Wednesday, May 21, 2025
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हरित हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहली बस का अनावरण

नयी दिल्ली। देश की दिग्गज पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने सोमवार को हरित हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहली बस का अनावरण किया। खास बात यह है कि यह बस सिर्फ पानी का उत्सर्जन करती है। आईओसी नवीकरणीय स्रोतों से बिजली का इस्तेमाल कर पानी के कणों को अलग कर 75 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करेगी। यह हाइड्रोजन प्रायोगिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी में चलने वाली 2 बसों में इस्तेमाल किया जाएगा।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इन हाइड्रोजन-चालित बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन भारत में जीवाश्म ईंधन की खपत रोकने में एक बदलावकारी ईंधन की भूमिका निभाएगा। इंडियन ऑयल का फरीदाबाद स्थित शोध एवं विकास केंद्र फिलहाल प्रायोगिक तौर पर हरित हाइड्रोजन का उत्पादन कर रहा है। हरित हाइड्रोजन के 30 किलोग्राम क्षमता वाले 4 सिलेंडर से लैस बस 350 किलोमीटर दूरी तक दौड़ सकती है। इन सिलेंडर को भरने में 10-12 मिनट का समय लगता है। ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन के इस्तेमाल में खासियत यह है कि इससे सिर्फ पानी का भाप ही उत्सर्जित होता है। हानिकारक उत्सर्जक तत्वों के नदारद होने और ऊर्जा सघनता तिगुनी होने से हाइड्रोजन एक स्वच्छ एवं अधिक कारगर विकल्प के तौर पर उभर रहा है।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 के अंत तक इंडियन ऑयल हाइड्रोजन से चलने वाली बसों की संख्या को बढ़ाकर 15 तक ले जाएगी। इन बसों को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में चिह्नित मार्गों पर संचालित किया जाएगा। पुरी ने कहा हमारी सरकार की स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा को लेकर महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। भारत ने हाइड्रोजन एवं जैव-ईंधन जैसे नए ईंधनों के जरिये निम्न कार्बन विकल्पों की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अगले 2 दशक में वैश्विक स्तर पर पैदा होने वाली नई ऊर्जा मांग में इन विकल्पों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियां वर्ष 2030 तक सालाना 10 लाख टन का उत्पादन करने लगेंगी। घरेलू स्तर पर हाइड्रोजन की खपत चार गुना होकर 25-28 टन हो जाने का अनुमान है। हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है और यह भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों की दिशा में काफी अहम हो सकता है। वर्ष 2050 तक हाइड्रोजन की वैश्विक मांग 7 गुना तक बढ़कर 800 टन तक पहुंच सकती है।

PM Modi in Rajasthan : मरुधरा में पीएम मोदी, अशोक गहलोत पर पीएम मोदी के सियासी हमले

जयपुर। सोमवार को पीएम Narendra Modi राजस्थान के दौरे पर रहे. सबसे पहले पीएम Narendra Modi राजधानी जयपुर पहुंचकर धानक्या स्थित जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पीएम मोदी ने जयपुर की दादिया पंचायत में पहुंचकर जनसभा को संबोधित किया. मंच पर पीएम मोदी की स्वागत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने साफा पहनाकर किया. इस दौरान मंच का संचालन सांसद दियाकुमारी द्वारा किया गया.

पेपर लीक पर सीएम गहलोत को घेरा

पीएम मोदी ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पेपर लीक हर बार पूरे प्रदेश को शर्मिदा कर देता है. कांग्रेस सरकार द्वारा पेपल लीक के आरोपियों को संरक्षण प्राप्त है. बीजेपी की सरकार बनने के बाद पेपर लीक के आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल के समर्थन में कांग्रेस कभी थी ही नहीं. कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं को कमजोर करने का काम किया है. अगर कांग्रेस चाहती तो महिला आरक्षण बिल को पहले भी लागू कर सकती थी. कांग्रेस अब भी महिला आरक्षण बिल को लेकर नफरत फैला रही है.

