जयपुर। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सोमवार को विधानसभा सत्र की कार्यवाही में कोटा विकास प्राधिकरण को हरी झंडी दिखा दी। मंत्री शातिं धारीवाल ने कहा कि कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023 से कोटा रीजन में समुचित एवं सुव्यवस्थित विकास हो सकेगा। इस रीजन में कोटा शहर, कैथून (जिला कोटा), तालेड़ा व केशवरायपाटन (जिला बूंदी) सहित 292 गांवों को शामिल किया गया है। धारीवाल सोमवार को विधान सभा में कोटा विकास प्राधिकरण विधेयक 2023 पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। प्रारम्भ में प्रभारी मंत्री एवं नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री ने विधेयक चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों पर प्रकाश डालते हुए नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री ने बताया कि विधेयक में आसपास के गांवों-कस्बों को शामिल करते हुए कोटा रीजन को परिभाषित किया गया है। इससे कोटा रीजन के विकास से सम्बन्धित योजनाएं एवं परियोजनाएं बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में सहायता मिलेगी। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने हेतु परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
योगी ने धर्मस्थलों को लेकर कही बड़ी बात, लोगों से की अपील
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोगों से धर्मस्थलों, सरकारी व सार्वजनिक संपत्तियों के संरक्षण की अपील की। गोरखनाथ मंदिर के तत्वावधान में अंधियारी बाग स्थित मानसरोवर मंदिर में आयोजित सात-दिवसीय (18 से 24 जुलाई) श्री शिव महापुराण कथा के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दस-ग्यारह वर्ष पूर्व मानसरोवर मंदिर जर्जर और अव्यवस्थित था। समाज की चेतना जागृत हुई और गोरखपुर के श्रद्धालुओं ने संरक्षण का बीड़ा उठाया तो इसका कायाकल्प हो गया।”
उन्होंने कहा, ”हर धर्मस्थल, सरकारी व सार्वजनिक संपत्ति को सुंदर रखना सबका कर्तव्य होना चाहिए। यदि किसी सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो वह धरती माता, अपनी विरासत व पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का भाव ईमानदारी से व्यक्त नहीं कर सकता। इसलिए इन स्थलों को न खुद नुकसान पहुंचाएं और न किसी को नुकसान पहुंचाने दें।” योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘वृहत्तर भारत में उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक श्रद्धालुओं को द्वादश ज्योतिर्लिंगों के माध्यम से अलौकिक कृपा का प्रसाद आदिकाल से प्राप्त होता रहा है। हम ‘कंकड़-कंकड़’ में भगवान शंकर के दर्शन करते हैं। शिव की आराधना से हमें स्वयं के साथ दूसरों के कल्याण की प्रेरणा मिलती है।”
व्यासपीठ की पूजा करने के बाद उन्होंने कहा कि पावन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में देवाधिदेव महादेव भगवान शिव की कथा का आनंद प्राप्त करना सौभाग्य की बात है। श्री शिव महापुराण कथा के समापन में सहभागिता से पहले गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मानसरोवर मंदिर में रुद्राभिषेक कर सभी नागरिकों के मंगलमय जीवन की कामना की। भोलेनाथ का विधि विधान से दर्शन, पूजन व रुद्राभिषेक करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने सभी देव विग्रहों का दर्शन पूजन कर लोक कल्याण की प्रार्थना की।
योगी ने कथाव्यास संत बालकदास एवं सभी यजमानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए देवाधिदेव महादेव से सभी लोगों के सुखमय व समृद्धमय जीवन की प्रार्थना की। इस अवसर पर महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, कालीबाड़ी के महंत रवींद्र दास, सचाई राम मठ के महंत पंचानन पुरी, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, पार्षद पवन त्रिपाठी समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
नियमों के आधार पर हो भूमिहीनों को भूमि का आवंटन– शाले मोहम्मद
जयपुर। उपनिवेशन मंत्री शाले मोहम्मद ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि वर्ष 2004 से जैसलमेर जिले में भूमि आवंटन के लंबित आवेदनों की नियमानुसार पात्रता की जांच कर जल्द ही भूमिहीनों को भूमि आवंटन की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकेगा। मंत्री शाले मोहम्मद ने प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विशेष आवंटन श्रेणी पर वर्ष 2013 से 2018 तक हाईकोर्ट की रोक थी। इसके बाद वर्ष 2019 से सामान्य आवंटन श्रेणी पर भी अदालत का स्थगन का आदेश आ गया। उन्होंने बताया कि स्थगन आदेश हटने के बाद अब उपनिवेशन विभाग के अधिकारियों को पात्रता की जांच कर प्राथमिकता के आधार पर एक माह में आवंटन की प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपनिवेशन के नियमों के तहत पहली प्राथमिकता गांव, उसके बाद तहसील एवं जिले की रहती है। इससे पहले विधायक रूपाराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उपनिवेशन मंत्री ने बताया कि जैसलमेर जिले में उपनिवेशन विभाग में भूमिहीनों को भूमि आवंटन हेतु सामान्य आवंटन श्रेणी के 61,215 एवं विशेष आवंटन श्रेणी के 34,967 इस प्रकार कुल 96,182 आवेदन पत्र लम्बित हैं। उन्होंने इनका संख्यात्मक श्रेणीवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उपनिवेशन मंत्री ने बताया कि सामान्य एवं विशेष श्रेणी के कुल 99,763 प्रकरण प्राप्त हुए थे, जिनमें से 3,581 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है तथा वर्तमान में शेष 96,182 प्रकरण लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि विशेष आवंटन श्रेणी में वर्ष 2013 से 2018 तक तथा सामान्य आवंटन श्रेणी में वर्ष 2019 से फरवरी 2023 तक उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन होना प्रकरणों के लम्बित रहने का प्रमुख कारण रहा है। शाले मोहम्मद ने बताया कि आवेदन पत्र वर्ष 2004 से लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि अत्यधिक पुराने होने के कारण आवेदकों की पात्रता की पुनः जांच की आवश्यकता है। जांच उपरान्त ही आवंटन की कार्यवाही की जानी संभव है।
अरुणाचल प्रदेश में फैली बीमारी, स्कूल बंद
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में लोंगडिंग जिला प्रशासन ने आंखों में संक्रमण की बीमारी ‘कंजंक्टिवाइटिस’ फैलने के बाद कनुबारी उप-मंडल में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है। लोंगडिंग के उपायुक्त (डीसी) बानी लेगो ने एक परिपत्र में कहा कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कनुबारी और लॉनू शैक्षिक विकासखंड के तहत आने वाले सभी स्कूलों के प्रमुखों को 29 जुलाई तक अपने संबंधित संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश दिया जाता है ताकि बीमारी की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।
डीसी ने परिपत्र में बताया कि डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी अत्यधिक संक्रामक है और एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है। कंजंक्टिवाइटिस विभिन्न वायरस के कारण होने वाला नेत्र संक्रमण है। इस रोग के कारण आंखों में लालिमा, खुजली, जलन होती है, आंसू आते हैं और किरकिरापन महसूस होता है। यह संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के स्राव, दूषित वस्तुओं या श्वसन बूंदों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से आसानी से फैल सकता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीमारी को और फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथ धोने, आंखों को छूने से बचने, व्यक्तिगत स्वच्छता, सतहों को कीटाणुरहित करने और संक्रमित व्यक्तियों को उनके ठीक होने तक अलग करने की सलाह दी है। इस बीच, लोंगडिंग डीडीएसई ताजे जिलेन ने बताया कि स्कूलों को बंद करने संबंधी परिपत्र कनुबारी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की रिपोर्ट के बाद जारी किया गया है। उन्होंने बताया ‘‘हमारे पास यह आंकड़ा नहीं है कि कितने छात्र इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं।’’ एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, वेस्ट सियांग जिले के कई स्कूलों में भी कंजंक्टिवाइटिस फैलने की खबर है।
Rajasthan Lal Dairy : लाल डायरी का काला राज जिसने बिगाड़ दिया राजस्थान की सियासत का एलाइनमेंट
