उन्नाव। उन्नाव जिले के माखी थाना क्षेत्र में तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने अब अपनी मां, चाचा और बहन समेत कई लोगों पर उत्पीड़न, आपराधिक विश्वासघात और धमकी देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शशि शेखर सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर माखी थाने की पुलिस ने गुरुवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 और 506 के तहत पीड़िता के चाचा, मां, बहन तथा एक अन्य महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सिंह ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिस चाचा के साथ मिलकर पीड़िता ने तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ न्याय की लड़ाई जीती, उसी चाचा और परिवार के अन्य सदस्यों पर अब उसने सरकार और गैर सरकारी संगठनों से मिली सहायता राशि को हड़पने,सरकार से मिले मकान से धक्का देकर निकालने व धोखाधड़ी, बेईमानी कर षड्यंत्र रचने तथा प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। पुलिस को दी शिकायत में माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता ने आरोप लगाया है कि इस समय वह आठ माह की गर्भवती है और परिजनों के षड्यंत्र एवं लालच के कारण दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
धोखाधड़ी की, बेईमानी से षड्यंत्र रचा
पीड़िता का आरोप है कि परिजन धोखाधड़ी, बेईमानी से षड्यंत्र रचकर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं। पीड़िता ने परिजनों पर उसके पति को भी फंसाने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने शिकायत में लिखा है,आपराधिक प्रवृत्ति के मेरे लालची चाचा महेश सिंह पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं, वह मेरे और मेरे पति की जान के दुश्मन बने हुए हैं। पीड़िता ने कहा, अपनी जरूरत और खर्च के लिए जब मैंने अदालत के आदेश पर सरकार और गैर सरकारी संगठनों द्वारा मुझे दी गई रकम मांगी तो मेरे चाचा महेश सिंह ने कहा कि पहले ही मामले के प्रबंधन में सात करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और जो पैसा मिला है वह कम है, मुझे तुमसे और पैसा चाहिये।
चाचा पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया, महेश सिंह आपराधिक प्रवृत्ति का है, जो हत्या के प्रयास के मामले में तिहाड़ जेल में 10 वर्ष की सजा काट रहा है। उन्हीं के कहने पर मेरी मां आशा सिंह व मेरी सगी बहन मेरे व मेरे पति की जान की दुश्मन बन गये हैं। उसने यह भी आरोप लगाया कि मामले के बाद सरकार की तरफ से मुझे जो घर मिला था, उससे मुझे व मेरे पति को धक्के मार कर भगा दिया गया जिससे मेरे गर्भ में पल रहे मासूम की जान भी जा सकती थी।
2017 में लगाया था सेंगर पर आरोप
वर्ष 2017 में उन्नाव जिले के भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर पर पीड़िता ने अपहरण कर दुष्कर्म का आरोप लगाया था और इस मामले में पुलिस ने सेंगर को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। पीड़िता उस समय नाबालिग थी। सेंगर को उन्नाव जिले में 17 वर्षीय उक्त किशोरी से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार देते हुए दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेंगर को जिस समय यह सजा सुनाई गई थी, वह उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक थे। सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। सेंगर इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं।