Chandan Mishra Murder Case : बिहार की राजधानी पटना के एक अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को शनिवार को निलंबित कर दिया गया। पुलिस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
निलंबित पुलिसकर्मियों में एक उपनिरीक्षक और दो सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) शामिल हैं।
पटना (मध्य) की पुलिस अधीक्षक दीक्षा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, दोषी की एक बड़े निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार को हत्या के मामले में कर्तव्य का पालन नहीं करने के आरोप में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये पुलिसकर्मी शास्त्री नगर पुलिस थाने में तैनात थे। बिहार में बक्सर जिले के निवासी मिश्रा की बृहस्पतिवार सुबह अस्पताल के अंदर बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वह हत्या के एक मामले में पैरोल पर बाहर था।
घर में घुसकर की थी गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या
बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में 17 जुलाई 2025 को हुए सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। बक्सर के कुख्यात अपराधी चंदनमिश्रा की अस्पताल के वार्ड नंबर 209 में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में मृतक के पिता श्रीकांत मिश्रा (उर्फ मंटू मिश्रा) ने शास्त्रीनगर थाने में पारस अस्पताल प्रशासन और जनरल सर्जन डॉ. पिंटू कुमार सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। एफआईआर में उन्होंने हत्या की साजिश का गंभीर आरोप लगाया गया है।
श्रीकांत मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि चंदन मिश्रा को 15 जुलाई 2025 को फिस्टुला और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए पारस अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसी दिन दोपहर 1 से 3 बजे के बीच डॉ. पिंटू कुमार सिंह ने उनका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कहा कि चंदन को 16 जुलाई को शाम 4 बजे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि, बाद में डॉ. पिंटू ने डिस्चार्ज की तारीख बढ़ाकर 17 जुलाई कर दी। श्रीकांत का आरोप है कि 17 जुलाई की सुबह करीब 7:15 बजे पांच हथियारबंद अपराधियों ने अस्पताल के ICU वार्ड में घुसकर चंदन की गोली मारकर हत्या कर दी।
सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर उठे सवाल
श्रीकांत मिश्रा ने एफआईआर में अस्पताल प्रशासन और डॉ. पिंटू कुमार सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अस्पताल में CCTV और हथियारबंद गार्ड्स की मौजूदगी के बावजूद अपराधी बिना किसी रोक-टोक के वार्ड नंबर 209 तक पहुंचे और वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। यह सवाल उठता है कि मेटल डिटेक्टर और सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हथियारबंद अपराधी अस्पताल में कैसे घुसे।