नई दिल्ली, लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया.सूत्रों ने यह जानकारी दी.
आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने का भी आदेश दिया.साथ ही मिजोरम और हिमाचल प्रदेश के सामान्य प्रशासनिक विभागों के सचिवों को हटा दिया गया है.आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के कुछ दिनों बाद आयोग ने बृह्नमुंबई महानगर पालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों को हटाने का भी आदेश दिया.
महाराष्ट्र ने नहीं किया आदेशों का पालन
आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जिन्होंने (पद पर) तीन साल पूरा कर लिया है या अपने गृह जिलों में तैनात हैं.महाराष्ट्र ने कुछ नगर निगम आयुक्तों, अतिरिक्त आयुक्तों और उपायुक्तों के संबंध में निर्देशों का पालन नहीं किया था.आयोग ने नाखुशी जताते हुए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को सोमवार शाम 6 बजे तक रिपोर्ट देने के निर्देश के साथ ही BMC के आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्तों एवं उपायुक्तों का स्थानांतरण करने का आदेश दिया.मुख्य सचिव को महाराष्ट्र में समान रूप से पदस्थापित सभी नगर निगम आयुक्तों और अन्य निगमों के अतिरिक्त आयुक्तों या उपायुक्तों को स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया गया है.यह आदेश मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्तों – ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के बीच सोमवार को यहां हुई बैठक के बाद आया है.
छत्रपति संभाजीनगर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य अशोक चव्हाण ने सोमवार को कहा कि वह कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से नहीं मिले थे और इसको लेकर राहुल गांधी की टिप्पणी को उन्होंने ‘बेबुनियाद’ बताकर खारिज कर दिया.
राहुल गांधी ने किया था ये दावा
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले रविवार को मुंबई में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दावा किया था कि महाराष्ट्र के एक नेता ने उनकी मां सोनिया गांधी के सामने रोते हुए कहा था कि उन्हें शर्म आती है कि वह”इस ताकत से और नहीं लड़ सकते और वह जेल नहीं जाना चाहते.”
अशोक चव्हाण ने दी यह प्रतिक्रिया
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चव्हाण ने सोमवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि राहुल गांधी ने रविवार को एक रैली में बयान दिया और किसी का नाम नहीं लिया है.महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,”अगर वह मेरे बारे में ऐसा कह रहे हैं तो यह अतार्किक और बेबुनियाद है.सच तो यह है कि कांग्रेस से इस्तीफा देने तक मैं पार्टी मुख्यालय में काम कर रहा था.मैंने विधायक पद से इस्तीफा दिया और कुछ देर बाद पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया.तब तक किसी को नहीं पता था कि मैंने इस्तीफा दे दिया है.”
चव्हाण ने कहा, “मैं सोनिया गांधी से कभी नहीं मिला.यह कहना बेबुनियाद है कि मैंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और अपनी भावनाएं व्यक्त कीं.यह चुनाव के दृष्टिकोण से दिया गया एक राजनीतिक बयान है.यहां आपको बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद चव्हाण भाजपा में शामिल हो गए थे.भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में उन्हें महाराष्ट्र से टिकट दिया था.बाद में वह राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए.
जगतियाल (तेलंगाना),पहले परिवार और अब शक्ति को लेकर विपक्ष की टिप्पणी को PM मोदी ने अपना हथियार बना लिया है.एक दिन पहले राहुल गांधी ने मुंबई में न्याय यात्रा के समापन पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि हिंदू धर्म में एक शक्ति होती है,और हमारी लड़ाई एक शक्ति के खिलाफ है.वहीं रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ाई ‘शक्ति के विनाशकों’ और ‘शक्ति के उपासकों’ के बीच है और 4 जून को स्पष्ट हो जाएगा कि कौन ‘शक्ति’ का विनाश करने वाला है और किसे ‘शक्ति’ का आशीर्वाद प्राप्त है.
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राहुल गांधी ने क्या कहा था ?
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के समापन के अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित एक रैली में कहा था, ‘‘मुंबई से आज ‘हिंदुस्तान की आवाज़’ निकली है-देश को बांटने का मंसूबा रखने वाली शक्ति, ‘इंडिया’ की शक्ति को कभी नहीं हरा सकती.उन्होंने कहा,”नरेन्द्र मोदी एक नकारात्मक शक्ति का मुखौटा हैं.वही शक्ति, जिसने हिंदुस्तान की संस्थाओं को गुलाम बना लिया है, वही शक्ति, जो भारत के किसान-मज़दूर, युवा-महिला, गरीब और छोटे उद्योगों को निचोड़ कर सब कुछ अपने चंद अरबपति मित्रों पर लुटा देना चाहती है, वही शक्ति, जो देश में आज भ्रष्टाचार की मोनोपोली है.अब इस शक्ति को करारा जवाब देने का वक्त है.इस रैली में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल कनक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ के घटक दल के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे.