राजनीति में लाल डायरी का किस्सा बहुत पुराना है देश ही नही प्रदेश में भी समय समय पर भी लाल डायरी ने कई नेता, मंत्रियों के राज खोले है कई बार तो इस लाल डायरी की वजह से सरकार गिरने तक की नौबत तक आई है। फिलहाल तो लाल डायरी ने अपना कहर राजस्थान की राजनीति में बरपाया हुआ है। इस लाल डायरी की वजह से राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही में हंगामा हुआ। विधायक राजेंद्र गुढ़ा को इस गलती की सजा भी भुगतनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष सीपीजोशी ने राजेंद्र गुढा को सदन से बाहर कर रास्ता दिखा दिया इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सीएम गहलोत से चर्चा कर गुढ़ा को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया।
लाल डायरी का काला राज
राजेंद्र गुढ़ा जिस लाल डायरी की बात कर रहे है उसमें क्या राज है ये तो समय ही बताएगा। फिलहाल राजनीतिक गलियारों में इस डायरी की वजह से भूचाल आ गया है। हर किसी का जबान पर सिर्फ एक ही सवाल है कि “आखिर क्या है डायरी का काला राज”। पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपने बयानों में कहा कि इस डायरी का राज खुलते ही कई नेताओं का राजनीतिक वजूद खत्म हो जाएगा। गुढा ने लाल डायरी के अंदर सीएम अशोक गहलोत के कई राज होने की बात भी की है । राजेंद्र गुढा ने इस डायरी में 100-200 करोड़ के लेने देन की बात भी कही, आगे बोलते हुए गुढ़ा ने कहा की गहलोत सरकार के संकट के समय मैं सीएम गहलोत के साथ खड़ा रहा। मैने एक बार नही ब्लकि कई बार सरकार गिरने से बचाई है। इसके बावजूद अशोक गहलोत बोलते है कि मै बीजेपी के साथ मिला हुआ हूं। लाल डायरी के इन काले राज में कितनी सच्चाई है यह आने वाला वक्त तय करेगा। जिस तरह ले एक बार आवेदन लाल फीताशाही में बंद हो जाता है उसी तरह यह लाल डायरी भी खुलने का नाम ही नही ले रही। इससे पहले भी कई तरह की डायरियों ने राजस्थान की सियासत में माहोल की गर्म रखा है फिलहाल लाल डायरी अभी कुछ हिस्सा ही सामने आया है कह सकतें है कि अभी ट्रेलर ही सामने आया है जो कि विधानसभा मे दिखाई दिया। इस डायरी के कारण ही विधायक राजेंद्र गुढ़ा सीएम गहलोत के खिलाफ मुखर हो रहे है और फ्रट फुट पर खेल रहे है । इसी तरह की लाल डायरी के कारन सिंतबर 2022 में दिल्ली के ओखला से विधायक और वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह को भी दिल्ली एंटी करप्शन की शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था। ये डायरी विधायक अमानतुल्लाह के करीबी के पास से मिली थी।
लाल डायरी का लाल फीताशाही से संबध
जिस तरह सरकारी योजनाओं का भविष्य लाल पोथी में बंद हो जाता है उसी तरह राजस्थान में काग्रेंस सरकार का भविष्य राजेंद्र गुढ़ा की लाल डायरी में बंद हो गया। ये भविष्य कब तक इस लाल डायरी मे बंद रहेगा कुछ नही कहा जा सकता है इसी तरह की कई लाल डायरियों ने पहले भी कई नेताओं के राजनीतिक कैरियर पर लगाम लगाई है। फिलहाल लाल डायरी के काले राज विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने अपने अंदर दबाए हुए है कब तक ये राज खुलेंगे और राजस्थान की सियासत में कहर मचाएंगे ये तो आने वाला वक्त बताएगा।
ओडिशा में येलो अलर्ट, 10 जिलों में भारी बारिश का अनुमान
भुवनेश्वर। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने के साथ ही ओडिशा के 10 जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। आईएमडी ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा कि चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के तहत उसी क्षेत्र में अगले 24 घंटों के दौरान कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
ओडिशा के गंजम, गजपति, रायगड़ा, मलकानगिरी, कोरापुट, नवरंगपुर, नुआपाड़ा, कालाहांडी, कंधमाल और बोलांगीर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। येलो अलर्ट के तहत प्रशासन को तैयार रहने की हिदायत दी जाती है। इसके अलावा, आईएमडी ने बताया कि दक्षिण ओडिशा के जिलों में अधिकतर स्थानों पर और राज्य के बाकी जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछार पड़ने की संभावना है।
