जयपुर, राजस्थान सरकार ने अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो.अधिकारियों ने यह जानकारी दी.इसके तहत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों एवं अधीक्षकों को मानक ‘प्रोटोकॉल’ का पालन करने को कहा गया है.
”दोषी लोक सेवक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी”
एक आधिकारिक बयान के अनुसार मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में मानक ‘प्रोटोकॉल’ का पालन नहीं होने के कारण विगत दिनों मरीजों को हुई असुविधा के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं.साथ ही, सरकार ने हिदायत दी है कि लापरवाही के कारण भविष्य में अगर ऐसी कोई घटना सामने आती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षक की होगी और दोषी लोक सेवक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.
”भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो”
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि विगत दिनों SMS अस्पताल में मरीज को दूसरे ग्रुप का ब्लड चढ़ाने, कांवटिया अस्पताल के परिसर में महिला का प्रसव जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है.उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों एवं अधीक्षकों को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पत्र लिखकर दिशा-निर्देश दिए हैं.
”चिकित्सक ‘ड्यूटी रोस्टर’ के अनुसार सेवाएं दें”
पत्र में कहा गया है कि चिकित्सालयों में ‘‘ड्यूटी रोस्टर’’ में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाए और सभी चिकित्सक अपनी ड्यूटी के अनुसार अस्पताल में उपस्थित रहें.इसमें कहा गया है कि चिकित्सक ‘ड्यूटी रोस्टर’ के अनुसार सेवाएं दें और इसकी निगरानी अस्पताल अधीक्षक के स्तर से की जाएगी.‘रोस्टर’ की अवहेलना की स्थिति में प्राचार्य एवं नियंत्रक नियमानुसार कार्रवाई करेंगे.
अस्पतालों के स्टोर का नियमित निरीक्षण, सभी उपकरणों की समुचित आपूर्ति के साथ ही विभिन्न मशीनों का रखरखाव सुनिश्चित करना, ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति जैसे अन्य निर्देश भी जारी किए गए हैं.