जयपुर। कांग्रेस सरकार के पूर्व राज्य मंत्री राजेंन्द्र सिंह गुढा और बीजीपे विधायक मदन दिलावर को विधानसभा से निलंबित कर दिया। प्रदेश में बढते महिला अत्याचार की घटनाओं पर गुढ़ा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान बाजी की थी । बर्खास्तगी के बाद गुढ़ा ने मीडिया के सामने आकर एक लाल डायरी का जिक्र किया । सीएम गहलोत सहित कई कांग्रेस नेताओं पर लाल डायरी में भ्रष्टाचार में शामिल होने का दावा किया। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंन्द्र राठौड और उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया प्रेस से मुखातिब हुए । मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि जब सदन की कार्यवाही चलती है, उस दौरान सदन के बाहर कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय होता है, संसदीय परंपराओं के अनुसार उसके बारे में सदन के नेताओं को पूर्व सूचना देना और अवगत कराना आवश्यक होता है सीएम गहलोत तीन महीने पहले जिनके पुत्र के जन्म दिवस पर उनके गांव में जाकर कहते हैं कि अगर राजेंद्र सिंह गुढा नहीं होते तो मेरी सरकार नहीं होती, मैं आपका अहसान भूल नहीं सकता। और उसी व्यक्ति ने जब महिला उत्पीडन पर सरकार को आईना दिखाया तो मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने कहा कि गुढा के बयान के बाद उनको बर्खास्त करना और यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब सदन सत्र चल रहा है। सदन का अधिकार है कि, प्रदेश में महिलाओं की अस्मत लुट रही है। एैसे गंभीर मामले पर कोई मंत्री बोलता है और उसे बर्खास्त किया जाता है। राठौड ने तत्कालीन हरिदेव जोशी सरकार में मंत्रिमंडल सदस्य रामपाल उपाध्याय का हवाला देते हुए कहा कि रामपाल उपाध्याय पर आरोपों के चलते सदन में उन से त्यागपत्र लिया गया था। उस दौरान भैरों सिंह शेखावत ने सदन में इस मुद्दे को उठाया था। तब सदन में 5 घंटे तक इस मुद्दे पर बहस चली थी। राजेंन्द्र राठौड ने कहा हमारी संसदीय परंपरा रही है, राजेन्द्र गुढा की बर्खास्तगी पर बहस होनी चाहिए। लेकिन अफसोस है कि इसकी अनुमति नहीं मिली। कल राजेन्द्र गुढा ने एक प्रेसवार्ता में लाल डायरी का मामला उठाया था। जिसमें उन्होने बताया कि जब ईडी की रेड चल रही थी तब मुख्यमंत्री ने कहा तुम जाओ और लाल डायरी लेकर आओ रामलाल जाट और धीरज गुर्जर को मेरे साथ भेजा गया। रेड के दौरान सीआरपीएफ के 150 जवानों के बीच में लाल डायरी को मुख्यमंत्री के निर्देश पर उठाया और नीचे फेंक दिया। गुढा ने प्रेसवार्ता में लाल डायरी में मुख्यमंत्री के करोड़ों रुपए के अवैध संपत्ति के रहस्य होने का जिक्र किया। आज सुबह जब हाउस जुड़ा हमने प्रश्नकाल को बड़े अच्छे तरीके से निकाला, और समाप्त होते समय हमने अपनी बात रखी। मैंने कहा कि यह सदन और प्रदेश जानना चाहता है, कि नियम और प्रक्रिया अनुसार बर्खास्तगी होने पर सरकार सदन में पूरे घटनाक्रम पर अपना वक्तव्य दे। राजेन्द्र सिंह गुढा ने जब बोलने के लिए समय मंागा तो उनको समय नहीं दिया गया। इस पर जब संसदीय कार्य मंत्री बोलने लगे तो गुढा ने विरोध भी किया और उसके बाद जो भी मारपीट का घटनाक्रम हुआ उसको सारी दुनिया ने यूट्यूब के जरिये देखा जिसमें राजस्थान की विधानसभा और प्रदेश शर्मशार हुआ है।