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‘शक्ति’ को पीएम मोदी ने बनाया हथियार
राहुल की इसी टिप्पणी को हथियार बना प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना की रैली में विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा. रैली में पहुंची महिलाओं को संबोधित करते हुए मोदी ने उन्हें शक्ति स्वरूपा कहकर संबोधित किया और कहा कि वे शक्ति का रूप धारण कर उन्हें आशीर्वाद देने आई हैं.
”मेरे लिए हर मां-बेटी शक्ति का रूप है”
PM मोदी ने कहा कि चुनाव घोषित होने के बाद रविवार को मुंबई में ‘इंडी’ अलायंस की ‘सबसे महत्वपूर्ण’ रैली थी और उस रैली में उन्होंने अपना घोषणापत्र जाहिर किया. मोदी ने कहा,”उन्होंने कहा है कि उनकी लड़ाई ‘शक्ति’ के खिलाफ है.मेरे लिए हर मां-बेटी शक्ति का रूप है. मैं आपकी शक्ति के रूप में पूजा करता हूं. भारत मां का पुजारी हूं.मैं आप शक्ति स्वरूपा सब बहन बेटियों का पुजारी हूं.और जिन्होंने कल शिवाजी पार्क में… ‘इंडी’ अलायंस ने अपने घोषणापत्र में शक्ति को खत्म करने के लिए कहा है… मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं.मैं शक्ति स्वरूपा माताओं-बहनों के लिए जान की बाजी लगा दूंगा… जीवन खपा दूंगा.”
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”क्या कोई शक्ति के विनाश की बात कर सकता है ?”
उन्होंने सवालिया अंदाज में जनसूह से पूछा कि क्या भारत की धरती पर कोई ‘शक्ति’ के विनाश की बात कर सकता है? और क्या ‘शक्ति’ का विनाश हमें मंजूर है?,मोदी ने कहा कि पूरा हिन्दुस्तान ‘शक्ति’ की आराधना करता है और उनकी सरकार ने तो चंद्रयान की सफलता को भी ‘शिव शक्ति’ का नाम दिया.और ये लोग शक्ति के विनाश का बिगूल फूंक रहे हैं, मताएं-बहनें, शक्ति स्वरूपा आप हैं.क्या ऐसे लोगों को शक्ति का विनाश करने का मौका देंगे क्या? शक्ति का विनाश करने वालों का विनाश होना चाहिए या नहीं होना चाहिए?
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही दुनिया के सबसे बड़ा लोकतंत्र का उत्सव प्रारंभ हो चुका है और 13 मई को तेलंगाना के लोग नया इतिहास रचने वाले हैं.उन्होंने कहा कि 13 मई को तेलंगाना में होने वाला मतदान ‘विकसित भारत’ के लिए होगा और जब भारत विकसित होगा तो तेलंगाना भी विकसित होगा.
”4 जून को 400 पार”
पीएम मोदी ने दावा किया कि तेलंगाना में भाजपा के लिए जन समर्थन लगातार बढ़ रहा है. यहां आया जन सैलाब इसका प्रमाण है.तेलंगाना में भाजपा की लहर, कांग्रेस और बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) का सूपड़ा साफ कर देगी.इसलिए आज पूरा देश कह रहा है. 4 जून को 400 पार.
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परिवारवाद पर फिर साधा निशाना
परिवारवाद के नाम पर एक बार फिर विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि उनका पूरा इतिहास उठाकर देख लीजिये, देश में जितने भी बड़े घोटाले हुये हैं उनके पीछे कोई न कोई परिवारवादी पार्टी ही मिलेगी’ उन्होंने ने कहा,”एक ओर वो कांग्रेस पार्टी है, जिसने तेलंगाना के सपनों को कुचला है.दूसरी ओर वो बीआरएस है, जिसने यहां के लोगों की भावनाओं का इस्तेमाल किया, सत्ता पाई और बाद में जनता से ही विश्वासघात कर दिया”.आरोप लगाया कि तेलंगाना निर्माण के पहले 10 वर्षों तक बीआरएस ने तेलंगाना को जमकर लूटा और अब कांग्रेस ने तेलंगाना को अपना ‘एटीएम स्टेट’ बना लिया है.
खगड़िया (बिहार), बिहार के खगड़िया जिले में सोमवार को सुबह एक दर्दनाक हादसा पेश आया है. यहां एक ट्रैक्टर से टक्कर लगने के बाद एक एसयूवी वाहन सड़क के किनारे गड्ढे में पलट गया जिससे उसमें सवार 3 बच्चों सहित 8 लोगों की मौत हो गई और 3 अन्य व्यक्ति घायल हो गए. स्थानीय लोगों एवं घायल व्यक्तियों ने बताया कि एसयूवी वाहन में सवार सभी लोग एक बारात में शामिल होने के बाद वापस लौट रहे थे,खगड़िया जिला पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पसराहा थाना क्षेत्र में 2 वाहनों की टक्कर में 8 लोगों की जान चली गई और 3 व्यक्ति घायल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है.
कैसे हुआ हादसा ?
सोमवार की सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर पसराहा थाना पुलिस को सूचना मिली कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर एक पेट्रोल पंप से लगभग 200 मीटर दूर सड़क दुर्घटना हुई है.वरिष्ठ पदाधिकारियों को सूचित कर पसराहा थाना पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची. घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान पता चला कि चार पहिया SUV वाहन और सीमेंट की बोरियों से लदे एक ट्रैक्टर के बीच टक्कर हो गई और फिर SUV वाहन सड़क के किनारे एक गड्ढे में पलट गया.
8 की मौत, 3 लोग घायल
इस हादसे में 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई वहीं 4 अन्य घायल व्यक्तियों को इलाज के लिए पुलिस की मदद से खगड़िया सदर अस्पताल भेजा गया.वहां इलाज के दौरान एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया.वहीं पुलिस ने बताया कि तीनों घायलों को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर किया है.घटनास्थल पर गोगरी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और पसराहा थानाध्यक्ष मौजूद हैं.मृतकों के नाम गौतम कुमार (10), मोनू कुमार (11), दिलखुश कुमार (12), अमन कुमार (19), बंटी कुमार (22), अंशु कुमार (22), पालेश्वर ठाकुर (58) और प्रकाश सिंह (59) हैं, सभी मृतक खगड़िया जिला के परबत्ता और भरतखंड थाना क्षेत्र के निवासी हैं.
नोएडा (उप्र), नोएडा में एक पार्टी में नशे के लिए सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल के मामले में गिरफ्तार मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव की रात जेल में करवट बदलते हुए गुजरी. गौतम बुद्ध नगर के लुक्सर स्थित जेल के अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने सोमवार को बताया कि एल्विश यादव को रविवार की रात को खाना दिया गया था लेकिन उन्होंने पूरा खाना नहीं खाया. उन्होंने बताया कि एल्विश को आज सुबह नियमानुसार चाय नाश्ता उपलब्ध कराया गया और उन्होंने चाय पी.
जेल प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि एल्विश मायूस दिख रहा था और उसने करवट बदलते हुए रात गुजारी.वह काफी बेचैन भी दिखा.बताया जाता है कि सोमवार को सुबह एल्विश के परिवार के सदस्य और समर्थक उनसे मिलने लुक्सर जेल पहुंचे.एल्विश की जमानत अर्जी सोमवार या मंगलवार को अदालत में दायर करने की संभावना है.
14 दिन की न्यायिक हिरासत में एल्विश यादव
आपको बता दें कि नोएडा पुलिस ने रियलिटी शो ‘बिग बॉस ओटीटी’ के विजेता एल्विश यादव को रविवार को गिरफ्तार किया था और उन्हें बाद में सूरजपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया गया,जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.यादव (26) पिछले साल 3 नवंबर को यहां सेक्टर-49 थाने में दर्ज प्राथमिकी में नामजद 6 आरोपियों में से एक है.अधिकारियों ने कहा कि 5 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं.
इन धाराओं में दर्ज है मामला
पुलिस के मुताबिक, मामला वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 284 (जहर से संबंधित लापरवाही भरा आचरण) और 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाही भरा आचरण) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था.
मॉस्को, रूस में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के शुरुआती नतीजों में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जीत की ओर बढ़ रहे हैं जो देश की राजनीतिक व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को रेखांकित करता है.यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा. चुनाव में उन्हें नाममात्र की चुनौती थी और आरोप है कि उन्होंने विपक्षी नेताओं का क्रूरता से दमन किया. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने बताया कि अबतक हुई मतों की गणना के मुताबिक, पुतिन को 87 प्रतिशत वोट मिले हैं.
नतीजों पर बोले पुतिन
पुतिन ने शुरुआती नतीजों को उनमें लोगों का ‘विश्वास’ और ‘उम्मीद’ बताया, जबकि आलोचकों ने नतीजों को चुनाव की पूर्वनिर्धारित प्रकृति का एक और प्रतिबिंब बताया. मतदान खत्म होने के बाद स्वयंसेवकों के साथ बातचीत करते हुए पुतिन ने कहा,”हमारे पास बहुत काम हैं.लेकिन मैं सबसे यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब हम एकजुट थे, तो कोई भी हमें डराने, हमारी इच्छाशक्ति और हमारे आत्म-विवेक को दबाने में कामयाब नहीं हुआ.उन्होंने कहा,वे अतीत में नाकाम रहे और वे भविष्य में भी असफल होंगे.”
ब्रिटेन ने क्या कहा ?
वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “ यूक्रेनी क्षेत्र में अवैध तरीके से चुनाव कराने के बाद रूस में चुनाव संपन्न हो गए हैं.चुनाव में मतदाताओं के पास विकल्पों की कमी थी और कोई स्वतंत्र ओएससीई निगरानी भी नहीं थी.यह वैसा नहीं है जैसा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दिखता है.चुनाव के दौरान पुतिन और यूक्रेन में जंग की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने पर रोक थी. स्वतंत्र मीडिया को पंगु बना दिया गया था.
कहां हैं पुतिन के प्रतिद्वंदी ?
आपको बता दें कि पुतिन (71) के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई और उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं.मतदाताओं के पास वस्तुतः कोई विकल्प नहीं था, चुनाव की स्वतंत्र निगरानी बेहद सीमित थी.रूस के चुनाव आयोग ने कहा है कि अबतक 98 प्रतिशत क्षेत्रों के मतों की गणना की गई है जिनमें पुतिन को 87 फीसदी वोट मिले हैं.
नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चुनिंदा रवैया नहीं अपना सकता और उसे चुनावी बॉण्ड की सभी ‘‘संभावित’’ जानकारियों का खुलासा करना पड़ेगा जिसमें विशिष्ट बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं जिससे खरीदार और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच राजनीतिक संबंध का खुलासा होगा.वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को विशिष्ट बॉण्ड संख्याओं समेत चुनावी बॉण्ड से संबंधित सभी जानकारियों का 21 मार्च तक खुलासा करने का निर्देश दिया है.
21 मार्च तक का दिया अल्टीमेटम
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय पीठ ने कहा कि इसमें ‘‘कोई संदेह नहीं’’ है कि SBI को बॉण्ड की सभी जानकारियों का खुलासा करना होगा,उसने एसबीआई चेयरमैन को यह बताते हुए 21 मार्च को शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया कि बैंक ने सभी विवरण का खुलासा कर दिया है.पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.
”चुनिंदा रुख न अपनाए SBI”
पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, ‘‘हमने SBI से सभी जानकारियों का खुलासा करने के लिए कहा था जिसमें चुनावी बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं.एसबीआई विवरण का खुलासा करने में चुनिंदा रुख न अपनाए.
SC ने पिछले सप्ताह SBI को जारी किया था नोटिस
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह न्यायालय ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा न करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था और कहा था कि SBI उन संख्याओं के खुलासे के लिए ‘कर्तव्यबद्ध’ था.
इन याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
वहीं उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड मामले में औद्योगिकी निकायों, एसोचैम और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की गैर-सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार किया.उसने बॉण्ड विवरण का खुलासा करने पर उसके फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध करने वाले ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) के अध्यक्ष के पत्र पर विचार करने से भी इनकार कर दिया.
CJI ने SBI को क्या कहा ?
सीजेआई ने एससीबीए अध्यक्ष से कहा,”आपने मेरी स्वत: संज्ञान संबंधी शक्तियों को लेकर पत्र लिखा है, ये सभी प्रचार संबंधी चीजें हैं, हम इसमें नहीं पड़ेंगे.
याचिकाकर्ता गैर लाभकारी संगठन की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि प्रमुख राजनीतिक दलों ने दानदाताओं का विवरण नहीं दिया है, केवल कुछ दलों ने दिया है.उच्चतम न्यायालय ने 12 अप्रैल 2019 को एक अंतरिम आदेश पारित कर राजनीतिक दल, उन्हें मिले चंदे और आगे मिलने वाले चंदे के बारे में जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में निर्वाचन आयोग को देने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने बॉण्ड योजना को किया था रद्द
आपको बता दें कि 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था.
कोयंबटूर (तमिलनाडु),प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को यानि आज कोयंबटूर में एक रोड शो करेंगे. मद्रास उच्च न्यायालय ने रोड शो कार्यक्रम की मंजूरी देने के साथ ही पुलिस से उचित शर्तों के साथ इसके आयोजन की अनुमति देने के लिए कहा था. प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम शहर के मेट्टुपालयम रोड पर होगा और यह आरएस पुरम में समाप्त हो सकता है.बता दें कि लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद राज्य में यह मोदी का पहला राजनीतिक कार्यक्रम होगा.वहीं आगामी आम चुनाव 7 चरणों में आयोजित किए जाएंगे.
PM के कार्यक्रम को नहीं मिली थी अनुमति
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जिला ईकाई ने स्थानीय पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अनुमति देने से इनकार करने के विरोध में शुक्रवार को उच्च न्यायालय का रुख किया था. पुलिस ने क्षेत्र के ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ होने और परीक्षाओं का हवाला देकर रोड शो की अनुमति देने से मना कर दिया था.अदालत ने दलीलों को खारिज करते हुए पुलिस से उचित शर्तों के साथ रोड शो करने की अनुमति देने के लिए कहा था.
तमिलनाडु में आधार मजबूत करने मे जुटी बीजेपी
भाजपा अपनी राज्य इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई के नेतृत्व में उस तमिलनाडु में अपना आधार मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जहां ज्यादातर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में से किसी एक की या उनके नेतृत्व वाले गठबंधन की सत्ता रही है.बीजेपी आगामी चुनाव में राज्य में गैर-द्रमुक और गैर-अन्नाद्रमुक गठबंधन की सरकार बनाने के लिए प्रयासरत है.
कोयंबटूर के लोगों ने 90 के दशक के अंत में तत्कालीन भाजपा नेता और वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को 2 बार लोकसभा के लिए चुना था.जिले ने 2021 के विधानसभा चुनावों में तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के कुल 4 में से एक भाजपा विधायक को भी चुना था.राज्य की 39 लोकसभा सीटों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की एकमात्र सीट के लिए एकल चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा.
नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने जैन से तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा.जैन अभी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.न्यायालय ने जैन को आत्मसमर्पण करने के लिए एक हफ्ते का वक्त देने के उनके वकील के मौखिक अनुरोध को ठुकरा दिया.
आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने जैन की नियमित जमानत याचिका पर 17 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.उसने 26 मई 2023 को जैन को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी और बार-बार जमानत की अवधि बढ़ाई जाती रही.जैन ने मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 6 अप्रैल 2023 के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी.
इस आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
ईडी ने जैन से कथित तौर पर जुड़ी 4 कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग यानि धन शोधन के आरोप में ‘आप’ नेता को 30 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया था.उसने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया था. वहीं जैन को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में 6 सितंबर 2019 को निचली अदालत ने नियमित जमानत दे दी थी.जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है.
Accident News : जयपुर-अजमेर हाईवे पर भीषण सड़क हादसा पेश आया है.यहां चंदवाजी थाना इलाके के हाइवे स्थित सेवड़ माता मंदिर के पास कार और ट्रेलर में भीषण टक्कर हो गई,इस हादसे में 4 लोगों की मौत, तो वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.बताया जा रहा है कि कार सवार बुटाटी धाम में दर्शन कर शाहपुरा लौट रहे थे इस दौरान ये हादसा हो गया,हादसे की सूचना पर चंदवाजी SHO सुगन सिंह राठौड़ मय जाप्ता के मौके पर पहुंचे,उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया.
हादसे में मृतकों और घायलों की पहचान कर ली गई है.आपको बता दें कि इस हादसे में शाहपुरा निवासी पवन बुनकर, संजना देवी बुनकर, नीमकाथाना निवासी मोनिका,कपूरी देवी की मौत हो गई है जबकि शाहपुरा के खातेडी निवासी सुनील बुनकर, पवन बुनकर व बीरबल बुनकर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.