पंजाब। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति कर रहा है और ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना सामूहिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए उनका एक और कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की शुरुआत की और इसके तहत पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को बिना किसी गारंटी के न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने 700 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ मंत्र हर किसी को प्रगति करने में मदद करेगा, खासकर उन लोगों को, जिन्हें पहले नजरअंदाज किया गया था। उन्होंने सभी कारीगरों से इस योजना का लाभ उठाने का भी आह्वान किया।
5 वर्षो की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ ‘पीएम विश्वकर्मा’ के तहत 18 पारंपरिक शिल्पों के कलाकारों को शामिल किया जाएगा, जिनमें बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाले), फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले, पांरपरिक खिलौना बनाने वाले, नाई आदि शामिल हैं। इन कारीगरों और शिल्पकारों के लगभग 30 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।