पीएम मोदी का कार्यकर्ताओं को मंत्र

पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए कहा कि बीजेपी के पास सिर्फ और सिर्फ मेहनत है और बीजेपी का प्रत्येक कार्यकर्ता भारत के विकास में लगा हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि मोदी सिर्फ एक नाम नहीं ब्लकि मोदी गारंटी पूरे होने की गारंटी है.  राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप लोगों को गहलोत सरकार को हटाना है और सत्ता में बीजेपी को वापस लाना है. भाजपा की परिवर्तन यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने कहा यात्रा में अपार जन समर्थन मिला है. अब मरुधरा में मौसम बदल चुका है.

राजस्थान में कदम-कदम पर करप्शन

पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान में निवेश बढ़े, यहां नए कारखाने लगें, नई फैक्ट्रियां लगें, ये जरूरी है. लेकिन जहां कदम-कदम पर करप्शन हो, जहां लाल डायरी में काली करतूतें ​हों, हर कोई कट और कमीशन में व्यस्त हो, वहां कौन पैसा लगाना चाहेगा? जहां सरेआम गला काटने की घटनाएं हों और सरकार मजबूर हो, वहां कैसे निवेश होगा? हम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम चला रहे हैं, राजस्थान इसका बड़ा लाभार्थी है। राजस्थान के सीमावर्ती गांवों में कांग्रेस ने सुविधाओं का निर्माण नहीं किया। कांग्रेस वाले कहते थे कि सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनना चाहिए, इससे दुश्मन को अंदर आने में आसानी हो जाएगी। कांग्रेस की इस नीति का हमें बड़ा नुकसान हुआ है। लेकिन भाजपा सरकार अब सीमावर्ती गांवों का ​विकास कर रही है।

शहरी सहकारी बैंकों में NPA को लेकर रिजर्व बैंक सहज नहीं – शक्तिकांत दास

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि शहरी सहकारी बैंकों (UCB) में कुल 8.7 प्रतिशत गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) अनुपात को लेकर केंद्रीय बैंक सहज नहीं है। उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों से इस अनुपात को बेहतर करने के लिए काम करने को कहा। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा देश की वित्तीय राजधानी में आयोजित सम्मेलन में UCB के निदेशकों को संबोधित करते हुए दास ने आग्रह किया कि ऐसे ऋणदाताओं को काम करने के तरीके में सुधार करना चाहिए, संबंधित-पक्ष से लेनदेन से बचना चाहिए और अन्य बातों के अलावा कर्ज जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। UCB क्षेत्र कई चुनौतियों से भरा हुआ है…जैसा कि हाल में पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक में भी देखा गया।   

दास ने UCB के निदेशकों से कहा कि बैंक जमाकर्ताओं पर चलते हैं और मध्यम वर्ग, गरीबों और सेवानिवृत्त लोगों की मेहनत की कमाई की सुरक्षा किसी मंदिर या गुरुद्वारे में जाने से कहीं अधिक पवित्र है। समग्र स्तर पर कुल तस्वीर अच्छी दिखती है। हालांकि, GNPA और पूंजी पर्याप्तता पर स्थिति बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि कुल गैर-निष्पादित संपत्तियां (GNPA) 8.7 प्रतिशत हो गई हैं। इसे आप अच्छा नहीं मान सकते। कुल मिलाकर यह संतोषजनक स्तर नहीं है। वाणिज्यिक बैंकों का GNPA मार्च, 2023 में दशक के सबसे बेहतर स्तर 3.9 प्रतिशत पर था और व्यापक रूप से इसमें और सुधार होने का अनुमान है।    

NPA संकट से बेहतर ढंग से निपटने के लिए दास ने सुझाव दिया कि बेहतर आकलन के साथ क्रेडिट जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि RBI को हितों के टकराव या संबंधित पक्ष लेनदेन के मामलों को लेकर विवाद के बारे में पता चला है जिनसे बचने की जरूरत है। दास ने कहा कि इसी तरह ऐसे भी मामले हैं कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले कई ऐसे व्यक्ति या व्यवसाय हैं जिनके पास भुगतान करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि बकाया ऋण का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शीर्ष 20 इरादतन चूककर्ताओं का है। इसपर ध्यान केंद्रित करने से समग्र NPA में सुधार करने में मदद मिल सकती है। RBI गवर्नर ने UCB को परिसंपत्ति-देनदारी में विसंगतियों की निगरानी करने, पारदर्शी लेखांकन व्यवहार का पालन करने और आवश्यकताओं और खर्च करने की क्षमता के आधार पर लोगों की भर्ती करने को भी कहा।    

हमारे रिमोट से गरीबों को फायदा और भाजपा के ऐसा करने पर अडानी को – राहुल गांधी

बिलासपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान सभा में रिमोट कंट्रोल दिखाते हुए कहा कि जब भी उनकी पार्टी इसे दबाती है तब गरीबों और जरूरतमंद लोगों को फायदा होता है, लेकिन जब भाजपा ऐसा करती है तब अडानी को बंदरगाह, रेलवे का ठेका और हवाई अड्डे मिल जाते हैं। राज्य के बिलासपुर जिले के परसदा गांव में आवास न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जातीय जनगणना से क्यों डरते हैं?

सम्मेलन में गांधी ने भूपेश बघेल सरकार की ग्रामीण आवास न्याय योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बेघरों और कच्चे घरों वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए गांधी ने अपने हाथ में एक रिमोट कंट्रोल दिखाया और कहा आज मैंने रिमोट का बटन दबाया और हजारों करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ के लोगों के खाते में चले गए। आज शुरू की गई आवास योजना का लाभ उन लाभार्थियों को भी मिलेगा जो केंद्रीय योजना (प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत सहायता पाने के हकदार थे लेकिन उन्हें नहीं मिला। उन्होंने कहा कि राज्य के बार-बार अनुरोध के बावजूद केंद्र ने पैसा नहीं दिया और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में विफल रहा।

गांधी ने कहा हम कैमरे के सामने रिमोट कंट्रोल दबाते हैं। भाजपा भी रिमोट कंट्रोल दबाती है लेकिन छुपकर। जब भाजपा रिमोट कंट्रोल दबाती है तब अडानी को मुंबई के हवाई अड्डे और रेलवे के ठेके मिल जाते हैं। दो रिमोट कंट्रोल हैं। जब हम रिमोट दबाते हैं, तो किसानों को न्याय योजना के माध्यम से उनके खातों में पैसा मिलता है और (छत्तीसगढ़ में) अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खुलते हैं, लेकिन जब भाजपा रिमोट दबाती है, तो सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण हो जाता है और जल-जंगल-जमीन अडानी के पास चली जाती है। गांधी ने कहा कि जब उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री मोदी के अडानी के साथ संबंधों के बारे में सवाल पूछा तो उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन पर जातीय जनगणना से डरने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने जातीय जनगणना कराई थी जिसमें देश की हर जाति की आबादी का रिकॉर्ड है। भारत सरकार के पास यह रिपोर्ट है लेकिन मोदी इसे लोगों के सामने नहीं लाना चाहते हैं।

राहुल ने कहा सरकार विधायक और सांसद नहीं बल्कि सचिव और कैबिनेट सचिव चलाते हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में 90 सचिवों में से केवल 3 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। वे 3 लोग देश के बजट का केवल 5 प्रतिशत नियंत्रित करते हैं। क्या भारत में केवल 5 प्रतिशत ओबीसी आबादी है? जातीय जनगणना के पास इसका जवाब है। यदि हमें ओबीसी, दलित, आदिवासी और महिलाओं को भागीदारी देनी है तो जातीय जनगणना करानी होगी। मोदी जातीय जनगणना नहीं कराएंगे, तो यदि हम सत्ता में आए तो हमारा पहला कदम जातीय जनगणना कराना और ओबीसी की भागीदारी सुनिश्चित करना होगा।

चिकित्सकों की लापरवाही के कारण बेटे की मौत, पिता ने शुरु किया अभियान, जानें पूरा मामला…

लंदन। लंदन में भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने चिकित्सकों की कथित लापरवाहियों के कारण बेटे की मौत के बाद मरीजों के अधिकारों की वकालत के लिए एक परमार्थ फाउंडेशन की शुरुआत की। भारतीय मूल के व्यक्ति जय पटेल के 30-वर्षीय बेटे बलराम की लंदन के एक अस्पताल में खराब उपचार और उचित देखभाल के आभाव में मौत हो गई थी। इसके बाद जय पटेल ने इस माह पेशेंट्स लाइव्स मैटर का पंजीकरण कराया।

पटेल ने नये फाउंडेशन के लिए जारी बयान में कहा बलराम की जब मौत हुई, वह काफी पीड़ा में था और बहुत परेशान था। गंभीर खामियों और चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की ओर से उचित उपचार और देखभाल न मिलने के कारण समय से पूर्व उसकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बयान में कहा हमारा दृढ़ता से मानना है कि सरकार घटना के बाद इस दिशा में विचार करने के लिए कदम उठा रही है कि मरीज की देखभाल/ अथवा मरीज के उपचार में कहां गलती हुई। हालांकि घटना के समय कमियों को सुधारने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि रोगी को कम या कोई नुकसान न हो, कोई खास उपाय नहीं थे।

पटेल ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी बात संसद तक पहुंचे और बदलाव आए। पेशेंट्स लाइव्स मैटर के माध्यम से वह चल रहे उपचार को लेकर दूसरे चिकित्सक की राय तत्काल जानने के वास्ते आसान कदमों की वकालत कर रहे हैं।

जिसका दिल गरीबों के लिए धड़कता है, वही सच्चा लोकसेवक है – राष्ट्रपति

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि जिन लोकसेवकों का दिल गरीबों और वंचितों के लिए धड़कता है, वे ही सच्चे लोकसेवक होते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हाशिये पर पड़े वर्गों का उत्थान करना उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

मुर्मू ने कहा आपको फाइल से फील्ड और फील्ड से फाइल के बीच के संबंध को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इस जन-केंद्रित सतर्कता और संवेदनशीलता से आप फाइलों के साथ कहीं अधिक सार्थक तरीके से जुड़ पाएंगे। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि वे हमेशा उन लोगों के बारे में सोचें जो उन फाइलों से प्रभावित होंगे जिन पर आप काम कर रहे हैं। साल 2021 बैच के 182 आईएएस अधिकारियों के एक समूह ने यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में मुर्मू से मुलाकात की। ये अधिकारी वर्तमान में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के रूप में तैनात हैं। उन्होंने कहा मैंने पिछड़े इलाकों में रहने वाले वंचित वर्ग के लोगों की कठिनाइयों और समस्याओं को करीब से देखा है। मैंने कुछ संवेदनशील लोक सेवकों को भी देखा है जिन्होंने ऐसे लोगों की मदद के लिए अतिरिक्त प्रयास किए।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक दयालु लोक सेवक वह होता है जिसका दिल गरीबों और वंचितों के लिए धड़कता है और यही बात उसे केवल करियर नौकरशाह से अलग बनाती है। एक समावेशी, प्रगतिशील और संवेदनशील समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक स्थान देता है। मुर्मू ने कहा देश महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के नेतृत्व में विकास की राह पर है। मुझे बहुत खुशी है कि ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया है। महिलाएं रूढ़िवादिता की दीवारों को तोड़ रही हैं। वे वृद्धि और विकास के सभी पहलुओं में तेजी से बड़ी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने पिछले 4 वर्षों में महिला आईएएस अधिकारियों के प्रतिशत में वृद्धि पर खुशी व्यक्त की।

