नई दिल्ली। संसद में 5 दिवसीय विशेष सत्र चल रहा है. मगंलवार को सत्र का दूसरा दिन है. सत्र की आगे की कार्यवाही आज से नए संसद भवन “सेंट्रल विस्टा” में चलेगी. पुरानी संसद में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों ने एक साथ फोटो शूट करवाए. इसमें पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य उपस्थित रहे. इससे पहले विशेष सत्र के पहले दिन मोदी कैबिनेट से महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है.
मंगलवार को गणेश चतुर्थी के दिन भारत के नए संसद भवन से सदन की कार्यवाही प्रारम्भ होगी. पुराना संसद भवन ब्रितानी हुकूमत द्वारा वर्ष 1921 में तैयार कराया गया था. 1947 में आजादी मिलने के बाद से भारतीय संसद की कार्यवाही उसी भवन में जारी रही. इससे पहले पीएम मोदी ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष से संबोधन किया. पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी संसद की गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए. इसके साथ ही पीएम मोदी ने पुरानी संसद का नया नाम संविधान सदन रखा.
मंगलवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत की. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में हम नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं. आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराकर फिर एक बार संकल्पबद्ध होकर और उसको पूर्ण करने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं. ये भवन और उसमें भी यह सेट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है. हमे भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है. आजादी के पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था. बाद में यहां संविधान सभा की बैठक शुरू हुई. उसमें गहन चर्चा करके हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया.
पीएम मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया. यह सेंट्रल हॉल उस प्रकिया का भी साक्षी है. हमारे राष्ट्रगान और तिरंगे को भी यहीं अपनाया गया. यहीं पर चार हजार से ज्यादा कानून पास हुए. इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी पाटी पर चल गई थी. इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया.