Wednesday, February 5, 2025
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जो बाइडन ने शमीना सिंह को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय-अमेरिकी मूल की शमीना सिंह को राष्ट्रपति की निर्यात परिषद में नियुक्त करने की घोषणा की है। यह परिषद अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर एक प्रमुख राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में काम करती है।

सिंह मास्टरकार्ड सेंटर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि वह इस परिषद में शामिल होने को लेकर सम्मानित महसूस कर रही हैं।

व्हाइट हाउस की ओर से 14 जुलाई का जारी बयान में कहा गया है कि बाइडन ने सिंह को एक महत्वपूर्ण भूमिका के लिए नियुक्त करने की घोषणा की है। सिंह मास्टरकार्ड की प्रबंधन समिति की सदस्य भी है। बाइडन प्रशासन में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग कार्यरत हैं। सिंह भी अब इनमें शामिल हो गई हैं। बाइडन प्रशासन में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत भारतीय-अमेरिकी लोगों की संख्या 150 से अधिक है।

हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर

शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में सोमवार तड़के बादल फटने से 1 व्यक्ति की मौत हो गई और 3 अन्य घायल हो गए। राज्य आपात प्रतिक्रिया केंद्र के अनुसार, कुल्लू में कायास गांव के पास तड़के करीब 3 बजकर 55 मिनट पर बादल फटा, जिससे कई वाहन बह गए और एक सड़क अवरुद्ध हो गई।

बादल फटने की घटना में 1 व्यक्ति की मौत हो गई, जिसकी पहचान कुल्लू के चंसारी गांव के रहने वाले बादल शर्मा के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि घटना में घायल 3 लोगों में से 2 की हालत गंभीर है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्राधिकारियों ने मोर्चा संभाला और सड़क मार्ग को साफ कराने के लिए मशीनों को तैनात किया। उन्होंने कहा कि सड़क के अवरुद्ध होने के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है।

मौसम विज्ञान विभाग के स्थानीय कार्यालय ने सोमवार को राज्य में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया था। राज्य आपात प्रतिक्रिया केंद्र के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मानसून की दस्तक के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में 118 लोगों की मौत हो चुकी है। बारिश के कारण राज्य को कुल 4,415 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।

पत्रकार की हत्या, 5 साल में मारे गए 52 पत्रकार

मेक्सिको। मेक्सिको में बढ़ती गिरोह हिंसा के बीच एक और पत्रकार की हत्या का मामला सामने आया है। पिछले 5 वर्षों में मेक्सिको में 52 पत्रकार मारे गए हैं। अधिकारियों और प्रेस स्वतंत्रता संगठन ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि पत्रकार नेल्सन माटुस को शनिवार को दक्षिण-पश्चिम मेक्सिको के अकापुल्को में गोली मारी गई।

माटुस स्थानीय समाचार संस्था ‘लो रियल डे ग्युरेरो’ के निदेशक थे। यह संस्था मेक्सिको के ग्युरेरो राज्य में हिंसा की खबरों को प्रमुखता से कवर करती है। पत्रकारों के संगठन ‘अर्टिकल 19’ के मुताबिक, माटुस पर 2019 में भी जानलेवा हमला हुआ था। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि वे हत्या मामले की जांच कर रहे हैं। माटुस की हत्या से ठीक एक सप्ताह पहले पश्चिमी मेक्सिको में एक अन्य पत्रकार की जघन्य हत्या हुई थी। पत्रकारों की एक समिति ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’(सीपीजे) ने कहा कि यह घटना मेक्सिको में प्रेस के सामने लगातार पेश आ रही चुनौतियों और खतरों को रेखांकित करती है।

सीपीजे के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में मेक्सिको में गिरोह हिंसा में 52 पत्रकार मारे गए हैं। समिति ने बताया कि मेक्सिको पिछले साल पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे घातक देशों में से एक था।

अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर लगाया बड़ा आरोप

हिमाचल प्रदेश। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर अपने नेताओं को मणिपुर भेजने और वहां हिंसा ‘भड़काने’ का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि कुछ दल देश में शांति देखकर खुश नहीं हैं। हमीरपुर में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी दावा करती है कि मणिपुर हिंसा से ग्रस्त है और दूसरी ओर इसके नेता बिना किसी कारण पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”बीते 10 दिन में मणिपुर से किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं आई है लेकिन कांग्रेस अपने नेताओं को वहां भेजकर हिंसा भड़काना चाहती है जो स्वीकार्य नहीं है।” कुछ दल देश में शांति होने से सहज नहीं हैं और कांग्रेस उनमें से एक है।

मंत्री राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए अपने हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र के 4 दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बड़ी आपदा की स्थिति में भी आम आदमी को नहीं बख्शा और उसने डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) बढ़ा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बिलासपुर जिले का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बताया कि 11 लोगों की जान चली गई है और 359 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

विपक्षी दलों की बैठक का नहीं होगा कोई प्रभाव – बसवराज बोम्मई

कर्नाटक। बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि ऐसी बैठकों का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है और आने वाले दिनों में ऐसी कई बैठकें हो सकती हैं, लेकिन उनका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि विपक्षी दलों के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराने के अलावा एकजुट होने का कोई विशेष उद्देश्य नहीं है।

सत्रह और 18 जुलाई को कांग्रेस द्वारा आहूत विपक्षी दलों की बैठक के लिए 24 गैर-भाजपा दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबला करना है। बोम्मई ने कहा, ‘‘अखिल भारतीय स्तर पर कोई मजबूत विपक्षी दल नहीं है, क्षेत्रीय दल अधिक हैं, इसलिए विपक्षी दलों का एकजुट होना और उनकी बैठकें आयोजित करने का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है, न ही इससे (उन्हें) कोई राजनीतिक लाभ होगा।’’

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा को हराने के एकमात्र इरादे से वे एकजुट हो रहे हैं, जिससे पता चलता है कि उनके पास अपनी ताकत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उनके पास एकजुट होने का कोई विशेष उद्देश्य नहीं है, उनका एकमात्र इरादा मोदी को हराना है।’ उन्होंने कहा कि देश आज आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रगति कर चुका है तथा कोविड​-19 के बाद देश ने तेजी से आर्थिक सुधार किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड पर नियंत्रण के बाद देश में जो विकास हुआ है, उससे मोदी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। लोग अच्छी तरह जानते हैं कि देश की सुरक्षा, प्रगति, आर्थिक विकास, शिक्षा और सामाजिक विकास केवल मोदी द्वारा ही संभव है।’’

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में विपक्ष की ऐसी कई बैठकें हो सकती हैं, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। कांग्रेस द्वारा बुलाई गई यह बैठक विपक्षी दलों की दूसरी ऐसी बैठक है। पहली बैठक 23 जून को बिहार के पटना में हुई थी जिसमें 15 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी 17 जुलाई को रात्रिभोज बैठक में शामिल होने की उम्मीद है जहां इन दलों के नेता मौजूद रहेंगे।

संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार

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नई दिल्ली। संसद के 20 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। एक ओर जहां सत्ता पक्ष महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं दूसरी ओर विपक्ष मण‍िपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

केंद्र की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने मानसून सत्र से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के बीच आम सहमति बनाने के लिये 19 जुलाई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। लोकसभा सचिवालय की बुलेटिन के अनुसार, संसद के मानसूत्र सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान लिये जाने वाले सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नये विधेयकों को पेश व पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेने के लिए पेश किया जाएगा। सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली कि सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये जाने हैं, ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए क्योंकि सरकार नियम व प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है।