राष्ट्रपति ने कहा मुझे बताया गया है कि 2019 से 2022 के बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 28 फीसदी से 34 प्रतिशत के बीच था। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि 2023 बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 42 फीसदी तक पहुंच गया है। इसके अलावा शीर्ष 25 रैंक में से 14 स्थानों पर महिलाओं का कब्जा है। ये सकारात्मक बदलाव है। आप सभी को इस प्रवृत्ति को और मजबूत करना होगा और हमारे समाज को अधिक से अधिक समावेशी बनाना होगा। मुर्मू ने अधिकारियों से कहा कि उनकी यह सेवा, अधिकार, भूमिका और जिम्मेदारी के मामले में किसी भी अन्य सेवाओं से भिन्न है। दरअसल यह सेवा नहीं, मिशन है। यह भारत और उसके लोगों को सुशासन के ढांचे के तहत आगे ले जाने का मिशन है। देश और उसके लोगों की सेवा करना आपकी नियति है। भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना आपका सामूहिक लक्ष्य है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वे (अफसर) भाग्यशाली हैं कि उनका करियर करीब करीब अमृत काल के साथ-साथ समाप्त होगा। अमृत काल 2047 तक का दौर है जब भारत की स्वतंत्रता को 100 साल हो जाएंगे। इस अमृत काल को हर भारतीय के लिए कर्तव्य काल के रूप में वर्णित किया जा रहा है और आपके पास 2047 के विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का बड़ा अवसर है। मुर्मू ने कहा कि अधिकारी अपनी प्रतिबद्धता और रचनात्मकता के माध्यम से देश को बदलने में प्रभावी परिवर्तन-एजेंट बन सकते हैं।

कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को बताया चुनावी लाभ लेने का हथकंडा  

पणजी। कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की इच्छुक नहीं है और इसका केवल चुनावी हथकंडे के रूप में लाभ उठाना चाहती है। सोशल मीडिया और डिजिटल मंचों के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की राष्ट्रीय समन्वयक भव्या नरसिम्हामूर्ति ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए मांग की कि सरकार बिना किसी देरी के विधेयक को लागू करे।

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने संबंधी विधेयक को पिछले सप्ताह संसदीय मंजूरी मिल गई। हालांकि, यह आरक्षण जनगणना और परिसीमन कार्य पूरा होने के बाद ही लागू होगा। नरसिम्हामूर्ति ने याद दिलाया कि 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने महिलाओं के लिए स्थानीय निकायों में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पेश किया था। कांग्रेस नेता ने दावा किया हालांकि, जब विधेयक पेश किया गया, तो भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, यशवंत सिन्हा और राम जेठमलानी ने इसके खिलाफ मतदान किया था। विधेयक लोकसभा में पारित हो गया लेकिन राज्यसभा में केवल सात वोट से पारित नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि दिसंबर 1992 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव ने संविधान में 73वें और 74वें संशोधन को पारित करने का समर्थन किया, जिसमें पंचायती राज संस्थानों, पंचायती राज संस्थानों के सभी स्तरों पर अध्यक्ष के कार्यालयों और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की गई। नरसिम्हामूर्ति ने दावा किया कई राज्यों में, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कोटे के भीतर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई। आज, राजीव गांधी के दृष्टिकोण से 15 लाख महिलाएं सशक्त हुई हैं, जो भारत में लगभग 40 प्रतिशत निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पेश किया और यह राज्यसभा में पारित हो गया। हालांकि  सर्वसम्मति नहीं बनने के कारण विधेयक लोकसभा में पारित नहीं हो सका। राज्यसभा में पेश या पारित किए गए विधेयक समाप्त नहीं होते हैं, इसलिए महिला आरक्षण विधेयक बरकरार रहा।

नरसिम्हामूर्ति ने आरोप लगाया कि भाजपा के पास पूर्ण बहुमत होने के बावजूद मोदी सरकार ने साढ़े 9 साल तक विधेयक को लागू क्यों नहीं किया? सरकार विधेयक लागू करने में देरी की रणनीति के तहत जनगणना और परिसीमन की शर्तें लगा रही है।

CM Ashok Gehlot : लंबित मामलों के कारणो पर होना चाहिए गंभीर चिन्तन

जोधपुर। सोमवार को सीएम गहलोत ने राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में महाधिवक्ता कार्यालय के नवीन भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि देश में सबसे पहले राजस्थान में कई महत्वपूर्ण कानून लागू किए गए. जिनकी पूरे देश में चर्चा है. इनमें एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल, गिग वर्कर्स एक्ट, स्वास्थ्य का अधिकार, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी जैसे ऐतिहासिक फैसले हैं. विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अनुसरण तक किया जा रहा है. प्रदेश सरकार न्याय क्षेत्र को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए संसाधनों और सुविधाओं के विस्तार में प्रयासरत है.

राजस्थान अब 50 जिलों का

सीएम गहलोत ने कहा कि वर्ष 2009 में नए हाईकोर्ट भवन के लिए 110 करोड़ रुपए मंजूर किए. इसके बाद भी प्राप्त सुझावों के अनुरूप आधारभूत विकास और बहुआयामी विस्तार के लिए स्वीकृतियां दी गई. आगे भी कोई कमी नहीं रखी जाएगी. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान अब 50 जिलों का हो गया है. ऐसे में न्याय क्षेत्र में विस्तार की दृष्टि से सेवाओं और सुविधाओं में व्यापक बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 200 से अधिक नए न्यायालय खोले और क्रमोन्नत किए हैं. इससे परिवादियों के लम्बित प्रकरणों का निस्तारण सुगम हो रहा है.

लंबित मामलों के कारणो पर होना चाहिए गंभीर चिन्तन

सीएम गहलोत ने कहा कि लम्बित प्रकरणों के निस्तारण में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया जाए. लम्बित मामलों के कारणों पर भी गंभीर चिन्तन होना चाहिए. साथ ही, राजस्थान उच्च न्यायालय और राज्य सरकार को फास्ट कोर्ट बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए. उन्होंने कहा कि लिटिगेशन पॉलिसी लागू करने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने हाईकोर्ट में हर माह अंतिम तारीख को होने वाली हड़ताल को खत्म करने का आह्वान किया.

मिशन-2030 के लिए सुझाव आमंत्रित

सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 में अभी तक 2 करोड़ लोगों ने सपनों के राजस्थान के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए हैं. प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए न्यायाधीश और अधिवक्ता भी अपने सुझाव दें. इन्हें विजन-2030 डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाएगा.सीएम गहलोत ने राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायाधीश विजय बिश्नोई के साथ लोकार्पण पट्टिका का अनावरण किया. साथ ही, महाधिवक्ता चैम्बर तथा भवन में सुविधाओं का अवलोकन किया. यह भवन 22.55 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है. इस दौरान भवन निर्माण में अहम भूमिका निभाने वालों को सम्मानित किया गया.

समारोह में इन लोगों ने की शिरकत

समारोह में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह, वरिष्ठ न्यायाधीश विजय बिश्नोई, महाधिवक्ता महेन्द्र सिंह सिंघवी और अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह सहित अभिभाषक, कार्मिक, बार एसोसिएशन सदस्य, अधिकारी उपस्थित थे.

राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में की ग्रामीण आवास न्याय योजना की शुरूआत

बिलासपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को बिलासपुर जिले में आयोजित आवास न्याय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना की शुरूआत की।

गांधी और बघेल ने तखतपुर विकासखंड के परसदा (सकरी) गांव में आयोजित आवास न्याय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना की शुरूआत की।

अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण आवास न्याय योजना के तहत प्रथम चरण में राज्य के 47,090 आवासहीन परिवारों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षो में चरणबद्ध रूप से कुल 10.76 लाख परिवारों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की स्थायी प्रतीक्षा सूची में शेष बचे 6,99,439 पात्र परिवारों को भी आवास मुहैया कराने का निर्णय लिया है। इस मौके पर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री बघेल ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के 500 लोगों को 1-1 लाख रुपए वितरित किए।

उन्होंने कहा कि गांधी और बघेल ने सम्मेलन में बिलासपुर जिले के लिए 669.69 करोड़ रुपए की लागत वाले 414 विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने चयनित 2,594 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र और  नगरीय क्षेत्रों में 1,117 लोगों के बीच वन अधिकार पत्रों का वितरण किया।

इस दौरान गांधी और बघेल ने आयोजन स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान गांधी ने स्वयं-सहायता समूह द्वारा संचालित गारमेंट फैक्ट्री की भी शुरुआत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी को बताया जंग लगा लोहा

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और पार्टी की तुलना जंग लगे लोहे से की और कहा कि कांग्रेस को अगर दोबारा मौका मिला तो वह मध्य प्रदेश को बीमारू प्रदेश की श्रेणी में धकेल देगी। भाजपा कार्यकर्ताओं की एक विशाल सभा कार्यकर्ता महाकुंभ  को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि घमंडिया गठबंधन में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने खट्टे मन और मजबूरी से महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया क्योंकि अब उन्हें नारी शक्ति समझ आ गयी है। उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला तो कांग्रेस इस विधेयक से पीछे हट जाएगी जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है।

कार्यकर्ता महाकुंभ का आयोजन जनसंघ के सह-संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर भाजपा की प्रदेश में निकाली गई जन आशीर्वाद यात्राओं के औपचारिक समापन के मौके पर किया गया। ये यात्राएं प्रदेश में विभिन्न हिस्सों में हुई थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने महिला आरक्षण विधेयक का मजबूरी में समर्थन किया और विधेयक केवल इसलिए पारित हो पाया, क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है। मोदी का मतलब गारंटियों को पूरा करने की गारंटी है। उन्होंने सत्ता में रहते हुए इस विधेयक को पारित नहीं करने के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की आलोचना भी की।

मोदी ने कहा कांग्रेस एक परिवारवादी पार्टी है जिसका इतिहास करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार और वोट-बैंक तुष्टीकरण का है। कांग्रेस के पास भविष्य की सोच ही नहीं बची है। कांग्रेस जंग लगा हुआ वह लोहा है जो बारिश में रखे-रखे खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस में ना देखने का सामर्थ्य है, ना देश को समझने का सामर्थ्य है, इसलिए आप देखेंगे कि कांग्रेस विकसित भारत से जुड़े हर प्रोजेक्ट की आलोचना करती है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने डिजिटल इंडिया का विरोध किया, जबकि आज भारत के यूपीआई से पूरी दुनिया मंत्रमुग्ध है, लेकिन कांग्रेस को ये भी पसंद नहीं है। उन्होंने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए कांग्रेस नेताओं के लिए गरीब लोगों का जीवन एक साहसिक पर्यटन और गरीब व्यक्ति का खेत वीडियो शूटिंग और फोटो सत्र की जगह है।

मोदी ने मध्य प्रदेश में 20 वर्ष पूर्व कांग्रेस शासन के दौरान प्रदेश के बीमारू श्रेणी का राज्य होने का जिक्र करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भाग्यशाली हैं क्योंकि उन्होंने राज्य में केवल भाजपा शासन देखा है, जो भारत के विकास दृष्टिकोण का प्रमुख केंद्र है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए मप्र को भी विकसित करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस अपने हित के लिए लोगों को गरीब बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि अपने पूर्ववर्ती शासन के दौरान, कांग्रेस ने समृद्ध संसाधनों वाले मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया था। 50 साल पहले कांग्रेस द्वारा गरीबी हटाओ नारे का जिक्र करते हुए करते हुए कहा कि पिछले 5 वर्षों में भाजपा शासन में देश में 13.5 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर आये।

मोदी ने कहा आजादी के बाद अपने लंबे शासन के दौरान कांग्रेस ने मप्र को बीमारू राज्य बना दिया था। अगर उसे मौका मिला तो वह मप्र को फिर से बीमारू राज्य बना देगी। उन्होंने नए संसद भवन, गुणवत्तापूर्ण सड़कों और आधुनिक स्टेशनों के निर्माण पर भाजपा की आलोचना करने के लिए कांग्रेस की निंदा की। प्रधानमंत्री ने कहा कांग्रेस नकारात्मकता फैलाती है। उन्हें देश की उपलब्धियां पसंद नहीं हैं। वे देश को 20वीं सदी में वापस ले जाना चाहते हैं। कांग्रेस ने अपने शासन वाले राज्यों को करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार से बर्बाद कर दिया। मोदी के कार्यक्रम स्थल पर मंच पर पहुंचने के बाद, भाजपा की महिला शाखा के सदस्यों के एक समूह ने महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के लिए उन्हें विशाल माला पहनाकर सम्मानित किया।

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