White House Shooting: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में तैनात वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड के 2 सदस्यों को बुधवार को व्हाइट हाउस से महज कुछ दूरी पर गोली मार दी गई. वॉशिंगटन की मेयर मयूरियल बाउजर ने इसे एक सुनियोजित हमला बताया है. संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के निदेशक काश पटेल और बाउजर ने कहा कि नेशनल गार्ड के दोनों सदस्यों की हालत गंभीर है, उनका उपचार किया जा रहा है.
‘थैंक्सगिविंग’ से पहले नेशनल गार्ड के सैनिकों पर गोलीबारी की यह असाधारण घटना ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका की राजधानी और अन्य शहरों में उसकी मौजूदगी महीनों से विवाद का मुद्दा बनी हुई है, जिससे अदालत में कानूनी लड़ाई और सार्वजनिक नीति पर व्यापक बहस छिड़ गई है. यह विवाद बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा सेना का इस्तेमाल किए जाने से जुड़ा है.
अफगान नागरिक है संदिग्ध
एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि पुलिस हिरासत में लिए गए एक संदिग्ध को भी गोली लगी है लेकिन ऐसा बताया गया है कि उसकी चोट जानलेवा नहीं हैं. यह 29 वर्षीय संदिग्ध अफगान नागरिक है जो 2021 में ‘ऑपरेशन अलाइज वेलकम’ के तहत अमेरिका पहुंचा था. यह बाइडन प्रशासन का कार्यक्रम था जिसके तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद वहां से निकाले गए हजारों अफगान नागरिकों को यहां बसाया गया था.
पहल के तहत करीब 76,000 लोग अमेरिका लाए गए
इस पहल के तहत करीब 76,000 लोग अमेरिका लाए गए, जिनमें से कई अमेरिकी सैनिकों और राजनयिकों के साथ बतौर दुभाषिया और अनुवादक काम कर चुके थे. लेकिन इनके सत्यापन की प्रक्रिया में खामियों को लेकर ट्रंप एवं उनके सहयोगियों, कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्यों और कुछ सरकारी निगरानी संस्थाओं ने इस नीति की कड़ी आलोचना की थी जबकि समर्थकों का कहना था कि इसने तालिबान के प्रतिशोध का जोखिम झेल रहे लोगों को जीवनदान दिया.
कौन है रहमानुल्लाह लकनवल ?
वॉशिंगटन में रह रहे संदिग्ध की पहचान कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा रहमानुल्लाह लकनवल के रूप में की गई है लेकिन 2 कानून प्रवर्तन अधिकारियों और मामले से जुड़े एक व्यक्ति के अनुसार, अधिकारी अब भी उसकी पृष्ठभूमि की पूरी तरह से पुष्टि करने में लगे हैं. लकनवल अपनी पत्नी और 5 बच्चों के साथ वॉशिंगटन के बेलिंघम पहुंचा था जो सिएटल से लगभग 127.1 किलोमीटर उत्तर में है. उसकी पूर्व मकान-मालकिन क्रिस्टिना विडमैन ने यह जानकारी दी.
ट्रंप ने गोलीबारी को पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध बताया
ट्रंप ने बुधवार रात को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए एक वीडियो संदेश में बाइडन प्रशासन के तहत आए सभी अफगान शरणार्थियों की दोबारा जांच करने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते, तो हमें उनकी जरूरत नहीं है. उन्होंने इस गोलीबारी को पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध बताया.
‘हमले के पीछे के मकसद का खुलासा नहीं ‘
वॉशिंगटन पुलिस के कार्यकारी सहायक प्रमुख जेफरी कैरोल ने कहा कि जांचकर्ताओं को अभी हमले के पीछे के मकसद का पता नहीं चला है. उन्होंने बताया कि हमलावर करीब आया और वीडियो फुटेज के अनुसार उसने सैनिकों को देखते ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं. उन्होंने कहा-‘ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक अकेला बंदूकधारी था जिसने हथियार उठाया और नेशनल गार्ड के सदस्यों पर घात लगाकर हमला किया. यह स्पष्ट नहीं है कि संदिग्ध को किसी सैनिक ने गोली मारी या किसी कानून प्रवर्तन अधिकारी ने.’
मेट्रो स्टेशन के पास हुई गोलीबारी की घटना
गोलीबारी की यह घटना व्हाइट हाउस के 2 ब्लॉक उत्तर-पश्चिम में एक मेट्रो स्टेशन के पास हुई. गोलियों की आवाज सुनकर आसपास मौजूद अन्य सैनिक वहां पहुंचे और संदिग्ध को काबू में किया. वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मॉरिसी ने शुरुआत में कहा था कि सैनिकों की मौत हो गई है, लेकिन बाद में उन्होंने बयान वापस लेते हुए कहा कि उनके कार्यालय को परस्पर विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं.
500 और नेशनल गार्ड वॉशिंगटन भेजने का आदेश
गोलीबारी के बाद ट्रंप प्रशासन ने तुरंत 500 और नेशनल गार्ड सदस्यों को वॉशिंगटन भेजने का आदेश दिया है. रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें अतिरिक्त सैनिक भेजने के लिए कहा है. सरकार की ओर से प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार, लगभग 2,200 सैनिक वर्तमान में शहर में संयुक्त कार्य बल के साथ तैनात हैं.
हमले पर उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कही ये बात
उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने केंटुकी के फोर्ट कैंपबेल में सैनिकों से कहा, ‘यह घटना याद दिलाती है कि चाहे सैनिक सक्रिय ड्यूटी पर हों, रिजर्व में हों या नेशनल गार्ड में, हमारे सैनिक ही अमेरिका की ढाल और तलवार हैं. नेशनल गार्ड ब्यूरो के प्रमुख जनरल स्टीवन नॉर्डहाउस ने ग्वांतानामो बे में सैनिकों के साथ छुट्टी बिताने की योजना रद्द कर दी और वॉशिंगटन डी.सी. पहुंच गए हैं. सेना के सचिव डैन ड्रिस्कॉल ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और वह बहुत दुखी हैं.
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