मण‍िपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, महंगाई, अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग, महिला पहलवानों के उत्पीड़न पर चर्चा कराने सहित अन्य मुद्दों पर विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है। कांग्रेस के नेता के. सुरेश ने कहा, ‘‘हाल में पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि हम मण‍िपुर हिंसा,रेल सुरक्षा,संघीय ढांचे पर आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग करेंगे।’’ संसद का मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू होगा। 23 दिनों का यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।

मानसून में अभी तक राजस्थान के 15 जिलों में असामान्य बारिश

जयपुर। मानसून के दौरान अभी तक राजस्थान के 33 में से 15 जिलों में ‘असामान्य’ बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के किसी भी जिले में वर्षा सामान्य से कम नहीं है। हालांकि, जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, जैसलमेर ‘अति अल्पवृष्टि’ की श्रेणी में है जहां सामान्य से 60 प्रतिशत या उससे भी कम बारिश हुई है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के वर्षा संबंधी मानदंडों के अनुसार, सामान्य से 20 प्रतिशत या इससे ज्यादा बारिश को ‘अतिवृष्टि’, सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक से लेकर सामान्य से 19 प्रतिशत कम बारिश को ‘सामान्य वृष्टि’, सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत तक कम बारिश को ‘अल्पवृष्टि’ और सामान्य से 60 प्रतिशत या इससे भी कम बारिश को ‘अति अल्पवृष्टि’ की श्रेणी में माना जाता है।

मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के 690 बांधों में जल भंडारण 15 जुलाई को कुल क्षमता 12580.03 एमक्यूएम का 58.09 प्रतिशत है, जो पिछले साल इसी अवधि में 43.67 प्रतिशत था। मौसम विज्ञान विभाग के जयपुर केन्द्र द्वारा जारी अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में 15 जुलाई तक सामान्य से 80.9 फीसदी ज्यादा ‘अतिवृष्टि’ दर्ज की गई है। राज्य में 1 जून से 15 जुलाई तक सामान्य वर्षा 146.39 मिमी है, जिसके मुकाबले इस साल राज्य में 264.75 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 80.9 प्रतिशत अधिक है।

मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के 15 जिलों-अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, जालौर, जोधपुर, नागौर, पाली, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक और उदयपुर में ‘अतिवृष्टि’ दर्ज की गई है। विभाग के अनुसार, बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, डूंगरपुर, हनुमानगढ़ और झालावाड़ में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। किसी भी जिले में ‘अल्पवृष्टि’ (सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत तक कम बारिश) की स्थिति नहीं है। मौसम विभाग ने सोमवार को अलवर, दौसा, जयपुर, झुंझुनू, सीकर और टोंक में भारी बारिश और मंगलवार को अलवर, बारां, दौसा में भारी बारिश का ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है।

Congress की UPA सरकार का मतलब ‘उत्पीड़न, पक्षपात और अत्याचार’ – जे.पी. नड्डा

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने रविवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस की यूपीए (संप्रग) सरकार का मतलब ‘उत्पीड़न, पक्षपात और अत्याचार’ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ काम कर रही है।

जयपुर के बीलवा में एक रैली को संबोंधित करते हुए नड्डा ने कहा ‘‘कांग्रेस की यूपीए का मतलब ‘उत्पीड़न, पक्षपात और अत्याचार’ है। ऐसा करने में वह शीर्ष पर है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ काम कर रही है।’’

राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘‘यह यूपीए की सरकार है और यूपीए क्या है… यूपीए में ‘यू’ का मतलब ‘उत्पीड़न’, ‘पी’ का मतलब ‘पक्षपात’ और ‘ए’ का मतलब ‘अत्याचार’ है इसलिए यूपीए की सरकार ‘उत्पीड़न, पक्षपात और अत्याचार’ करने वाली है।’’ वह राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान की शुरुआत करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। यह अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जायेगा।

