Friday, July 18, 2025
Home Blog Page 312

Akhilesh Yadav News: JPNIC जाने से रोकने पर भड़के अखिलेश यादव, बोले- ‘भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम…’

जय प्रकाश नारायण की जयंती पर उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है.दरअसल सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जेपी सेंटर में श्रद्धांजलि देने को लेकर अड़े हुए हैं.वे सेंटर जाकर जयप्रकाश नारायण की जयंती के कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं.वहीं सरकार ने उनके कैंपस में जाने पर रोक लगा दी है.

अखिलेश यादव के घर के बाहर RAF तैनात

अखिलेश यादव को जेपी एनआईसी जाने से रोकने के लिए उनके विक्रमादित्य मार्ग स्थित घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी गई है. RAF सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई है.सेंटर के मेन गेट को 10 फीट ऊंची टीन की चादरों से ढककर सील कर दिया गया है, क्योंकि पिछली बार जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं के साथ गेट फांदकर माल्यार्पण करने चले गए थे.

अखिलेश यादव ने जताई नाराजगी कही ये बात

यादव ने इस पर नाराजगी जताई है और ऐसा करने पर भाजपा सरकार को नकारात्मकता का प्रतीक बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है. पिछली बार की तरह समाजवादी लोग कहीं ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने न चले जाएं, इसीलिए उन्हें रोकने के लिए हमारे निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है.भाजपाई हमेशा स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी रहे हैं. रास्ते रोकना इन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ रहने और दबे-छुपे उनका साथ देने से सीखा है.

समाजवादी पार्टी नेता जूही सिंह ने कही ये बात

समाजवादी पार्टी नेता जूही सिंह ने कहा, “.ये सरकार लोकतंत्र से डरती है, आवाजों से डरती है। केवल माल्यार्पण का कार्यक्रम था लेकिन हमें क्यों रोका गया है? क्या ये लोग JPNIC को बेचना चाहते हैं? अखिलेश यादव से डर गए हैं? हमारा संगठन यहां है. हम कोशिश करेंगे कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ माल्यार्पण कर सकें।”

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कही ये बात

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “किसी भी जगह जहां लोकतंत्र है वहां कोई श्रद्धांजलि भी नहीं देने जा सकता ये कैसी बात है? आप बता दीजिए कि उस जगह क्या करना है या क्या नहीं करना है ताकि वहां(JPNIC) जो निर्माण कार्य हो रहा है उसे क्षति न पहुंचे लेकिन आप किसी को रोक देंगे, उनके घर के बाहर पुलिस लगा देंगे या घेराबंदी कर देंगे। ये कहां का लोकतंत्र है?”

श्रद्धांजलि जयप्रकाश नारायण को कहीं से भी दी जा सकती है : जयवीर सिंह

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “पिछले साल भी अखिलेश यादव और उनके कार्यकर्ताओं ने जबरन JPNIC दीवारों को फांदकर उसे क्षतिग्रस्त करने का काम किया था.बंद पड़ी इमारतों में माल्यार्पण की अनुमति नहीं दी जा सकती है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने कल ही अखिलेश यादव को ये अवगत करवा दिया था कि वहां(JPNIC) माल्यार्पण की अनुमति देना सुरक्षा कारणों से संभव नहीं है.अगर अखिलेश यादव भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं तो JPNIC का निर्माण उन्हीं के कार्यकाल के दौरान हुआ.2017 के बाद वहां कोई काम नहीं हुआ है तो अगर भ्रष्टाचार का कोई आरोप है तो अखिलेश यादव के कार्यकाल के हो सकते हैं.श्रद्धांजलि जयप्रकाश नारायण को कहीं से भी दी जा सकती है और उनके बारे में सम्मान और आस्था का भाव कहीं से भी प्रकट किया जा सकता है.समाजवादी पार्टी की जो फितरत रही है यह सब उसी का हिस्सा हो सकता है।”

Nobel Prize 2024: साहित्य के नोबेल पुरस्कार का ऐलान, दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को मिला सम्मान

स्टाकहोम, इस वर्ष साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग (53) को चुना गया है.नोबेल समिति ने गुरुवार को इसकी घोषणा की. स्वीडिश अकादमी की नोबेल समिति के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने यहां इस पुरस्कार की घोषणा की.

इस उपलब्धि के लिए मिला सम्मान

नोबेल समिति के अनुसार हान कांग के ‘गहन काव्यात्मक गद्य के लिए’ यह सम्मान दिया जाएगा जिसमें ऐतिहासिक आघातों और मानव जीवन की नाजुकता को रेखांकित किया गया है.कांग को 2016 में उनकी कृति ‘द वेजिटेरियन’ के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. ‘द वेजिटेरियन’ एक उपन्यास है जिसमें एक महिला के मांस खाना बंद करने के फैसले के विनाशकारी परिणाम होते हैं.

नोबेल साहित्य सम्मान की इस वजह से हो रही आलोचना

नोबेल साहित्य सम्मान की लंबे समय से आलोचना होती रही है. आलोचकों की दलीलें हैं कि इसमें कहानियों से ज्यादा शैली पर जोर दिया जाता है और यह यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी लेखकों पर बहुत अधिक केंद्रित है. इसके साथ ही इस सम्मान के पुरुष-प्रधान होने का भी आरोप लगता रहा है. अब तक 119 लेखकों को यह सम्मान दिया गया है जिनमें महिलाओं की संख्या सिर्फ 17 है. इससे पहले 2022 में फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स को यह सम्मान दिया गया था.

अब तक इन क्षेत्रों में हो चुका नोबेल पुरस्कार का ऐलान

इससे पहले चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से शुरू हुई. अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने का ऐलान हुआ.वहीं मंगलवार को जॉन होपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई.बुधवार को डेविड बेकर, डेमिस हस्साबिस और जॉन जंपर को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई.

शांति और अर्थशास्त्र के लिए नोबेल का इस तारीख को होगा ऐलान

शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए इस सम्मान की घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी.विजेताओं को पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा.

Stock Market Update: मामूली तेजी के साथ बंद हुआ शेयर बाजार, Sensex 144 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,000 के आसपास बंद, इन शेयर में रहा लाभ

मुंबई, स्थानीय शेयर बाजारों में गुरुवार को तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 144 अंक चढ़ गया. वैश्विक बाजारों में तेजी के बीच बैंक, बिजली और औद्योगिक शेयरों में लिवाली से बाजार में मजबूती आई. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 144.31 अंक यानी 0.18 प्रतिशत बढ़कर 81,611.41 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 535.74 अंक तक चढ़ गया था.नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 16.50 अंक यानी 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,998.45 अंक पर बंद हुआ.कारोबार के दौरान यह 152.1 अंक तक चढ़ गया था.

इन कंपनियों के शेयर रहे लाभ में

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, मारुति, सुजुकी इंडिया, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रमुख रूप से लाभ में रहीं.

इन कंपनियों के शेयर रहे नुकसान में

दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में टेक महिंद्रा, सन फार्मास्युटिकल्स, इन्फोसिस, टाइटन, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज शामिल हैं।

टाटा समूह की कंपनियों के शेयर में 15 प्रतिशत तेजी

टाटा समूह की कंपनियों के शेयरों में 15 प्रतिशत की तेजी रही. टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, टाटा केमिकल्स और टाटा टेलीसर्विसेज प्रमुख रूप से लाभ में रहीं.टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया. वह 86 साल के थे.

एशियाई और यूरोपीय बाजारों का हाल

एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी बाजार बुधवार को लाभ में रहे थे.वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77.63 डॉलर प्रति बैरल रहा.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 4,562.71 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,508.61 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.सेंसेक्स बुधवार को 167.71 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 31.20 अंक की गिरावट आई थी.

Pakistani की कप्तान फातिमा सना के पिता का निधन, T20 World Cup बीच में छोड़कर लौटीं घर, इस खिलाड़ी को मिली टीम की कमान

दुबई, पाकिस्तान की कप्तान फातिमा सना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले महिला टी20 विश्व कप के महत्वपूर्ण मैच में नहीं खेल पाएंगी क्योंकि वह अपने पिता के निधन के कारण स्वदेश लौट रही हैं. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि वह फातिमा की जल्द से जल्द स्वदेश लौटने की व्यवस्था कर रहा है. उनके पिता का गुरुवार की सुबह निधन हो गया था.

उप कप्तान मुनीबा अली करेंगी टीम की अगुवाई

पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा,”वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले मैच में नहीं खेल पाएंगी,उनकी अनुपस्थिति में उप कप्तान मुनीबा अली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम की अगुवाई करेगी.

फातिमा ने अब तक किया शानदार प्रदर्शन

बता दें कि 22 वर्षीय फातिमा ने टूर्नामेंट में अभी तक बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अच्छा प्रदर्शन किया है.पाकिस्तान को सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए बाकी बचे दो मैच में से कम से कम एक मैच में जीत दर्ज करनी होगी. पाकिस्तान के अभी दो मैच में 2 अंक है तथा वह ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बाद तीसरे स्थान पर है. वह अपना अंतिम मैच सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेगा.

Rafael Nadal Retirement: स्टार टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने किया संन्यास का ऐलान, इस दिन खेलेंगे आखिरी मुकाबला

मैड्रिड, 22 के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन राफेल नडाल ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अगले महीने होने वाले डेविस कप फाइनल्स के बाद टेनिस को अलविदा कह देंगे. 38 वर्ष के नडाल से अधिक ग्रैंडस्लैम पुरूष वर्ग में नोवाक जोकोविच (24) ने जीते हैं जबकि रोजर फेडरर 20 बार विजेता रहे हैं. तीनों टेनिस के ‘बिग थ्री’ कहे जाते रहे हैं.

राफेल नडाल ने सोशल मीडिया पर लिखी ये बात

स्पेन के नडाल ने सोशल मीडिया पर यह घोषणा की.उन्होंने संकेत दिया कि उन्होंने यह फैसला लगातार चोटों के कारण लिया है. नडाल ने कहा,”मैंने जो कुछ भी अनुभव किया है, वह सपना सच होने जैसा है. मैं इस इत्मीनान के साथ जाऊंगा कि मैंने अपनी ओर से पूरा प्रयास किया और अपना सर्वश्रेष्ठ दिया.उन्होंने कहा ,हकीकत यह है कि पिछले कुछ साल काफी कठिन रहे, खासकर पिछले दो साल. मुझे नहीं लगता कि मैं खुलकर खेल सका. यह कठिन फैसला था जिसे लेने में मुझे कुछ समय लगा. लेकिन जीवन में हर चीज की एक शुरूआत और एक अंत होता है.”

लाल कोर्ट पर रिकॉर्ड 14 फ्रेंच ओपन खिताब जीते

लाल बजरी के बादशाह कहे जाने वाले नडाल ने लाल कोर्ट पर रिकॉर्ड 14 फ्रेंच ओपन खिताब जीते.रोलां गैरो कोर्ट के प्रवेश द्वार पर नडाल की प्रतिमा इसकी गवाह है कि उन्होंने इस पर अपने प्रदर्शन की छाप किस कदर छोड़ी है.

डेविस कप के जरिये विदा लेने पर रोमांचित

नडाल ने कहा कि डेविस कप के जरिये विदा लेने को लेकर वह काफी रोमांचित है. डेविस कप फाइनल्स स्पेन के मालागा में 19 नवंबर से खेला जाएगा.नडाल ने पेरिस ओलंपिक के बाद से नहीं खेला है जिसमें वह एकल वर्ग में जोकोविच से हार गए थे.वह युगल वर्ग में कार्लोस अल्काराज के साथ क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे. नडाल ने कहा,” मुझे लगता है कि यह उस कैरियर पर विराम लगाने का सही समय है जो इतना लंबा रहा और मैंने जितना सोचा था, उससे ज्यादा सफल भी.”

Ratan Tata ने जब जगुआर लैंड रोवर खरीद लिया था अपमान का बदला, जानें क्या है फोर्ड से बदले की कहानी

मुंबई, असफलता से सफलता की कहानी लिखना तो कोई रतन टाटा से सीखे. साल 1999 में टाटा समूह की बड़ी यात्री कार टाटा इंडिका से अपेक्षित लाभ न मिलने पर अपने पैसेंजर कार डिवीजन को फोर्ड मोटर्स को बेचने का फैसला करने के बाद, कंपनी के कुछ अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर अपमानित किए जाने से आहत रतन टाटा ने अपनी रणनीति बदली और न केवल सफलता हासिल की बल्कि 2008 में फोर्ड की जेएलआर को खरीद लिया.

जब टाटा मोटर्स को बेचने का लिया था फैसला

टाटा समूह की बड़ी यात्री कार टाटा इंडिका पेश किए जाने के एक वर्ष बाद भी अपेक्षित लाभ नहीं दे रही थी. हताश होकर रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा मोटर्स के शीर्ष अधिकारियों ने फोर्ड मोटर्स के पैसेंजर कार डिवीजन को प्रमुख अमेरिकी वाहन विनिर्माता को संभावित रूप से बेचने का अनुरोध स्वीकार कर लिया.कुछ लोगों ने टाटा को कारोबार बेचने की सलाह दी थी और फोर्ड के अधिकारी बातचीत करने के लिए बॉम्बे हाउस पहुंचे थे. टाटा मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान अमेरिकी कंपनी ने कारोबार खरीदने में रुचि दिखाई.इसके बाद रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा के शीर्ष अधिकारी बैठक के लिए अमेरिका पहुंच गए, जो करीब तीन घंटे तक चली.बैठक में उपस्थित एक व्यक्ति के अनुसार, फोर्ड के अधिकारियों ने डेट्रॉयट की बैठक में आए भारतीयों को ”अपमानित” किया. फोर्ड के अधिकारियों ने अपने मेहमानों से कहा, ”आपको कुछ भी पता नहीं है, आपने यात्री कार खंड क्यों शुरू किया” और भारतीय कंपनी का कारोबार खरीदकर उस पर एहसान करने की बात कही. सौदा टूट गया.

फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड ने टाटा को कहा धन्यवाद

इस शर्मनाक अनुभव ने रतन टाटा को अपने लक्ष्यों पर और अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया.उन्होंने इकाई को न बेचने का फैसला किया. इसके बाद जो हुआ वह असफलता से सफलता की कहानी रचने की एक बेहतरीन मिसाल है. दल ने बैठक के तुरंत बाद भारत लौटने का फैसला किया, जिसे वहां मौजूद व्यक्ति ने अपमानजनक बताया. न्यूयॉर्क लौटते समय 90 मिनट की उड़ान में उदास रतन टाटा कुछ ही शब्द बोले. पूरे समय वह चुप से थे. समूह के पुराने सदस्य प्रवीण काडले ने कुछ वर्ष पहले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था,”यह 1999 की बात है और 2008 में फोर्ड की उसी JLR को हमने खरीद लिया. फोर्ड के चेयरमैन बिल फोर्ड ने टाटा को धन्यवाद देते हुए कहा था कि ‘जेएलआर खरीदकर आप हम पर बड़ा एहसान कर रहे हैं.”

2008 में टाटा ने खरीदी थी JLR

टाटा समूह ने 2008 में फोर्ड से 2.23 अरब अमेरिकी डॉलर के सौदे में सेडान और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन बनाने वाले प्रतिष्ठित ब्रांड खरीद लिए थे.अधिग्रहण के बाद, टाटा समूह ने मोटर वाहन उद्योग में सबसे शानदार बदलावों में से एक की पटकथा लिखी है और ब्रिटिश ब्रांड को कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले वैश्विक कार बाजार में मजबूत इकाई के रूप में स्थापित करने में सफल रहा है.टाटा मोटर्स ने भले ही एक लंबा सफर तय किया है और भारत में बाजार हिस्सेदारी हासिल की है, लेकिन अब भी वह जेएलआर से अपने राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अर्जित कर रहा है.

जगुआर लैंड रोवर ने रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि

इस बीच, जगुआर लैंड रोवर ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए गुरुवार को कहा कि उनके प्रेरणादायक नेतृत्व से ब्रिटिश ब्रांड को दुनिया भर में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने में मदद मिली.जेएलआर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एड्रियन मार्डेल ने बयान में कहा,”रतन टाटा के निधन से पूरा जेएलआर परिवार बेहद दुखी है. उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियां और विरासत समाज में बेमिसाल हैं. उन्होंने हमारे कारोबार और ब्रांड पर जो छाप छोड़ी है, वह किसी भी अन्य व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक है.”उन्होंने कहा कि टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन ने ब्रिटिश वाहन विनिर्माता कंपनी के इतिहास में नये अध्याय लिखने की प्रेरणा दी है.

मार्डेल ने कहा, ‘‘ यह उनकी विलक्षण दूरदृष्टि ही थी कि टाटा ने 2008 में जेएलआर का अधिग्रहण किया और तब से लेकर अब तक हम जो कुछ भी हैं, वह उनके अटूट समर्थन तथा समर्पण से ही संभव हो पाया.बता दें कि टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा ने बुधवार रात 11.30 बजे दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 86 वर्ष के थे.

Delhi में रावण दहन इस बार होगा खास, फिल्म ‘सिंघम अगेन’ की टीम अजय देवगन, करीना, रोहित शेट्टी होंगे शामिल। Singham Again

नई दिल्ली, फिल्म ‘सिंघम अगेन’ के सितारे अजय देवगन, करीना कपूर खान और फिल्म निर्देशक रोहित शेट्टी शनिवार को दशहरे के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी की प्रसिद्ध लव कुश रामलीला में रावण दहन करेंगे. दिल्ली स्थित लालकिले पर पिछले 50 साल से हर बार लव कुश रामलीला का आयोजन किया जाता है.

सिंघम अगेन की टीम होगी रावण दहन कार्यक्रम में शामिल

दिल्ली की लव कुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने एक बयान में कहा,”बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में इस बार लव कुश रामलीला में हमने फिल्म ‘सिंघम अगेन’ के निर्देशक रोहित शेट्टी और इसके कलाकारों अजय देवगन और करीना कपूर खान को आमंत्रित किया है.उन्होंने हमारा निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और वे 12 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में रावण दहन करेंगे.”

सिंघम अगेन दिवाली पर होगी रिलीज

बता दें कि दिवाली के मौके पर रिलीज होने वाली फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में रणवीर सिंह, अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण, टाइगर श्रॉफ और अर्जुन कपूर भी हैं.मुंबई में सोमवार को फिल्म का ट्रेलर लॉन्च के मौके पर करीना ने कहा कि वह फिल्म में सीता का किरदार निभाकर सम्मानित महसूस कर रही हैं.फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में रावण जैसा किरदार निभाने वाले अर्जुन कपूर ने इस फिल्म को ‘रामायण का आधुनिक संस्करण’ बताया.

Ratan Tata के सबसे अच्छे दोस्त शांतनु नायडू ने शेयर की भावुक पोस्ट, लिखा-‘दोस्ती का खालीपन भरने में….’, कैसे हुई थी दोस्ती ?

मुंबई, दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है.वहीं उनके लंबे समय से सहयोगी रहे और रतन टाटा के सबसे विश्वसनीय माने जाने वाले शांतनु नायडू ने भावुक पोस्ट की और उन्हें अपने जीवन की रोशनी बताया.नायडू को सुबह बाइक पर सवार होकर टाटा के घर से बाहर निकलते और उनके पार्थिव शरीर को ले जा रहे ट्रक के आगे चलते देखा गया.

नायडू ने रतन टाटा के लिए पोस्ट में लिखी ये बात

RNT कार्यालय में महाप्रबंधक नायडू ने तड़के एक पेशेवर नेटवर्किंग साइट पर लिखा, ”इस दोस्ती में जो था .इसने मेरे अंदर अब जो खालीपन ला दिया है, मैं सारा जीवन इसे भरने की कोशिश करूंगा.”नायडू ने एक तस्वीर भी साझा की जिसमें दोनों एक चार्टर्ड विमान में बैठे नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, ”दुःख प्यार के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है.अलविदा, मेरी जीवन की रोशनी.”

कौन हैं शांतनु नायडू ?

शांतनु नायडू, रतन टाटा से लगभग 55 साल छोटे हैं लेकिन सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं. दोनों के दोस्त बनने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है. शांतनु के साथ रतन टाटा का पारिवारिक रिश्ता नहीं था बल्कि शांतनु के काम से रतन टाटा बेहद प्रभावित हुए थे और खुद फोन कर बातचीत की थी. इसके बाद से ही दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों साथ मिलकर काम करने लगे. रिपोर्ट्स की मानें तो शांतनु रतन टाटा को बिजनेस आइडिया और टिप्स देते थे.शांतनु का जन्म 1993 में पुणे महाराष्ट्र में हुआ था। वे एक बिजनेसमैन, इंजीनियर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर समेत लेखक भी हैं.

कैसे हुई शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती ?

शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती साल 2014 में शुरू हुई.यह कुत्तों के प्रति आपसी प्रेम और चिंता ही थी जो रतन टाटा और नायडू को करीब ले आई.नायडू ने एक आवारा कुत्ते की मौत से परेशान होकर एक ‘रिफ्लेक्टिव कॉलर’ बनाया था जिससे वाहन चालक आवारा कुत्तों को जल्दी पहचान सकें.उन्होंने टाटा को इस बारे में पत्र लिखा.टाटा ने इस पर केवल स्वीकृति ही नहीं दी, बल्कि इससे कहीं अधिक किया.नायडू को इस उद्यम के लिए टाटा से निवेश और एक स्थायी बांड प्राप्त हुआ.इसके बाद नायडू अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और वापस आने पर उन्हें RNT के कार्यालय में नौकरी मिल गई,जो टाटा संस के चेयरमैन के रूप में उनके कार्यकाल के बाद उद्योगपति का निजी कार्यालय था. टाटा के लिए कई मामलों का प्रबंधन करने की अपनी दैनिक नौकरी के अलावा, नायडू सामाजिक रूप से प्रासंगिक मंच स्थापित करते रहे.उनके उदार बॉस अक्सर इन विचारों का समर्थन करते थे, उनमें से एक था ‘गुडफेलो’ जो 2022 में शुरू की गई वरिष्ठ नागरिकों के लिए सदस्यता-आधारित साहचर्य सेवा है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बावजूद रतन टाटा उस स्टार्टअप को पेश करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इसमें उन्होंने अज्ञात राशि का निवेश किया है.

Ratan Tata Death: केंद्र सरकार से रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग, महाराष्ट्र कैबिनेट ने प्रस्ताव किया पारित

मुंबई, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने दिवंगत टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से रतन टाटा को उनकी उपलब्धियों के लिए भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया गया है.

महाराष्ट्र कैबिनेट ने रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि

दरअसल CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दिग्गज उद्योगपति को श्रद्धांजलि दी गई. रतन टाटा का बुधवार रात को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान एक शोक प्रस्ताव पारित किया गया.मंत्रिमंडल ने केंद्र से दिवंगत उद्योगपति को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया. बता दें कि टाटा को देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है.

प्रस्ताव में कही गई ये बात

प्रस्ताव में कहा गया है कि उद्यमिता समाज के विकास के लिए एक प्रभावी तरीका है और नये उद्योग-धंधे स्थापित करके देश को प्रगति और विकास के पथ पर ले जाया जा सकता है.इसके लिए देशप्रेम और समाज के उत्थान के लिए ईमानदार भावना की भी आवश्यकता है. हमने एक दूरदर्शी नेता को खो दिया जो देश और समाज के लिए प्रतिबद्ध थे. उद्योग के क्षेत्र में और समाज के उत्थान में टाटा की भूमिका अद्वितीय थी. उन्होंने उच्च नैतिकता, पारदर्शिता और अनुशासन के साथ स्वच्छ व्यवसाय प्रबंधन का पालन करते हुए सभी चुनौतियों का सामना किया.”उन्होंने वैश्विक मंच पर टाटा समूह और देश के लिए एक अलग पहचान बनाई.

‘उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा”

प्रस्ताव के मुताबिक, रतन टाटा को 26/11 के आतंकी हमलों के बाद उनके दृढ़ संकल्प और कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 1,500 करोड़ रुपये के योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने कोरोना वायरस से ग्रसित रोगियों के लिए टाटा समूह के सभी होटल खोल दिए थे.मंत्रिमंडल महाराष्ट्र के लोगों की ओर से टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करता है. हम दुख की इस घड़ी में टाटा समूह के साथ हैं.”

Ratan Tata Love Story: रतन टाटा ने 4 बार प्यार होने के बावजूद आखिर क्यों नहीं की शादी ? खुद बताई थी ये वजह

दुनिया के नामी उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 साल की उम्र में निधन हो गया. रतन टाटा सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन ही नहीं थे, बल्कि उनका व्यक्तित्व उनको खास बनाता था. उन्होंने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई और बिजनेस के साथ ही उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारियां भी बखूबी निभाई.पूरी दुनिया में उन्हें परोपकारी कार्यों के लिए जाना जाता था.ये बात सभी जानते हैं कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की. जबकि उन्हें 4 बार प्यार भी हुआ, आइए आपको बताते हैं वो वजह

रतन टाटा को 4 बार हुआ था प्यार

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को 4 बार प्यार हुआ लेकिन उन्होंने कभी किसी से शादी नहीं की. रतन टाटा ने खुद ही बताया था कि जब मैं अमेरिका में काम कर रहा था तब मुझे प्यार हुआ था लेकिन हम केवल इसीलिए शादी नहीं कर पाए,क्यों कि मैं भारत वापस आ गया.”

भारत-चीन युद्ध के चलते नहीं हो सकी शादी

रतन टाटा जब भारत आए तो उन्हें उम्मीद थी कि उनका प्यार भी भारत आएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं.इसी दौरान 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ था,जिसके चलते लड़की के परिवार ने उसे भारत भेजने से मना कर दिया.शादी नहीं हो पाई. इसके बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान टाटा ग्रुप पर लगाया और समूह की कंपनियों को आगे बढ़ाने पर काम किया. उनके नेतृत्व में ग्रुप का कारोबार तेजी से बढ़ा और दुनियाभर में उसको पहचान दिलाई.

Ratan टाटा ने सिमी ग्रेवाल को भी डेट किया था

सिमी ग्रेवाल ने साल 2011 में एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि रतन टाटा और मैं रिलेशनशिप में थे. लेकिन कुछ वक्त बाद यह रिश्ता टूट गया. हालांकि ब्रेकअप के बाद भी दोनों हमेशा अच्छे दोस्त रहे.

रतन टाटा ने खुद किया था अकेलेपन का जिक्र

रतन टाटा ने बताया था कि उन्हें चार बार प्यार हुआ लेकिन किसी ना किसी वजह से वह उसे शादी के अंजाम तक नहीं पहुंचा सके. उन्होंने बताया था कि कई बार पत्नी या परिवार न होने के कारण अकेलापन महसूस होता है. कभी-कभी मैं इसके लिए तरसता हूं. और मैं कभी-कभी इस बात की आजादी का आनंद लेता हूं.

Met Gala 2025: Bollywood Celebrities जिसने लूटी महफ़िल – शाहरुख, आलिया और भी कई सितारे ₹25,000 के अंदर बेस्ट Phones: Top 7 Smartphones with Best Features & Performance! महाशिवरात्रि 2025: जानिए पूजा विधि, मंत्र जाप और रहस्यमयी महत्व Naga Sadhu Facts: नागा साधुओं के बारे में 7 रोचक तथ्य: रहस्य, साधना और जीवनशैली Best Indoor Cat Breeds- सबसे अच्छी इनडोर बिल्लियाँ