चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया जाएगा. यदि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल रहती है तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. आपको बता दें इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चंद्रमा पर अपने स्पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं.
आखिर चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का क्या है मकसद ?
आपको बता दें चंद्रयान मिशन के तहत इसरो चांद की स्टडी करना चाहता है. भारत ने पहली बार 2008 में चंद्रयान-1 की सफल लॉन्चिग की थी. लेकिन इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में भारत को असफलता मिली थी. चंद्रयान-2 का लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था. अब भारत चंद्रयान-3 लॉन्च करके इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है.
आपको बता दें चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा. इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए इसमें कई अतिरिक्त सेंसर को जोड़ा गया है. इसकी गति को मापने के लिए इसमें एक ‘लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर’ सिस्टम लगाया है.
चंद्रयान-3 मिशन के साथ कई प्रकार के वैज्ञानिक उपकरणों को भेजा जाएगा, जिससे लैंडिंग साइट के आसपास की जगह में चंद्रमा की चट्टानी सतह की परत, चंद्रमा के भूकंप और चंद्र सतह प्लाज्मा के साथ मौलिक संरचना की थर्मल-फिजिकल प्रॉपर्टीज की जानकारी मिलने में मदद हो सकेगी.