क्षेत्रीय मौसम केंद्र के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि मौसम विभाग ने 28 जुलाई तक ओडिशा में संभावित कम दबाव क्षेत्र बनने से भारी बारिश का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार से बारिश तेज हो जाएगी। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य में बीते 24 घंटों में 6.4 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई जो सामान्य वर्षा 7.9 मिमी से 19 प्रतिशत कम है। इस बीच, विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है खासतौर से उन जिलों को जहां आईएमडी ने ”येलो अलर्ट” जारी किया है।
हिजाब बना इस बड़ी कंपनी के बंद होने की वजह
दुबई। ईरान के अधिकारियों ने देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के एक दफ्तर को बंद कर दिया है और उसके खिलाफ न्यायिक कार्रवाई शुरू की है। इस कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारियों की तस्वीरें ऑनलाइन जारी की थीं जिनमें वे इस्लामी हिजाब नहीं पहने हुए थीं और इस मामले में कार्रवाई की गयी है।
यह कदम इस्लामिक ड्रेस कोड लागू करने के लिए पिछले सप्ताह जारी नये अभियान का हिस्सा लगता है। ईरान की ‘अमेजॉन’ कही जाने वाली ‘डिजिकला’ कंपनी ने एक कॉर्पोरेट कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें जारी कीं जिनमें अनेक महिला कर्मी हिजाब नहीं पहने थीं। इसे नियमों का उल्लंघन कहा गया।
ईरान के हमशहरी अखबार की वेबसाइट ने रविवार देर रात खबर प्रकाशित की कि डिजिकला का एक दफ्तर बंद कर दिया गया है। ईरान की न्यायपालिका की वेबसाइट के अनुसार तस्वीरों के सिलसिले में अदालत में मामले दायर किये गये हैं।
उत्तराखंड में बह गई सड़क
उत्तराखंड। उत्तराखंड के चमोली जिले में गौचर के पास कमेड़ा में सोमवार को भारी बारिश के बाद हुए जबरदस्त भूस्खलन से ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 100 मीटर हिस्सा बह गया और उस पर यातायात दो-तीन दिन के लिए अवरुद्ध हो गया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह मार्ग बदरीनाथ धाम को जाने वाले तीर्थयात्रियों और वाहनों के लिए 2 से 3 दिन तक बाधित रहेगा।
इस संबंध में तीर्थयात्रियों सहित सभी आमजन को होने वाली असुविधा के लिए खेद प्रकट करते हुए सूत्रों ने बताया कि मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने के वास्ते संबंधित विभाग एवं एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह भारी बारिश के कारण गौचर भट्टनगर में भी एक पुश्ता टूट गया, जिससे सड़क किनारे खड़े 5 वाहन मलबे में दब गए।
उधर, 3 दिन पहले भूस्खलन के कारण सड़क धंसने से गैरसैंण के पास कालीमाठी में अवरुद्ध हुआ कर्णप्रयाग-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग भी अभी तक नहीं खुल पाया है। इसके अलावा, नंदप्रयाग और छिनका में भी बोल्डर गिरने के कारण यातायात अवरुद्ध है। बारिश के कारण भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में दैनिक विहार त्रिदंडी आश्रम की दीवार ढह गई। आश्रम के संतोष बाबा ने बताया कि शनिवार देर रात बारिश के चलते दीवार ढह गई। यह आश्रम जेपी कालोनी के ठीक ऊपर है, जहां इस साल की शुरुआत में अचानक जमीन से पानी निकला था और मकान धंस गए थे। उस दौरान आश्रम के खेतों में और आसपास दरारें आ गई थीं।
कार्तिक आर्यन बनेंगे राइजिंग ग्लोबल सुपरस्टार ऑफ इंडियन सिनेमा
मुंबई। अभिनेता कार्तिक आर्यन को 14वें भारतीय फिल्म महोत्सव मेलबर्न (आईएफएफएम) में ‘राइजिंग ग्लोबल सुपरस्टार ऑफ इंडियन सिनेमा’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। महोत्सव के आयोजकों के अनुसार हाल में फिल्म ‘सत्यप्रेम की कथा’ में दिखाई दिये अभिनेता को महोत्सव के पहले दिन 11 अगस्त को आयोजित समारोह में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
यह पुरस्कार विक्टोरिया की गवर्नर द्वारा कार्तिक की उल्लेखनीय उपलब्धियों और भारतीय सिनेमा जगत में उनके महत्वपूर्ण प्रभाव को मान्यता देते हुए प्रदान किया जाएगा। कार्तिक ने एक बयान में कहा, ”मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए विक्टोरियाई सरकार के प्रति बहुत आभारी हूं और मेलबर्न के 14वें भारतीय फिल्म महोत्सव में शामिल होने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारतीय सिनेमा में अपने काम के लिए यह सम्मान पाना एक बहुत बड़ा सौभाग्य है। मैंने हमेशा कहानी कहने की शक्ति और फिल्मों की दिलों को छूने और दिमाग को प्रेरित करने की क्षमता में विश्वास किया है। मैं सिनेमा के जादू का जश्न मनाने के लिए उत्सुक हूं।’’
आईएफएफएम 20 अगस्त तक चलेगा और यह भारतीय सिनेमा और संस्कृति का आयोजन है जिसमें 20 भाषाओं में 100 से अधिक फिल्में, चर्चाएं और फिल्म प्रेमियों तथा व्यापक समुदाय के लिए कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। महोत्सव निदेशक मितु भौमिक लांगे ने कहा कि कार्तिक के ऑस्ट्रेलिया में बहुत सारे प्रशंसक हैं और वह उन्हें सम्मानित करने के लिए रोमांचित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कार्तिक आर्यन को दुनियाभर और खासकर ऑस्ट्रेलिया में बहुत पसंद किया जाता है और उनका विविधतापूर्ण प्रदर्शन बहुत सराहनीय है। युवा पीढ़ी के बीच भारतीय सिनेमा में उनका योगदान खास रहा है। हम उन्हें ‘राइजिंग ग्लोबल सुपरस्टार ऑफ इंडियन सिनेमा’ पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए उत्साहित हैं और इस कार्यक्रम में उनकी मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।’’
वार्षिक महोत्सव में भाग लेने के अलावा, अभिनेता ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्र में भी भाग लेंगे। फिल्मोत्सव में उनकी फिल्मों की स्क्रीनिंग भी होगी, जिनमें ‘भूल भुलैया 2’ और ‘सत्यप्रेम की कथा’ शामिल हैं। कार्तिक फिलहाल ब्रिटेन में निर्देशक कबीर खान के साथ अपनी आगामी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ की शूटिंग कर रहे हैं।
Gyanvapi Case : उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वेक्षण पर लगाई रोक
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ‘विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ पर 26 जुलाई को शाम 5 बजे तक रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय से कहा कि वह उसके आदेश की समाप्ति से पहले मस्जिद समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करे।
वाराणसी की एक अदालत ने गत शुक्रवार को एएसआई को यह पता लगाने के लिए ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद का निर्माण वहां पहले मौजूद मंदिर पर किया गया था या नहीं। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मस्जिद समिति की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी की दलील का संज्ञान लिया कि मामले में तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए। इस पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
पीठ ने परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर बुधवार शाम तक रोक लगा दी और मस्जिद समिति से इस अवधि में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने को कहा। उसने कहा, “हमारी राय है कि मस्जिद समिति को कुछ समय दिया जाना चाहिए। हम याचिकाकर्ता (मस्जिद समिति) को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद-227 (उच्च न्यायालयों के रिट क्षेत्राधिकार) के तहत वाराणसी के जिला न्यायाधीश के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की अनुमति देते हैं कि आदेश 21 जुलाई को शाम 4.30 बजे पारित किया गया था और एएसआई सर्वेक्षण सोमवार को शुरू किया जा रहा है।”
पीठ ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता को कुछ समय देने के लिए हम निर्देश देते हैं कि जिला अदालत के आदेश पर 26 जुलाई को शाम 5 बजे तक अमल नहीं किया जाएगा। अगर याचिकाकर्ता इस अवधि में उच्च न्यायालय का रुख करता है, तो उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-न्यायपालिका यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे एक पीठ के समक्ष सूचिबद्ध किया जाए, ताकि यथास्थिति आदेश समाप्त होने से पहले इस पर सुनवाई हो सके।”
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि एएसआई मस्जिद परिसर में फिलहाल सिर्फ फोटोग्राफी और राडार-इमेजिंग कर रहा है और वहां कोई तोड़फोड़ या खुदाई नहीं की जा रही है। इससे पहले, पीठ ने कहा था कि वह मस्जिद समिति की याचिका पर सोमवार को दोपहर में सुनवाई करेगी।
वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी थी। जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने एएसआई को सर्वेक्षण कार्रवाई की वीडियो क्लिप और तस्वीरों के साथ 4 अगस्त तक अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।