार रात इस बारे में आदेश जारी किए।

आदेश के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी नीरज पवन को नवगठित बांसवाड़ा संभाग का संभागीय आयुक्‍त, डॉ मोहनलाल यादव को सीकर का संभागीय आयुक्‍त व IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) वंदना सिंघवी को नवगठित पाली संभाग का पहला संभागीय आयुक्‍त नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही नवगठित जिलों के जिला कलेक्टर भी नियुक्त किए गए हैं। ज्यादातर जिलों में पहले नियुक्त किए गए विशेष अधिकारी (OSD) को ही जिला कलेक्टर बनाया गया है।

भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के तबादलों के तहत पुलिस महानिरीक्षक (साइबर अपराध) भूपेंद्र साहू को महानिरीक्षक (जेल) पद पर निुयुक्त किया गया है। वहीं आईपीएस एच जी राघवेंद्र पाली के, एस परिमला बांसवाड़ा व आईपीएस सत्‍येंद्र सिंह सीकर के पुलिस महानिरीक्षक होंगे। नवगठित जिलों के पुलिस अधीक्षक (SP) नियुक्त किए जाने के साथ गंगानगर सीकर के पुलिस अधीक्षक बदले गए हैं।

उल्‍लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के नवगठित जिलों व संभागों का सोमवार को यहां ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया था। नव‍गठित जिलों में अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना कुचामन, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर (ग्रामीण), केकड़ी, जोधपुर शहर, जोधपुर (ग्रामीण), कोटपूतली बहरोड़, खैरथल तिजारा, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। राज्‍य सरकार ने एक अन्‍य आदेश के तहत भारतीय वन सेवा (IFS) के 15 अधिकारियों के तबादले व पदस्‍थापन भी किए हैं।

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