Thursday, October 2, 2025
HomePush NotificationDussehra 2025: यूपी के कानपुर में अनोखा मंदिर जहां रावण की होती...

Dussehra 2025: यूपी के कानपुर में अनोखा मंदिर जहां रावण की होती है पूजा, साल में एक बार सिर्फ दशहरे पर ही खुलते हैं कपाट

कानपुर के शिवाला क्षेत्र में स्थित अनोखे रावण मंदिर के कपाट हर साल केवल दशहरे पर खुलते हैं। यहां रावण का जन्मोत्सव मनाया जाता है और रात को भगवान राम द्वारा मोक्ष देने की मान्यता है। महिलाएं वैवाहिक सुख के लिए तोरई के फूल चढ़ाती हैं, जबकि भक्त सरसों के तेल के दीये जलाकर रावण की आराधना करते हैं।

Dussehra 2025: कानपुर के शिवाला क्षेत्र में रावण को समर्पित एक मंदिर के कपाट एक अनोखी परंपरा के तहत साल में सिर्फ एक बार विजयादशमी पर ही भक्तों के लिए खुलते हैं. भक्त इस मंदिर में सुबह 6 बजे से रात 8.30 बजे तक ही पूजा-अर्चना कर सकते हैं. इससे ठीक पहले शहर भर में रावण के पुतलों को भगवान राम द्वारा उसकी पराजय के उपलक्ष्य में आग के हवाले कर दिया जाता है.

महिलाएं वैवाहिक आशीर्वाद के लिए चढ़ाती हैं तोरई के फूल

मंदिर के पुजारी चंदन मौर्य ने बताया, ”भक्त यहां सरसों के तेल के दीये जलाते हैं और महिलाएं वैवाहिक आशीर्वाद के लिए तोरई के फूल चढ़ाती हैं. सुबह हम रावण का जन्मदिन मनाते हैं. रात में भगवान राम ने उसे मोक्ष प्रदान किया और रावण वैकुंठ धाम (स्वर्ग) चला गया. उन्होंने बताया कि मंदिर के कपाट सिर्फ दशहरे के दिन सुबह 6 बजे खुलते हैं और रात 8.30 बजे बंद हो जाते हैं.

दशहरे के दिन आते हैं हजारों भक्त

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर में दशहरे के दिन हज़ारों लोग आते हैं. एक भक्त राजिंदर गुप्ता ने कहा, ”दशहरे पर रावण को नहीं, बल्कि उसके पुतले को जलाया जाता है. इसका कारण यह है कि उसने अपार शक्ति और ज्ञान प्राप्त किया और दुनिया पर राज किया लेकिन उसने इन गुणों का दुरुपयोग किया. वह अहंकारी हो गया था और जब कोई अहंकारी हो जाता है तो वह गलत कामों की ओर मुड़ जाता है.”

देशभर में कई जगह की जाती है पूजा

कानपुर का यह मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर नहीं है जहां रावण की पूजा की जाती है. देश के विभिन्न हिस्सों में भी समुदाय उनकी पूजा करते हैं. कुछ तो उन्हें अपना पूर्वज भी मानते हैं, जैसे नोएडा के बिसरख गांव के लोग. बिसरख को रावण का जन्मस्थान माना जाता है और वहां उसका एक मंदिर भी है. इस मंदिर में भक्त न केवल विशेष अवसरों पर, बल्कि पूरे साल भर आते हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस गांव में रावण का पुतला नहीं जलाया जाता बल्कि उसकी पूजा की जाती है.

ये भी पढ़ें: MP Chandrashekhar: सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को किया हाउस अरेस्ट, बरेली जाकर पीड़ितों से मुलाकात करने वाले थे

Premanshu Chaturvedi
Premanshu Chaturvedihttp://jagoindiajago.news
खबरों की दुनिया में हर लफ्ज़ को जिम्मेदारी और जुनून के साथ बुनने वाला। मेरा मानना है कि एक अच्छी खबर केवल सूचना नहीं देती, बल्कि समाज को सोचने, सवाल करने और बदलने की ताकत भी देती है। राजनीति से लेकर मानवता की कहानियों तक, हर विषय पर गहराई से शोध कर निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग करना ही मेरी पहचान है। लेखनी के जरिए सच्चाई को आवाज़ देना मेरा मिशन है।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular