उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल से निकाले गए सभी 41 मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं। मजदूरों को देर रात और सुबह सामान्य भोजन खिलाया गया। उनकी मेंटल हेल्थ की काउंसलिंग की गई। उत्तरकाशी के सीएमओ आरसीएस पवार ने बुधवार को सुबह बताया कि सारे मजदूर स्वस्थ हैं। उनको दोपहर तक एम्स ऋषिकेश शिफ्ट किया जाएगा। इससे पहले सभी को चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और मेडिकल एक्सपर्ट्स की देखरेख में रखा गया। यहां रात भर इन्होंने आराम किया।
इस बीच सभी श्रमिकों से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बातचीत की। उन्होंने सभी से उनके 16 दिन के अनुभवों के बारे में जाना। नवयुवा इंजीनियर कंपनी लिमिटेड के शबा अहमद से सबसे पहले पीएम से बातचीत की। पीएम ने कहा कि 17 दिन कम नहीं होते। आप लोगों ने बड़ी हिम्मत दिखाई। एक दूसरे का हौसला और धैर्य बनाए रखा। मैं लगातार जानकारी लेता रहता था। सीएम पुष्कर सिंह धामी के संपर्क में था। शबा ने बताया कि हमें कभी अहसास नहीं हुआ कि हम कमजोर पड़ रहे हैं। कभी घबराहट नहीं हुई। सभी मजदूर अलग अलग राज्यों से थे, लेकिन हम भाई जैसे रहते थे। खाना आता था तो सभी मिलजुल कर खाते थे।
हम सुबह में योगा करते थे। वहां खाने-पीने के अलावा कुछ करने को नहीं था। तो हम मॉर्निंग वॉक और योगा करते थे, ताकि सेहत बनी रहे।
इससे पहले, उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग से श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने अभियान में शामिल लोगों के जज्बे को सलाम किया और कहा कि उनके साहस एवं संकल्प ने 41 मजदूरों को नया जीवन दिया है।
उन्होंने कहा, “मिशन में शामिल सभी लोगों ने मानवता और टीम वर्क का एक अद्भुत उदाहरण पेश किया है।”
मोदी ने बचाए गए 41 श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके साहस और धैर्य ने सभी को प्रेरित किया है। मोदी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की कामना की।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह बहुत संतुष्टि की बात है कि हमारे ये मित्र लंबे इंतजार के बाद अपने प्रियजनों से मिलेंगे।”
उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों के धैर्य और साहस की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
बचावकर्मियों ने मंगलवार शाम को उन सभी 41 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया, जो 12 नवंबर को भूस्खलन के कारण केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना में शामिल सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद उसमें फंस गए थे।