Waqf Amendment Bill : वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट गुरुवार को विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच लोकसभा के पटल पर रखी गई. समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा. साथ ही, उन्होंने समिति के समक्ष आए साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी सदन में रखा. इससे पहले, आज समिति की रिपोर्ट राज्यसभा के पटल पर भी रखी गई. विपक्षी सदस्यों का आरोप है कि उनकी असहमति को रिपोर्ट के साथ संलग्न नहीं किया गया है.
#WATCH दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC कमेटी के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। pic.twitter.com/C0bb0fMSWe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2025
विपक्ष की आपत्तियों को जोड़ सकते हैं: अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला(Om Birla) से आग्रह किया कि वह विपक्ष की आपत्तियों को जोड़ सकते हैं और इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कोई आपत्ति नहीं है. इस पर बिरला ने कहा कि कुछ सदस्यों ने उनसे मुलाकात की थी और उनके साथ जिन विषयों पर बात हुई है उन्हें रिपोर्ट के साथ संलग्न कर लिया गया है. विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया और कुछ देर बाद सदन में लौटे.
#Delhi: लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "विपक्ष के कुछ सदस्यों ने चिंता जताई है कि उनके विचारों को (वक्फ जेपीसी रिपोर्ट में) पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया है। मैं अपनी पार्टी की ओर से कहना चाहता हूं कि विपक्ष की चिंताओं को देखते हुए कुछ भी जोड़ा जा सकता है, मेरी… pic.twitter.com/WfdbVHvhzZ
— ITM MEDIA 24 (@itmmedia24) February 13, 2025
विपक्षी सांसदों की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, तो सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. संसद के वर्तमान बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन था. समिति की रिपोर्ट गत 30 जनवरी को लोकसभा(Loksabha) अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी. समिति की 655 पृष्ठ वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया गया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव समाहित हैं. विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक करार दिया था और आरोप लगाया था कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा.
बीजेपी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया था कि पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास करेगा. समिति ने भाजपा सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया था और विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया था.
विपक्ष ने रखा था विधेय़क में 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव
समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था और दावा किया था कि समिति की ओर से प्रस्तावित कानून विधेयक के दमनकारी चरित्र को बरकरार रखेगा और मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024(waqf amendment bill) को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था. विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है.