iran israel conflict : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पर के ऑफर को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा, हाल ही में पुतिन ने उनसे संपर्क किया था और ईरान और इजरायल संकट में मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन ट्रंप ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा – पहले अपना रूस-यूक्रेन वाला मुद्दा सुलझओं, इसके बाद मिडिल ईस्ट और पूरी दुनिया की चिंता करना।
ट्रंप ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध बेवकूफी भरा है, और यदि मैं राष्ट्रपति होता तो यह कभी नहीं होता। पुतिन ऐसा करने की सोचते भी नहीं, ट्रंप ने यह भी कहा है कि मैंने पुतिन से खुद बात की। उसने मुझसे कहा कि वो इजरायल-ईरान मामले में मध्यस्थता करना चाहता है, तो मैंने उससे कह दिया पहले एक काम करो, पहले अपना मुद्दा सुलझाओ। इसके बाद दुनिया की फिक्र करना।

भीषण होती जा रही है ईरान-इजरायल की जंग
अमेरकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच भयानक जंग छिड़ी हुई है और अमेरिका ने भी अपने क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है। वहीं पिछले दो साल से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध चल रहा है और हालात सुधरने की जगह और बिगड़ते जा रहे हैं।
ट्रंप ने एक बार फिर यूक्रेन युद्ध को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। उनका कहना है कि इस युद्ध में मारे गए लोगों की असल संख्या सार्वजनिक आंकड़ों से कहीं अधिक है। ट्रंप ने कहा, बहुत ज़्यादा लोग मारे गए हैं, जितना बताया जा रहा है उससे कहीं ज़्यादा। वहां एक बिल्डिंग गिरती है और कहा जाता है कि कोई घायल नहीं हुआ—क्या ये मजाक है? ट्रंप के इस बयान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा को हवा दे दी है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। जहां एक ओर यूक्रेन युद्ध का समाधान फिलहाल दूर दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव भी वैश्विक हालात को और अधिक जटिल बना रहा है।
पुतिन ने इज़रायल-ईरान संघर्ष पर की मध्यस्थता की पेशकश
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के पत्रकारों के साथ एक गोलमेज बातचीत के दौरान पुतिन ने इस मुद्दे को नाज़ुक करार देते हुए कहा, मेरे विचार में, इसका समाधान संभव है। पुतिन ने यह भी जानकारी दी कि मास्को ने इस दिशा में कुछ ठोस प्रस्ताव तैयार किए हैं, जिन्हें ईरान, इज़रायल और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ साझा किया गया है।