राज्य में साल के अंत तक चुनाव प्रस्तावित हैं। नड्डा ने बटन दबाकर अभियान और एक ‘थीम वीडियो’ जारी किया, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध, उदयपुर के कन्हैया लाल की हत्या, सांप्रदायिक दंगे और अन्य मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने राज्य सरकार का ‘‘फेल कार्ड’’ भी जारी किया। भाजपा अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह लोगों को लूटती है और उसने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं पर अत्याचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह सरकार लूटने वाली सरकार है.. यह सरकार अत्याचार करने वाली सरकार है, यह सरकार कुशासन लाने वाली सरकार है और ऐसी सरकार को जरा भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है और आने वाले नवंबर में आप इसको बाहर का रास्ता दिखायेंगे, इस बात का मुझे पूरा विश्वास है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान बनाना ही गहलोत सरकार का चरित्र है। नड्डा ने कहा कि ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान के जरिये भाजपा दो करोड़ लोगों तक पहुंचेगी।

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सीमा गुलाम हैदर का परिवार और पड़ोसियों ने किया बहिष्कार

कराची। मुस्लिम समाज की रूढ़ियों को तोड़ने का साहस करते हुए अपने 4 बच्चों के साथ चोरी-छिपे भारत आई पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर का उसके परिवार और पड़ोसियों ने बहिष्कार कर दिया है। वह भारत में, एक हिंदू व्यक्ति के साथ रहने गई है, जिससे एक ऑनलाइन गेम के दौरान उसकी दोस्ती हुई थी। सीमा और सचिन मीणा 2019 में पबजी खेलने के दौरान एक-दूसरे के संपर्क में आए और इसके बाद दो चिर-प्रतिद्वंद्वी देशों में 1,300 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर रह रहे इन दोनों के बीच एक नाटकीय प्रेम कहानी शुरू हुई। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, सीमा (30) और सचिन (22) दिल्ली के समीप ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा इलाके में रहते हैं, जहां सचिन किराने की दुकान चलाता है।

सीमा को बिना वीजा के नेपाल के जरिए अपने 4 बच्चों के साथ अवैध तरीके से भारत में घुसने को लेकर 4 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि सचिन को अवैध शरणार्थी को पनाह देने के आरोप में जेल भेज दिया गया था। हाल में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। सीमा के बच्चों की उम्र 7 साल से कम है। सीमा के पड़ोसियों और रिश्तेदार ने कहा कि वे चाहते हैं कि सीमा पाकिस्तान न लौटे। सीमा भारत आने से पहले अपने बच्चों के साथ पिछले 3 साल से पाकिस्तान में किराये के एक मकान में रह रही थी। उसके मकान मालिक के 16 वर्षीय बेटे ने कहा, ‘‘उसे अपने बच्चों को वापस पाकिस्तान भेजना चाहिए। वह वहां रह सकती है। अब वह मुस्लिम भी नहीं रही।’’

आपको बता दें यह बात भी झूठी साबित हुई है कि सऊदी अरब में काम करने वाले उसके पति गुलाम हैदर ने 12 लाख रुपये में यह घर उसके लिए खरीदा था। मकान मालिक के बेटे नूर मुहम्मद ने कहा, ‘‘नहीं, वह 3 साल से अपने बच्चों के साथ हमारे यहां किराये पर रह रही थी। वह अपने बच्चों के साथ अकेले रहती थी। उसके ससुर यहां से कुछ दूरी पर रहते हैं।’’

सीमा और गुलाम हैदर 10 साल पहले भागकर कराची आ गए थे और उन्होंने अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ जाकर निकाह कर लिया था। सीमा के पड़ोसी जमाल जखरानी ने कहा, ‘‘हमने उसे टैक्सी बुलाते और एक दिन अपने बच्चों तथा कुछ बैग के साथ जाते हुए देखा था। हमें लगा कि वह जकोबाबाद में अपने गांव जा रही है लेकिन करीब एक महीने बाद जब हमने उसकी हरकत के बारे में टीवी चैनल पर खबर देखी तो हम दंग रह गए।’’ इस संकरी गली में महिलाओं से बात करने की कोशिशें नाकाम हो गयी क्योंकि इस इलाके में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के पश्तून, सिंधी और सराइकी लोग रहते हैं और महिलाओं को अजनबियों से बात करने की अनुमति नहीं दी जाती। जमाल भी उसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जिससे सीमा और हैदर का संबंध है और उनका मानना है कि अब अच्छा होगा कि सीमा भारत में ही रहे।

जमाल ने कहा, ‘‘अगर वह कभी वापस आने का सोचती भी है तो बिरादरी के लोग उसे माफ नहीं करेंगे और दूसरी बात यह कि एक हिंदू के साथ रहने के उसके फैसले से सभी खफा हैं।’’ हिंदू लड़कियों को इस्लाम धर्म कबूल कराने के लिए अपने मदरसे का इस्तेमाल करने वाले प्रभावशाली मौलाना मियां मिट्ठू ने सीमा के लौटने पर उसे सजा देने की खुलेआम धमकी दी है। ग्रामीण सिंध क्षेत्र से आने वाले मियां मिट्ठू के समर्थकों ने भी सीमा के गांव में हिंदुओं के पूजा स्थलों पर हमला करने की धमकी दी है।

बहरहाल, काशमोर-कंधकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इरफान सामू ने हिंदू और सिखों को सुरक्षा का आश्वसान दिया है। उन्हें सीमा के दस्तावेजों और उसकी कहानी में विसंगतियां मिली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उसके राष्ट्रीय पहचान पत्र के अनुसार उसका जन्म 2002 में हुआ। इसलिए उसे अब 21 साल का होना चाहिए और उसके 4 बच्चे हैं।’’ सामू ने यह भी कहा कि पुलिस ने गुलाम हैदर से सऊदी अरब लौटने के लिए कहा है लेकिन वह केवल वीडियो या फोन कॉल पर ही उनके साथ संपर्क में रहा है। सामू को इस बात का यकीन नहीं है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली किसी महिला में इतना साहस होगा कि वह दुबई तथा काठमांडू के रास्ते भारत जा सके।

सीमा के ससुर ने कराची के एक पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। थाने के एक अधिकारी को भी लगता है कि यह मामला इतना सीधा-सादा नहीं है जैसा कि दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘एक बात साफ है कि सीमा अपने पति की गैरमौजूदगी से हताश थी और उसे अपने 4 बच्चों की देखभाल करनी पड़ती थी क्योंकि उसे ससुराल वालों से कोई मदद नहीं मिलती थी।’’ उन्होंने कहा कि उनके पड़ोस में आने के बाद सीमा आए दिन अपने मोबाइल फोन का बैलेंस रिचार्ज कराने उनकी दुकान पर आती थी।

दुकान मलिक ने कहा, ‘‘उसका आधा मुंह ढका रहता था और वह ज्यादा बात भी नहीं करती थी, इसलिए उसके बारे में सुनकर मुझे हैरानी हुई।’’ पड़ोस की एक मस्जिद में मौलवी समीउद्दीन शुरुआत में इस घटना के बारे में बात नहीं करना चाहते थे लेकिन फिर उन्होंने कहा कि सीमा दुष्ट थी। उन्होंने कहा, ‘‘शौहरों को लंबे वक्त तक अपनी बेगम को कभी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए और माता-पिता को अपनी बेटियों और बहनों पर लगातार नजर रखनी चाहिए, वरना भविष्य में हमें ऐसी और घटनाएं देखने को मिलेंगी। ऐसे गरीब इलाकों में ज्यादातर लोग खासतौर से महिलाएं इतनी पढ़ी-लिखी नहीं हैं कि वे अपने फैसलों के अंजाम को समझ सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उसने मुसलमानों तथा पाकिस्तान को शर्मिंदा किया है। उसे कभी न कभी अपने कर्मों की सजा मिलेगी।’’

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