उत्तरकाशी। दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक कभी भी बाहर निकाले जा सकते हैं। सुरंग के अंदर मेडिकल की टीम पहुंच गई है। मजदूरों के परिजनों को भी सुरंग के पास बुलाया है। परिजन मजदूरों के साथ अस्पताल जाएंगे। एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि हम कामयाबी के करीब हैं। अभी 2 मीटर की खोदाई बची है। अभी मैनुअल काम चल रहा है। हम 58 मीटर खोदाई कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि सभी मजदूरों का स्वास्थ्य ठीक है। सुरंग के अंदर मेडिकल की टीम मौजूद है। किसी भी वक्त मजदूरों को बाहर लाया जा सकता है। एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने बताया कि पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया है, एक सफलता हासिल की गई है और पाइप गुजर गया है। मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है। कम से कम तीन लोग हैं। चार चरण में रेस्क्यू ऑपरेशन होगा। एनडीआरएफ की टीमें अंदर घुस चुकी हैं। रैंप बनते ही मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।
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इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग के मलबे में से बचाव पाइप डालने का काम पूरा हो गया है और सुरंग में पिछले 16 दिन से फंसे हुए 41 मजदूरों को जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग के अंदर ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन के ऑपरेटर शंभू मिश्रा ने बताया कि 1 बजकर 50 मिनट पर जब पाइप आर-पार हुआ तो अंदर फंसे मजदूर खुशी से झूम उठे। उन्होंने हाथ हिलाकर खुशी जताई। उत्तरकाशी की सिलक्यारासुरंग में सफलतापूर्वक पाइप डालने पर सीएम धामी ने रेस्क्यू टीमों को बधाई दी। उन्होंने फेसबुक पोस्ट करते हुए लिखा बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा रही। करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है।
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इस बीच चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात कर दिया गया है। टीम का कहना है कि अगर किसी भी मजदूर की तबीयत खराब लगेगी तो तुरंत एयरलिफ्ट कर अस्पताल भेजा जाएगा। श्रमिकों के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में तैयारियां पूरी हो गई हैं। वहीं, सुरंग के पास लोग श्रमिकों के लिए मालाएं लेकर पहुंचे हैं। इनमें सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिजन भी शामिल हैं।
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इससे पहले मलबे के अंदर 60 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा किया गया। इसके बाद बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल करके बनाए गए रास्ते से भीतर डाला गया और 16 दिन से इसमें फंसे मजदूर किसी भी क्षण बाहर आ सकते हैं। संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है।बचाव कर्मियों ने सुरंग में मलबे में 60 मीटर तक ड्रिलिंग का काम मंगलवार दोपहर तक पूरा कर लिया।
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इस बीच सीएम धामी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘बाबा बौखनाग के अपार आशीर्वाद से, देश के करोड़ों नागरिकों की प्रार्थनाओं के फलस्वरूप और अभियान में लगीं बचाव एजेंसियों के अथक प्रयासों के कारण सुरंग में पाइप डालने का काम पूरा हो गया है और हमारे भाइयों को जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा।’’ सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे।