Asim Munir-Trump: ईरान-इजराइल के बीच भयानक जंग छिड़ी हुई है, दोनों देश एक-दूसरे पर हवाई हमले कर रहे है। अब तक इन हमलों में ईरान के 600 से ज्यादा लोग मारे गए है और 1500 से ज्यादा लोग घायल है। लेकिन इसी बीच पाकिस्तान सैना के आर्मी चीफ को अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार व्हाइट हाउस में लंच के लिए आंमत्रित किया है। पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीर और भारत को लेकर बातचीत हो सकती है। वहीं विश्लेषकों ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दे डाली है। क्योंकि असीम मुनीर ऐसे समय पर अमेरिका पहुंचे हैं जब अमेरिका ईरान पर हमले का लगभग मन बना चुका है।
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने खाड़ी क्षेत्र में अपने फाइटर जेट्स और परमाणु ऊर्जा संचालित लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है। इस घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान, इज़रायल के खिलाफ संघर्ष में अपने पड़ोसी ईरान का स्पष्ट और मजबूती से समर्थन करता है। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में अमेरिका द्वारा तनाव कम करने के प्रयासों का भी समर्थन जताया।
इस वजह से ट्रंप ने दिया मुनीर को न्यौता
अगर ईरान-इजराइज की जंग में अमेरिका कूदता है तो पाकिस्तान का एयरबेस इस्तेमाल कर सकता है और इसीलिए मुनीर को ट्रंप इतना भाव दे रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति का एक आर्मी चीफ से मिलना खुद पाकिस्तानियों को नहीं पच रहा है। पाकिस्तानी पत्रकार और विश्लेषक वकास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह चौंकाने वाला है कि ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ लंच कर रहे हैं। वह भी तब जब उनके समकक्ष पाकिस्तानी के पीएम होते हैं। ऐसे में ट्रंप की एक सरकारी अधिकारी से मुलाकात प्रोटोकाल के बाहर है लकिन यह दिखाता है कि ट्रंप को जनरल मुनीर की जरूरत है।
पीएम मोदी ने ठुकराया न्यौता
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा को लेकर देश के मीडिया में इसे एक ‘बड़ी कूटनीतिक जीत’ के तौर पर पेश किया जा रहा है। यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हो रही है जब इसी महीने भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी। जनरल मुनीर और डोनाल्ड ट्रंप की संभावित लंच मीटिंग के ठीक पहले ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक इस बातचीत में भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।
दरअसल, यह पूरा घटनाक्रम ऑपरेशन सिंदूर के बाद के हालात से भी जुड़ा है। उस दौरान ट्रंप ने सीजफायर कराने का दावा किया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था। इससे पहले भी ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे भारत सरकार ने ठुकरा दिया था। जानकारी यह भी सामने आई है कि ट्रंप द्वारा कनाडा में आयोजित एक कार्यक्रम से सीधे अमेरिका आने का न्योता भारतीय प्रधानमंत्री को दिया गया था, जिसे मोदी ने ठुकरा दिया था।