Trump Administration suffers setback: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. ओरेगन की एक संघीय न्यायाधीश ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को पोर्टलैंड में शुक्रवार तक नेशनल गार्ड तैनात करने से रोक दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि उन्हें ‘कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला’ जिससे यह साबित हो सके कि इस साल की शुरुआत में शहर में विरोध प्रदर्शन हालात नियंत्रण से बाहर हो गए थे, जिसकी वजह से राष्ट्रपति को सेना तैनात करनी पड़ी.
राज्य सरकार और शहर प्रशासन ने सितंबर में इस तैनाती को रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. पोर्टलैंड, शिकागो और अन्य अमेरिकी शहरों में पिछले कुछ हफ्तों से जारी कानूनी लड़ाई के बीच न्यायाधीश ने यह निर्णय सुनाया है. ट्रंप प्रशासन ने इन शहरों में विरोध प्रदर्शनों को शांत करने के लिए नेशनल गार्ड के कर्मियों को तैनात करने की कोशिश की है.
3 दिन सुनवाई के बाद सुनाया आदेश
ट्रंप की ओर से नियुक्त की गईं जिला अदालत की न्यायाधीश कैरिन इमरगट ने यह आदेश 3 दिन की सुनवाई के बाद दिया. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने इस मुद्दे पर बहस की कि क्या शहर के US इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीई) भवन पर हुए प्रदर्शन के दौरान सेना की तैनाती करना संघीय कानून में निर्धारित शर्तों के अनुरूप है या नहीं.
बता दें कि रविवार देर रात जारी 16 पन्नों के आदेश में इमरगट ने कहा कि वह शुक्रवार को अंतिम निर्णय जारी करेंगी, क्योंकि सुनवाई के दौरान 750 से अधिक साक्ष्यों समेत बड़ी संख्या में प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं.




